शिमला: मुख्यमंत्री सुखविदंर सिंह सुक्खू सीमेंट विवाद को हल करने को लेकर आज फिर से बैठक करेंगे. जिसमें अहमदाबाद से अडानी समूह के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. सोमवार शाम गोवा से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमेंट विवाद को लेकर राज्य सचिवालय में ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक की. इस बैठक में अंबुजा दालड़ाघाट और एसीसी बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों की सोसायटियों के प्रतिनिधि शामिल हुए. ट्रक ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री के सामने अपना पक्ष रखा. अब आज के लिए फिर से बैठक बुलाई गई है, जिसमें अडानी समूह के उच्च अधिकारी भी शामिल होंगे. इससे विवाद सुलझने के आसार बन गए हैं.
सीएम बोले- जल्द निकलेगा समाधान: सोमवार शाम हुई इस बैठक में ट्रक ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री के सामने अपना पक्ष रखा. ट्रक ऑपरेटरों का कहना था कि अडानी का रवैया इस विवाद को लेकर नराकात्मक रहा है. हालांकि ट्रक ऑपरेटर सरकार के कहने पर पहले अपना भाड़ा कम करने को तैयार हो गए थे, लेकिन अडानी समूह 9 रुपए प्रति किलोमीटर के भाड़े पर अड़ा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री ने सीमेंट विवाद को जल्द सुलझाने की बात कही है. मुख्यमंत्री ने कहा यह विवाद लंबा चलने वाला नहीं है. सरकार एक दो दिन में इस मामले पर फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसी का नुकसान नहीं चाहती. उनका यह भी कहना था कि सरकार ट्रक ऑपरेटरों के साथ खड़ी है. ट्रक ऑपरेटर हिमाचल के लोग हैं.
पहले भी सीएम ट्रक ऑपरेटरों के साथ कर चुके हैं बैठक: मुख्यमंत्री इससे पहले भी ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठकें कर चुके हैं. 2 फरवरी को ट्रक ऑपरेटरों के साथ मुख्यमंत्री ने दो दौर की बातचीत की थी, जिसमें ट्रक ऑपरेटरों को नया भाड़ा तय करने को कहा गया था. इसके बाद 3 फरवरी को बैठक हुई जिसमें ट्रक ऑपरेटरों ने 10.15 रुपए से 10.20 रुपए प्रति किलोमीटर सीमेंट ढुलाई की दर पर काम करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि इसके बाद ट्रक ऑपरेटरों और अडानी के अधिकारियों की एक बैठक चंडीगढ़ में हुई थी और दूसरी बैठक बिलासपुर में हुई. बैठक में नए भाड़े को अडानी के अधिकारियों ने खारिज कर दिया था. ट्रक ऑपरेटरों को अडानी की ओर से 9 रुपए प्रति किलोमीटर भाड़ा का ऑफर दिया गया था, जिसे ट्रक ऑपरेटरों ने नकार दिया.
अधिकारियों से लेकर मंत्री स्तर की हो चुकी हैं कई बैठकें: सरकार सीमेंट विवाद को हल करने की कोशिश लगातार कर रही है. मुख्यमंत्री ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को इस विवाद का हल करने की जिम्मेवारी दी हैं. वह अडानी कंपनियों के अधिकारियों और ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक कर चुके हैं, वह अडानी समूह के प्लांटों को एक तरफा बंद करने के फैसले पर भी सरकार की ओर से नाराजगी जता चुके हैं. परिवहन सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में बनी स्टैंडिंग कमेटी और खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक केसी चमन भी दोनों पक्षों के साथ कई बैठकें हुई हैं. डीसी बिलासपुर और सोलन और संबंधित एसडीएम कई बैठकें दोनों पक्षों के साथ कर चुके हैं लेकिन अभी तक विवाद का कोई हल नहीं निकला है.
दो माह से बंद रखी अडानी ने सीमेंट फैक्ट्रियां: अडानी ने दाड़लाघाट की अंबुजा और बरमाणा की अपनी दोनों सीमेंट फैक्ट्रियों को बंद करने के आदेश 14 दिसंबर को लिखित तौर पर दिए थे. इसमें कर्मचारियों को 15 दिसंबर से काम पर न आने के लिए कहा गया था. इस तरह करीब दो माह से अडानी ने फैक्ट्रियों पर ताले जड़ रखे हैं. अडानी समूह ने इन फैक्ट्रियों को बंद करने के पीछे इनके घाटे में होने की वजह बताया था.
बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के पूर्व प्रधान राम कृष्ण शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बात सही दिशा में आगे बढ़ी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री के साथ मंगलवार को होने वाली बैठक में बातचीत किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी. इस बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चैहान, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप, कंपनी के प्रतिनिधि नवीन जिंदल और दिनेश शर्मा, बरमाणा ट्रक यूनियन और दाड़लाघाट ट्रक यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए.
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