शिमला: 15 दिनों के भीतर दो ग्रहण लगना शुभ नहीं है. ज्योतिषाचार्य पूर्ण प्रकाश शर्मा के मुताबिक आज मंगलवार को लगने वाला ग्रहण राजनीतिक दृष्टि से ठीक नहीं है. पूर्ण प्रकाश शर्मा के अनुसार ग्रह संकेत दे रहे हैं कि सफलता को बपौती मानने वाले राजनेता इस बार हारेंगे. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक जिन भी राजनेताओं ने कर्तव्य की उपेक्षा करके लोगों की अंकाक्षाओं के प्रति उदासीनता दिखाई है, वे निश्चित रूप से पराजित होते दिख रहे हैं. (Astrologer Purna Prakash Sharma) (lunar eclipse 2022)
इनकी होगी जीत: हालांकि, ईमानदारी और न्याय की भावना से काम करने वाले जीतेंगे. भले ही वह अपने निश्चित लक्ष्यों के अनुरूप काम न कर पाए हों. सफलता को बपौती मानने वाले हारेंगे, ऐसा ग्रहण काल के ग्रह भी इशारा कर रहे हैं. ग्रहण के समय जो ग्रहचाल है, उसके अनुसार सूर्य राजनीति का मुख्य ग्रह नीच राशि होकर एकादश में बैठा है. नीच भंग भी हो रहा है लेकिन शनि की दृष्टि भी पर्याप्त रूप से प्रभावित कर रही है. कुछ ज्योतिषी ग्रहों की ऐसी चाल महाभारत काल में होने की पुष्टि भी कर रहे हैं.
15 दिन के भीतर दो ग्रहण लगना अशुभ: दीपावली के कुछ ही दिनों बाद चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना की हो रही है. यह ग्रहण मेष राशि एवं भरणी नक्षत्र में लग रहा है. भारत के उतरपूर्वी राज्यों में यह ग्रहण अधिक दिखाई देगा. दिल्ली में यह ग्रहण 5 बजकर 28 मिनट से जबकि शिमला में 5 बजकर 20 मिनट पर दिखाई देगा. ज्योतिषाचार्य 15 दिन के भीतर दो ग्रहणों की स्थिति को शुभ नहीं मानते हैं.
कुभ राशि वालों के लिए शुभ संकेत: ज्योतिषी पूर्ण प्रकाश शर्मा के अनुसार इस साल का ग्रहण कुछ राशियों के लिए खराब तो कुछ के लिए बेहतर रहने वाला है. कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण धनलाभ देने वाला हैं. कुंभ राशि वाले हर जातक को कुछ न कुछ लाभ दिख रहा हैं.
साल के अंतिम चंद्रग्रहण का सूतक प्रातः सूर्यादय के समय से ही प्रारम्भ हो गया था. साल 2022 में पड़ने वाले इस चंद्रग्रहण का समय 02:39 से शुरू होकर सांय 6: 20 तक रहने वाला है.
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ऐसे होता है ग्रहण: चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है. एक चक्कर लगाने में 27 दिन लगते हैं. जब पृथ्वी और सूर्य के मध्य (एके रेखा में) चंद्रमा आ जाता है, तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते है. अमावस्या तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है. इस कारण से अमावस्या तिथि पर ही हमेशा सूर्य ग्रहण होता है.
ये रहते हैं सामान्य प्रभाव: कार्तिक मास में मंगलवार को चंद्रग्रहण होने से कहीं पर लूटपाट, चोरी व अग्निकांड की घटनाएं बढ़ सकती हैं. शीतकालीन फसलों में रोग प्रकोप होगा, जिससे किसानों की चिंताओं में वृद्धि की संभावना बनती है. राजनोताओं में भी खींचतान बढ़ सकती है. कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन भी देखने को मिलता है. ग्रहण के समय चन्द्र-राहु का सूर्य-बुध-शुक्र-केतु से सम-सप्तक योग बनने से प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि और धातु व रस पदार्थों में तेजी हो सकती है.