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Manohar Murder Case : चंबा जाने के सवाल को टाल गए सीएम सुखविंदर, अभी तक मनोहर के घर नहीं पहुंचा सरकार का एक भी मंत्री

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक युवक को प्रेम प्रसंग के चलते पहले मौत के घाट उतारा गया और फिर लाश के कई टुकड़े कर दिए गए. इस मामले पर अब सियासत भी हो रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस मामले पर आमने-सामने हैं लेकिन सवाल कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता को लेकर भी उठाए जा रहे हैं. आखिर क्यों उठ रहे हैं सवाल, पढ़ें

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Published : Jun 17, 2023, 2:20 PM IST

चंबा जाकर पीड़ित परिवार से मिलने के सवाल को टाल गए मुख्यमंत्री

शिमला: मनोहर मर्डर केस में जनता के आक्रोश के बीच सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है. भाजपा इस मामले में कांग्रेस को घेर रही है तो सत्ताधारी दल कांग्रेस विपक्षी भाजपा पर राजनीतिक रोटियां सेकने का आरोप लगा रही है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल पार्टी नेताओं के साथ शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए भांदल जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इस बीच, सीएम सुखविंदर सिंह पीड़ित परिवार के पास जाने के सवाल को टाल गए.

सुक्खू का जयराम पर पलटवार- शनिवार को शिमला में मीडिया ने सीएम सुखविंदर सिंह से चंबा जाने से जुड़ा सवाल किया, लेकिन वे सवाल को नजर अंदाज करते हुए आगे निकल गए. हालांकि बीजेपी पर निशाना साधने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनोहर मामले को सियासी रंगत देने के लिए भाजपा की आलोचना की. उन्होंने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर चाहें तो एक फोन पर केंद्र सरकार से एनआईए या सीबीआई जांच करवा सकते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें सिर्फ राजनीति करनी है. इसके बाद मीडिया ने चंबा जाने का सवाल किया तो सीएम साहब उसे टालते हुए आगे निकल गए.

ये भी पढ़ें: Manohar Murder Case: बेजुबान खच्चरों ने निभाई मालिक से वफादारी, मनोहर के शव का दिया सुराग, दो दिन तक भूखी प्यासी एक ही जगह खड़ी रहीं

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पीड़ित परिवार से नहीं मिला सरकारका नुमाइंदा- चंबा में मनोहर की नृशंस हत्या हुए दस दिन का समय होने जा रहा है, लेकिन सुखविंदर सिंह सरकार का एक भी मंत्री मौके पर नहीं गया है. डलहौजी की पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आशा कुमारी जरूर पीडि़त मनोहर के परिवार से मिलने गई, लेकिन न तो सीएम सुखविंदर सिंह और न ही उनकी सरकार का कोई मंत्री मृतक मनोहर की मां और पिता के दुख को साझा करने के लिए गया है. अभी ऐसी भी कोई सूचना नहीं है कि सीएम ने परिवार के सदस्यों के साथ फोन पर कोई बात की हो.

मंत्री जी को मनोहर मर्डर केस की जानकारी नहीं- संवेदनहीनता की पराकाष्ठा उस समय देखने को मिली, जब चंबा-कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से एकमात्र कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी ही नहीं है. पास खड़े कांग्रेस नेता उनके कानों में आठ टुकड़े, हत्या आदि फुसफुसाते रहे, लेकिन मंत्री चंद्र कुमार अवाक से खड़े थे. बाद में उन्होंने रटे-रटाए शब्दों का प्रयोग किया, लेकिन ये कह गए कि महिला के साथ सहानुभूति है. ये बताता है कि मंत्री को ये तक नहीं पता था कि हत्या पुरुष की हुई है या महिला की.

बीजेपी ने सरकार पर उठाए सवाल- मनोहर मर्डर केस को लेकर प्रदेश भर की जनता में आक्रोश है. चंबा में सलूणी सब-डिवीजन में दो माह के लिए धारा-144 लगाई गई है. लोग ये उम्मीद कर रहे थे कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू या फिर सरकार का कोई कैबिनेट मंत्री पीडि़त परिवार से मिलने के लिए जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि सीएम के लिए तो चंबा के पीडि़त परिवार से मिलने के लिए जाना आसान है. सीएम चॉपर के जरिए जल्द से जल्द वहां पहुंच सकते हैं. सड़क मार्ग से जाने में तो दस से बारह घंटे लग जाते हैं. भाजपा के मीडिया सह प्रभारी कर्ण नंदा का कहना है कि इतना होने पर भी राज्य के मुखिया सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. सरकार के जिम्मेदार लोगों को घटनास्थल पर जाकर पीडि़त परिवार और आक्रोशित जनता के साथ संवाद करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: जयराम ठाकुर ने मनोहर हत्याकांड में की NIA जांच की मांग, आतंकियों से संपर्क के लगाए आरोप

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चंबा जाकर पीड़ित परिवार से मिलने के सवाल को टाल गए मुख्यमंत्री

शिमला: मनोहर मर्डर केस में जनता के आक्रोश के बीच सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है. भाजपा इस मामले में कांग्रेस को घेर रही है तो सत्ताधारी दल कांग्रेस विपक्षी भाजपा पर राजनीतिक रोटियां सेकने का आरोप लगा रही है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल पार्टी नेताओं के साथ शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए भांदल जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इस बीच, सीएम सुखविंदर सिंह पीड़ित परिवार के पास जाने के सवाल को टाल गए.

सुक्खू का जयराम पर पलटवार- शनिवार को शिमला में मीडिया ने सीएम सुखविंदर सिंह से चंबा जाने से जुड़ा सवाल किया, लेकिन वे सवाल को नजर अंदाज करते हुए आगे निकल गए. हालांकि बीजेपी पर निशाना साधने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनोहर मामले को सियासी रंगत देने के लिए भाजपा की आलोचना की. उन्होंने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर चाहें तो एक फोन पर केंद्र सरकार से एनआईए या सीबीआई जांच करवा सकते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें सिर्फ राजनीति करनी है. इसके बाद मीडिया ने चंबा जाने का सवाल किया तो सीएम साहब उसे टालते हुए आगे निकल गए.

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पीड़ित परिवार से नहीं मिला सरकारका नुमाइंदा- चंबा में मनोहर की नृशंस हत्या हुए दस दिन का समय होने जा रहा है, लेकिन सुखविंदर सिंह सरकार का एक भी मंत्री मौके पर नहीं गया है. डलहौजी की पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आशा कुमारी जरूर पीडि़त मनोहर के परिवार से मिलने गई, लेकिन न तो सीएम सुखविंदर सिंह और न ही उनकी सरकार का कोई मंत्री मृतक मनोहर की मां और पिता के दुख को साझा करने के लिए गया है. अभी ऐसी भी कोई सूचना नहीं है कि सीएम ने परिवार के सदस्यों के साथ फोन पर कोई बात की हो.

मंत्री जी को मनोहर मर्डर केस की जानकारी नहीं- संवेदनहीनता की पराकाष्ठा उस समय देखने को मिली, जब चंबा-कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से एकमात्र कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी ही नहीं है. पास खड़े कांग्रेस नेता उनके कानों में आठ टुकड़े, हत्या आदि फुसफुसाते रहे, लेकिन मंत्री चंद्र कुमार अवाक से खड़े थे. बाद में उन्होंने रटे-रटाए शब्दों का प्रयोग किया, लेकिन ये कह गए कि महिला के साथ सहानुभूति है. ये बताता है कि मंत्री को ये तक नहीं पता था कि हत्या पुरुष की हुई है या महिला की.

बीजेपी ने सरकार पर उठाए सवाल- मनोहर मर्डर केस को लेकर प्रदेश भर की जनता में आक्रोश है. चंबा में सलूणी सब-डिवीजन में दो माह के लिए धारा-144 लगाई गई है. लोग ये उम्मीद कर रहे थे कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू या फिर सरकार का कोई कैबिनेट मंत्री पीडि़त परिवार से मिलने के लिए जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि सीएम के लिए तो चंबा के पीडि़त परिवार से मिलने के लिए जाना आसान है. सीएम चॉपर के जरिए जल्द से जल्द वहां पहुंच सकते हैं. सड़क मार्ग से जाने में तो दस से बारह घंटे लग जाते हैं. भाजपा के मीडिया सह प्रभारी कर्ण नंदा का कहना है कि इतना होने पर भी राज्य के मुखिया सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. सरकार के जिम्मेदार लोगों को घटनास्थल पर जाकर पीडि़त परिवार और आक्रोशित जनता के साथ संवाद करना चाहिए.

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