शिमला: हिमाचल में गर्मी से हाल बेहाल होने लगे हैं. मार्च महीने में जहां पहाड़ों पर मौसम सर्द बना रहता था. वहीं, इस बार मार्च महीने में कई सालों के रिकॉर्ड टूट (Highest temperature recorded in Himachal) गए हैं. मार्च माह में तापमान सामान्य से काफी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. 31 मार्च को ऊना में दस साल बाद 39 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा सोलन सहित अन्य शहरों में भी तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है. वहीं, अप्रैल महीने में भी इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने के आसार बन गए हैं.
बता दें कि 30 मार्च 2022 को कांगड़ा में अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि 31 मार्च 2017 34.1 डिग्री दर्ज किया गया था. शिमला में 17 मार्च को रात को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा. इससे पहले 2010 में मार्च माह में न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री रहा था. मनाली में मार्च माह में अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री रहा. इससे पहले 2004 में तापमान 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला में अधिकतम 32.2 डिग्री तापमान दर्ज हुआ. इससे पहले धर्मशाला में 2010 में 31.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था.
प्रदेश में आगमी दस दिन मौसम साफ (Weather in Himachal) बना रहेगा. जिससे तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है. मौसम विभाग द्वारा मैदानी इलाकों में लू का अलर्ट (Heat wave alert in Himachal) भी जारी किया गया है. ऐसे में आगमी दिनों में भी भीषण गर्मी से फिलहाल राहत मिलने के आसार कम है. इसके अलावा मार्च माह में बारिश भी काफी कम हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में आगामी चार दिनों तक मौसम साफ रहने की संभावना है. ऐसे में इस दौरान पारा और चढ़ सकता है.
वहीं, आगामी 8 से 10 दिनों तक हिमाचल में बारिश की कोई भी संभावना नहीं है. प्रदेश के जिला कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल स्पीति और सोलन में रिकॉर्ड तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि इस वर्ष मार्च में अधिकतम तापमान असामान्य रूप से अधिक रहा है. कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और सोलन जिले में पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए मार्च 2022 में अब तक का सबसे उच्च तापमान दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर भागों में मौसम शुष्क रहेगा.
दो से तीन दिनों में थोड़ी गिरावट की संभावना (weather forecast in himachal pradesh) को छोड़कर कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है. उन्होंने बताया कि मार्च माह में बारिश पूरे प्रदेश में सामान्य से कम हुई है. सिरमौर में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है और जिला कुल्लू में मार्च माह में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का असर कर रहने से और ग्लोबल वार्मिंग के परिवर्तन के चलते इस बार तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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