शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार मानसून का कहर बरपा रहा है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को करीब 5336 करोड़ की क्षति हुई है. वहीं, 184 लोगों की जान गई है. 211 लोग जख्मी हुए हैं. मानसून से लोक निर्माण विभाग को 1909 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 90 पुलों को भी क्षति पहुंची है जबकि 19 पुल बाढ़ में बह गए हैं. हालांकि लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने का काम कर रहा है, लेकिन अभी भी प्रदेश के विभिन्न जगहों करीब 468 सड़कें बाधित हैं. इनमें 286 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन की बंद हैं, जबकि 130 सड़कें मंडी जोन की बंद हैं. कांगड़ा जोन में 37 और हमीरपुर जोन के तहत 13 सड़कें बंद हैं.
जल शक्ति विभाग की 1543 करोड़ की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: भारी बारिश से पानी की परियोजनाओं को भी क्षति पहुंची है. जल शक्ति विभाग की करीब 8439 योजनाओं को बरसात से क्षति पहुंची है. इनमें 6659 पेयजल की हैं. हालांकि विभाग ने इनमें से 6425 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी हैं. इसके अलावा सिंचाई की 1524 फ्लड कंट्रोल की 181 और सीवरेज की 68 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1543 करोड़ हुआ है. वहीं प्रदेश के बिजली बोर्ड को भी करीब 1497 करोड़, कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. शहरी निकायों में करीब 6.47 करोड़ और पशुपालन विभाग को करीब 1.76 करोड के नुकसान हुआ है.
7792 मकान हुए क्षतिग्रस्त: प्रदेश में भारी बारिश जानी नुकसान भी पहुंचा रही है. अब तक मानसून में 184 जानें जा चुकी हैं और करीब 211 लोग जख्मी हुए हैं. भारी बारिश से अबकी बार सैंकड़ों मकान भी भूस्खलन और फ्लड की चपेट में आ गए. प्रदेश के विभिन्न जिलों में करीब 7792 परिवारों के आशियाने भी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 699 घर पूरी तरह ढह गए. वहीं, इसके अलावा 240 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई. प्रदेश में 2181 से ज्यादा गौशालाएं भी ढह गईं और सैंकड़ों मवेशियों की मौत भी हुई है.
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