शिमला: राजधानी शिमला में टैक्सी यूनियन का आपसी विवाद सियासी रंग लेने लगा है. भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह द्वारा दिए गए बयान को लेकर निशाना साधा है और उनके बयान पर हैरानी जताई है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार और सरकार के मंत्री सुन लें हिमाचल प्रदेश किसी की जागीर नहीं हैं, हिमाचल प्रदेश सबका है. कानून के दायरे में यहां कोई भी रह सकता है. उन्होंने कहा कि शिमला जितना शिमला के लोगों का है, उतना ही सिरमौर कांगड़ा और किन्नौर के लोगों का भी है. उतना ही मंडी, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा और सोलन वालों का भी.
नेता प्रतिपक्ष ने सिरमौर जिले के लोगों को लेकर सुक्खू सरकार के मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि उनके शब्दों पर यकीन करना मुश्किल है कि उन्होंने सिरमौर के लोगों के लोगों के लिए इस तरह की बात की. उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात पर है कि मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के बाकी नेता अपने मंत्री के असंसदीय बयान पर एक शब्द नहीं बोल पाए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुलिस घायल सिरमौरी टैक्सी ऑपरेटर्स की शिकायत तक दर्ज नहीं कर रही है. ऐसे में उन्हें न्याय कैसे मिलेगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अराजकता को बढ़ावा देने वाले नेता समझ लें कि यह देवभूमि कि संस्कृति नहीं हैं. पुलिस इस मामले में निष्पक्षता के साथ सख्ती दिखाए और कानून हाथ में लेने वाले लोगों पर कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि सड़कों पर इस तरह का खून-खराबा हो रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री का बयान प्रदेश को तोड़ने वाला है. यह देश के संघीय ढांचे पर हमला है. उन्होंने कहा कि मंत्री, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत बाकी के नेताओं ने जिस संविधान की शपथ लेकर पद ग्रहण किया यदि उसका पहला पन्ना भी पढ़ा होता तो वे इस तरह देश को तोड़ने वाले न तो बयान देते और न ही खामोश रहकर अपने मंत्री के इस कृत्य का समर्थन करते.
'गंभीर रूप से घायल टैक्सी ऑपरेटर्स की सुनवाई नहीं': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सिरमौर के चूड़ेश्वर टैक्सी टैक्सी यूनियन के चालकों के साथ मारपीट करके उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया गया, लेकिन इस मामले में पुलिस दोषियों के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं कर रही है, कार्रवाई तो बहुत दूर की बात है. पुलिस यह किसके इशारे पर रही है. पुलिस का मुखिया निजी छुट्टी पर है. सड़कों पर इस तरह की अराजकता का माहौल है. चंबा के मनोहर प्रकरण में भी पुलिस राजनीतिक पार्टी की तरह बात कर रही थी. टैक्सी यूनियन के मामले में शिमला पुलिस भी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए. एकतरफा कार्रवाई से पुलिस की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं.
शिमला में 16 जून को दो टैक्सी ऑपरेटर के बीच झगड़ा हुआ था. इनके बीच की लड़ाई अब सिरमौर और शिमला की टैक्सी यूनियन के बीच पहुंच गई. इसके बाद दोनों यूनियन के चालकों में कई बार खूनी संघर्ष और गाड़ियां तोड़ने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इस मामले में पुलिस ने दोनों ओर से क्रॉस FIR दर्ज कर रखी है.