शिमला: हिमाचल प्रदेश में 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है. सीबीआई जांच में ये सामने आया है कि नाइलेट के नाम पर बिना मान्यता चलाए जा रहे नौ फर्जी संस्थानों में मुख्य आरोपी की पत्नी को 33 फीसदी का हिस्सेदार बनाकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़पी गई.
सीबीआई ने आरविंद राज्टा को मुख्य आरोपी बनाया है. वह लंबे समय तक शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा में अधीक्षक के पद पर तैनात रहा है. इन संस्थानों को करीब 29 करोड़ की छात्रवृत्ति जारी की गई थी. इसमें भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली शक के दायरे में हैं.
इन नामों से चलाए जा रहे थे संस्थान
265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोप है कि इसमें चार संस्थान नाइलेट, चार स्किल डेवलपमेंट सोसायटी और एक आईटीआई के नाम पर चलाए जा रहे थे. सीबीआई प्रारंभिक जांच में इन संस्थानों के बोर्ड तक उखाड़कर जब्त कर चुकी है.
जानकारी के मुताबिक इन संस्थानों के तीन हिस्सेदार थे. इसमें एक हिस्सेदारी राज्टा ने पत्नी के नाम पर ले रखी थी. छात्रवृत्ति घोटाले में 31 दिसंबर को केसी ग्रुप इंस्टीट्यूट नवांशहर पंजाब में हुए 11.33 करोड़ के घोटाले में अदालत में चार्जशीट दायर कर चुकी है.
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