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घर तक पहुंचेगा छात्रों के मिड-डे मील का राशन, कुंकिंग कॉस्ट भी मिलेगी साथ

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Published : Apr 1, 2020, 4:27 PM IST

Updated : Apr 1, 2020, 8:41 PM IST

मिड-डे मील का राशन बच्चों के घरों तक पहुंचाने के लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा उप निदेशकों को छात्रों तक मिड डे मील का राशन भिजवाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए जिला उपायुक्तों की मदद लेने के लिए विभाग विचार कर रहा है.

mid day meal distribution for students
मीड-डे मील.

शिमला: प्रदेश में कोरोना वायरस के खौफ के चलते स्कूल बंद हैं. अब स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील को छुट्टियों में भी बच्चों तक पहुंचाने की तैयारी प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कर ली है.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा उप निदेशकों को छात्रों तक मिड डे मील का राशन भिजवाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए जिला उपायुक्तों की मदद लेने के लिए विभाग विचार कर रहा है.

वीडियो.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी शिक्षा उपनिदेशक इस मामले को अपने संबंधित जिलों के उपायुक्तों के सामने उठाएं और तय डाइट के हिसाब से मिड डे मील का राशन छात्रों में वितरित किया जाए.

शिक्षा निदेशालयों के निर्देशों में सर्वोच्च न्यायालय के उन आदेशों का भी उल्लेख है. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि कोविड-19 के इस संकट में बच्चों का इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम करे इसके लिए बच्चों को ज्यादा न्यूट्रिशन की आवश्यकता है. इसके लिए स्कूल बंद होने पर भी छात्रों को घर तक मिड डे मील का राशन पहुंचाया जाना चाहिए.

अब प्रारंभिक निदेशालय की ओर से एक बार फिर से यह निर्देश मिड डे मील को लेकर जारी किए गए है. हालांकि निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी तरह की सावधानियां भी बरती जाएं और छात्रों के अभिभावकों को यह मिड डे मील दिया जाए.

प्राइमरी स्तर पर प्रति छात्र को 100 ग्राम और अप्पर प्राइमरी स्तर पर प्रति छात्र 150 ग्राम चावल प्रतिदिन के हिसाब से देने को कहा गया है. विभाग ने स्कूलों को पुराना कोटा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल खुलने के बाद मिड डे मील मिलने की प्रक्रिया पहले की तरह स्कूलों में ही सुचारू रहेगी. मिड डे मील के साथ ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने छात्रों को कुकिंग कॉस्ट की राशि भी देने को कहा है. अभिभावकों को स्कूल बुलाकर कुंकिंग कॉस्ट की राशि दी जा सकती है.

बता दें कि प्राथमिक स्तर पर यह कुकिंग कॉस्ट प्रति छात्र प्रतिदिन 4.48 रूपये होगी और अप्पर प्राथमिक स्तर में कुकिंग कॉस्ट प्रति छात्र प्रतिदिन 6.71 रूपये होगी. प्रदेश के स्कूलों में ढाई लाख के करीब छात्रों को मिड डे मील दिया जाता है. इससे पहले भी छात्रों के मीड-डे मील का राशन घर तक पहुंचाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच यह संभव नहीं हो पाया था.

अब एक बार फिर छात्रों का तक मीड-डे मील का राशन पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं. शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने सभी उप निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं कि इस पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट को शीघ्र निदेशालय को भेजा जाए, जिससे कि इसे सरकार के समक्ष पेश किया जा सके.

शिमला: प्रदेश में कोरोना वायरस के खौफ के चलते स्कूल बंद हैं. अब स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील को छुट्टियों में भी बच्चों तक पहुंचाने की तैयारी प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कर ली है.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा उप निदेशकों को छात्रों तक मिड डे मील का राशन भिजवाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए जिला उपायुक्तों की मदद लेने के लिए विभाग विचार कर रहा है.

वीडियो.

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी शिक्षा उपनिदेशक इस मामले को अपने संबंधित जिलों के उपायुक्तों के सामने उठाएं और तय डाइट के हिसाब से मिड डे मील का राशन छात्रों में वितरित किया जाए.

शिक्षा निदेशालयों के निर्देशों में सर्वोच्च न्यायालय के उन आदेशों का भी उल्लेख है. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि कोविड-19 के इस संकट में बच्चों का इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम करे इसके लिए बच्चों को ज्यादा न्यूट्रिशन की आवश्यकता है. इसके लिए स्कूल बंद होने पर भी छात्रों को घर तक मिड डे मील का राशन पहुंचाया जाना चाहिए.

अब प्रारंभिक निदेशालय की ओर से एक बार फिर से यह निर्देश मिड डे मील को लेकर जारी किए गए है. हालांकि निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी तरह की सावधानियां भी बरती जाएं और छात्रों के अभिभावकों को यह मिड डे मील दिया जाए.

प्राइमरी स्तर पर प्रति छात्र को 100 ग्राम और अप्पर प्राइमरी स्तर पर प्रति छात्र 150 ग्राम चावल प्रतिदिन के हिसाब से देने को कहा गया है. विभाग ने स्कूलों को पुराना कोटा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल खुलने के बाद मिड डे मील मिलने की प्रक्रिया पहले की तरह स्कूलों में ही सुचारू रहेगी. मिड डे मील के साथ ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने छात्रों को कुकिंग कॉस्ट की राशि भी देने को कहा है. अभिभावकों को स्कूल बुलाकर कुंकिंग कॉस्ट की राशि दी जा सकती है.

बता दें कि प्राथमिक स्तर पर यह कुकिंग कॉस्ट प्रति छात्र प्रतिदिन 4.48 रूपये होगी और अप्पर प्राथमिक स्तर में कुकिंग कॉस्ट प्रति छात्र प्रतिदिन 6.71 रूपये होगी. प्रदेश के स्कूलों में ढाई लाख के करीब छात्रों को मिड डे मील दिया जाता है. इससे पहले भी छात्रों के मीड-डे मील का राशन घर तक पहुंचाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच यह संभव नहीं हो पाया था.

अब एक बार फिर छात्रों का तक मीड-डे मील का राशन पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं. शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल ने सभी उप निदेशकों को निर्देश जारी किए हैं कि इस पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट को शीघ्र निदेशालय को भेजा जाए, जिससे कि इसे सरकार के समक्ष पेश किया जा सके.

Last Updated : Apr 1, 2020, 8:41 PM IST
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