शिमला: हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग में धांधली के बाद सरकार ने उसे भंग कर दिया था. अब हिमाचल का नया भर्ती विधान कैसा होगा और क्लास-थ्री के पदों की भर्ती के लिए किस तरह का सिस्टम अपनाया जाएगा, इसे लेकर सुखविंदर सिंह सरकार की तरफ से गठित कमेटी की पहली बैठक हुई है. शिमला में कमेटी की बैठक की अध्यक्षता हिमाचल सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी रहे रिटायर्ड आईएएस दीपक सानन ने की.
कमेटी की पहली मीटिंग में भर्ती से संबंधित देश के अन्य राज्यों की प्रणाली पर चर्चा हुई. साथ ही त्रुटिरहित यानी फूलप्रूफ मैकेनिज्म तैयार करने पर मंथन किया गया. मीटिंग में क्लास-3 के सभी पदों व सेवाओं में नियुक्ति की निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया तैयार करने पर खास जोर दिया गया. कमेटी की मीटिंग में बतौर सदस्य पूर्व आईएफएस अफसर व लोक सेवा आयोग में चेयरमैन रहे अजय शर्मा, कोस्टल गार्ड इंडिया के पूर्व उप महानिदेशक देवराज शर्मा के अलावा आईएएस अफसर मुकेश रेपस्वाल (निदेशक, सूचना प्रौद्योगिकी एवं समिति के सचिव) भी मौजूद थे.
समिति ने इस संबंध में नियमों व शर्तों पर विस्तार से चर्चा की. इस दौरान कमेटी के कार्यक्षेत्र पर भी फैसला लिया गया. समिति ऐसी प्रणाली पर जोर देगी, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग हो सके. इससे न केवल भावी उम्मीदवारों बल्कि राज्य सरकार पर भी दबाव कम होगा. साथ ही भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकेगा. समिति ने आवेदन अवधि से लेकर परीक्षाओं के आयोजन और भर्ती के लिए सुझावों तक नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित पहलुओं का ठोस समाधान निकालने का फैसला लिया.
उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में भर्ती विधान को सरल व पारदर्शी बनाने का ऐलान किया था. उसके लिए नए भर्ती विधान व भर्ती एजेंसी के गठन को लेकर कमेटी गठित की गई है. पूर्व आईएएस अफसर दीपक सानन को इसका जिम्मा दिया गया है. कमेटी ने पहली बैठक में विचार किया कि परीक्षाओं के आयोजन की प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी बनाने के साथ-साथ कम खर्चीला बनाने पर जोर दिया जाएगा.
समिति ने यह भी निर्णय लिया कि हिमाचल प्रदेश में भर्ती में विभिन्न विभागों व संगठनों द्वारा अपनाई जा रही भर्ती प्रक्रियाओं पर विस्तृत व गहन जानकारी जुटाई जाएगी. साथ ही नेशनल लेवल पर भर्ती एजेंसियों व बेहतरीन भर्ती प्रकियाओं के संबंध में भी जानकारी ली जाएगी. प्रगतिशील राज्यों में अपनाई जा रही प्रणालियों का भी अध्ययन किया जाएगा. कमेटी वरीयता आधारित चयन के लिए व्यापक स्तर पर परीक्षाओं में उपयोग में लाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय प्रचलनों पर भी विचार करेगी. समिति प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि में अपनी रिपोर्ट देने के लिए प्रयासरत है. कमेटी की अगली बैठक अब 23 मई को होगी.
Read Also- हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों का NPS कंट्रीब्यूशन डिडक्शन बंद, फाइनल नोटिफिकेशन का इंतजार