शिमला: शिमला शहर में सड़कों पर केवल एक तरफ पीली लाइन पर ही वाहनों की पार्किंग की अनुमति दी जाएगी. साथ ही अनाधिकृत पार्किंग पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ये निर्णय सोमवार को सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में लिया गया.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला में अधिकृत पार्किंग और अनाधिकृत पार्किंग क्षेत्र के साइन बोर्ड स्थापित किए जाएंगे. शिमला में चल रहे तीन बड़ी पार्किंग स्थलों को विकसित करने के काम में तेजी लाई जाएगी. जबकि जिला प्रशासन व नगर निगम शिमला विशेषकर आवासीय क्षेत्रों में पार्किंग विकसित करने के लिए जगह चिन्हित करेंगे. इससे लोगों को जहां पर्याप्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं शहर की सड़कों पर यातायात की व्यवस्था भी सुचारू बनी रहेगी.
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वहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने शिमला जिला प्रशासन और नगर निगम को 10 जुलाई तक ऐसे स्थल चिन्हित करने के भी निर्देश दिए जहां सड़क के किनारे पीली रेखा के साथ छोटी-छोटी पार्किंग विकसित की जा सकें. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को अपने घरों के सेटबैक के दायरे में निजी पार्किंग विकसित करने के पहलू पर विचार करेगी.
सीएम ने कहा कि सभी सरकारी कार्यलयों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि अपने वाहनों के लिए उनके पास पर्याप्त पार्किंग स्थल हो ताकि सड़कों पर वाहनों को खड़ा करने की आवश्यकता न रहे. उन्होंने कहा कि ऐसे स्थलों पर 50 मीटर के दायरे में पार्किंग की अनुमति नहीं दी जाएगी, जहां स्कूली विद्यार्थी अपनी स्कूल बसों से उतरते-चढ़ते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लोगों को सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता, शिक्षा एवं संपर्क गतिविधियां चलाई जाएंगी. राज्य में सभी तंग सड़कों को चिन्हित कर उन्हें चौड़ा करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
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वहीं, बैठक में ये भी जानकारी दी गई कि शिमला शहर में रोजाना 1,65,000 वाहन चलते हैं. जिस कारण लोगों की सुविधा के लिए वैकल्पिक सड़कों के निर्माण की आवश्यकता है. सीएम ने सोमवार शिमला में हुए स्कूल बस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की राशि दी जा रही है और घायलों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.
सीएम ने कहा कि परिवहन वाहनों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिसके लिए सभी स्कूल बसों की जांच नियमित रूप से की जाएगी. साथ ही स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा मापदण्डों के बारे में जागरूक बनाया जाएगा.
इस दौरान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने भी वाहनों की सुरक्षित आवाजाही के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
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