शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सरकार ने छह माह का कार्यकाल पूरा कर लिया है. विपक्षी दल भाजपा ने मान लिया है कि सरकार का हनीमून पीरियड खत्म हो चुका है और अब उसे निशाने पर लिया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जहां भी जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हैं, सुखविंदर सिंह सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते. इन दिनों नेता प्रतिपक्ष जयराम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को चुनाव पूर्व दी गई गारंटियों पर घेर रहे हैं. कुल्लू में पांच दिन पहले हुई पार्टी की रैली में जयराम ठाकुर ने आक्रामक अंदाज में सुखविंदर सरकार को घेरा.
जयराम ठाकुर ने स्थानीय जनता से कनेक्ट करते हुए ठेठ ग्रामीण बोली में गारंटियों पर सरकार को घेरा. जयराम ठाकुर ने कहा कि चुनाव पूर्व कांग्रेस ने गारंटी-गारंटी कह कर कान खा लिए. अब न तो महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए मिल रहे हैं, न दूध खरीद हुई और न ही गोबर खरीदा जा रहा है. और तो और तीन सौ यूनिट फ्री बिजली वाली गारंटी का भी कोई अता-पता नहीं है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊना जा रहे हैं तो लोग वहां की बोली में गारंटियों पर पूछ रहे हैं. ऊना जिले की सीमा पंजाब से लगती है. ऐसे में ऊना जिले के निवासियों की बोली में पंजाबी पुट आ जाता है. ऊना के लोग पूछ रहे हैं-सुक्खू भाई, दस गारंटियां किथे पाई. वहीं, कुल्लू के लोग पूछ रहे हैं- सुक्खू भाई, दस गारंटियां कौखी पाई. इसी तरह मंडयाली में पूछा जा रहा है-सुक्खू भाई, दस गारंटियां केथी पाई.
यही नहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बजट सत्र में कुल्लू के विधायक और सीपीएस सुंदर ठाकुर के बयान पर भी जमकर तंज कसे थे. वहीं, कुल्लू रैली में भी पूर्व सीएम जयराम ठाकुर उस व्यंग्य को नहीं भूले. जयराम ठाकुर ने तो पंद्रह सौ रुपए वाली गारंटी पर सरकार को आड़े हाथों लिया ही, भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह ने भी अपने ही अंदाज में कांग्रेस सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया. जयराम ठाकुर ने फिर कहा कि कांग्रेस नेता सुंदर ठाकुर कहते थे कि चुनाव होने दो और कांग्रेस को सत्ता में आने दो. फिर महिलाओं के खाते में पंद्रह सौ रुपए आएंगे.
लोकल बोली में इस तरह कहा गया था-एक होला तो पंद्रह शौ रुपैया, दो होला को त्रै हजार, तीन होला तो पैंताली शौ और चार होला तो छौ हजार. वहीं, जयराम ठाकुर ने ये भी कहा कि चुनाव से पहले तो बड़े वादे किए गए थे, लेकिन अब उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा. जयराम ठाकुर ने शिमला में व्यापारियों के सम्मेलन भी गारंटियों पर सुखविंदर सिंह सरकार को इसी अंदाज में घेरा था.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने चुनाव पूर्व दस गारंटियां दी थी. उनमें से केवल ओपीएस लागू करने वाली गारंटी ही पूरी की गई है. जहां तक महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह देने वाला वादा था, उसे आंशिक रूप में लागू किया गया. केवल स्पीति की महिलाओं को ये पैसा मिलना शुरू होगा. बाकी 2.31 लाख महिलाएं, जो पहले से ही किसी न किसी रूप में पेंशन ले रही हैं, उन्हें पहले से मिल रही पेंशन में कुछ रकम जोड़ कर उसे 1500 रुपए किया गया है.
मसलन किसी को विधवा पेंशन के तौर पर 1150 रुपए मिलते हैं तो उसे 350 रुपए और जोड़कर 1500 किया गया, जबकि वादा ये किया गया था कि 18 से 60 साल की सभी महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह दिए जाएंगे. इसके अलावा पहली ही कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियां, 300 यूनिट निशुल्क बिजली, दूध खरीद और गोबर खरीद की गारंटियां अभी पूरी नहीं हुई हैं. ऐसे में विपक्षी दल भाजपा के लिए सरकार को घेरने का काफी सियासी मसाला मौजूद है.
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