शिमला: हिमाचल में सीमेंट फैक्ट्री विवाद का हल नहीं निकल पाया है. इस मसले को लेकर शुक्रवार को परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में एक बैठक शिमला में हुई. जिसमें दोनों कंपनियों के प्रबंधन और ट्रक यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ सोलन और बिलासपुर के डीसी शामिल रहे. मगर भाड़े को लेकर दोनों में कोई सहमति नहीं बन पाई. हालांकि दोनों पक्ष आगे बैठक दोबारा से करने पर राजी हुए हैं. (cement factory controversy in himachal)
बताया जा रहा है कि शिमला में हुई बैठक में कंपनी प्रबंधन भाड़े को कम करने पर अड़ा हुआ है. कंपनी 2005 में तय रेट देना चाह रही है. तब प्रति किलोमीटर करीब 6 रुपए प्रति टन भाड़ा तय किया गया था, लेकिन ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि यह किराया बहुत कम है जबकि आज मंहगाई कई गुणा अधिक बढ़ गई है. एक ओर ट्रक यूनियनों का मानना है कि 2005 का किराया बहुत कम है जबकि ट्रक यूनयिन वर्तमान में जिस रेट पर सीमेंट ढुलाई कर रही है वो कंपनी प्रबंधनों के मुताबिक बहुत ज्यादा है.
कंपनी प्रबंधन ने बैठक में कहा है कि हिमाचल में भाड़ा अधिक होने की वजह से सीमेंट पंजाब, राजस्थान जैसे प्रदेशों की तुलना में कहीं ज्यादा मंहगा है. यही वजह है कि इन राज्यों से अब हिमाचल में सीमेंट आ रहा है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में बरमाणा फैक्ट्री ट्रक ऑपरेटरों की यूनियन के प्रतिनिधियों ने अगले 10 दिनों में इस पर अपना फैसला लेने की बात कही है. यूनियन अपनी जनरल बॉडी में इस मसले को ले जाएगी. इसमें यह तय होगा कि भाड़ा कितना हो सकता है. वहीं, अंबुजा फैक्ट्री की यूनियन की सोमवार को एडीएम के साथ अर्की में बैठक होगी.
माल भाड़े के विवाद को लेकर बंद कर रखे हैं प्लांट: अडानी समूह ने हिमाचल में दो बरमाणा और अंबुजा के प्लांट बंद कर रखे हैं. अडानी समूह सीमेंट फैक्ट्रियों से सीमेंट ढुलाई के भाड़े को कम करने की बात कर रहा है. इसको लेकर पहले बातचीत होती रही लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया. दोनों फैक्ट्रियां बीते 14 दिसंबर से बंद हैं. इस विवाद को सुलझाने के लिए सरकार आज मध्यस्थता की भूमिका निभा रही थी, जिसमें दोनों पक्षों के साथ अधिकारियों की बैठक हुई. लेकिन इसमें भी दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई.
उल्लेखनीय है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार इस मसले को हर हाल में हल करना चाह रही है. इसके लिए सरकार ने एक स्टेंडिंग कमेटी का गठन किया है, जिसमें परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम चेयरमैन और उनके साथ उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति, परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप और सिविल सप्लाई के निदेशक केसी चमन को भी मेंबर बनाया गया है. प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम ने कहा है कि दोनों पक्ष भाड़े पर सहमत नहीं है. ऐसे में इसका बीच का रास्ता निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए फिर से दोनों पक्षों की बैठकें होंगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ दिनों में इसका हल निकाल लिया जाएगा और फैक्ट्रियों को चालू कर दिया जाएगा.
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