शिमला: हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स पर लगे कर्मियों को नियमित करने को लेकर सोमवार को सदन में मामला गूंजा. विधायक इंद्र दत्त लखन पाल ने यह मामला उठाया, लेकिन उसके बाद भाजपा विधायकों द्वारा इसको लेकर सरकार को घेरने का प्रयास भी किया. हालांकि सरकार ने फिलहाल किसी भी प्रकार की नीति ना होने की बात कही है. वहीं, आउटसोर्स को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनावों के दौरान रोजगार देने की बड़ी-बड़ी बातें की थी, लेकिन अब वह बातें हवा-हवाई हो गई हैं. पूर्व सरकार ने एक फैसला लिया था कि जो आउटसोर्स पर लगे हैं उनके लिए नीति बनाई जाए. हालांकि इसमें कानूनी तौर पर कठिनाई भी आ रही थी, लेकिन मानवीय आधार पर इसको लेकर फैसला लिया गया था कि फिलहाल इन्हें नहीं हटाया जाएगा, लेकिन कांग्रेस की सरकार जैसे ही बनी तो आउटसोर्स कर्मियों को बाहर निकालने का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया. हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जो परिवार का पालन पोषण आउटसोर्स नौकरी करके कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है. जिसके चलते उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. आज के सदन में भी इसको लेकर सरकार से सवाल किए गए, लेकिन जवाब भी गोलमोल था. जिसमें कांग्रेस की पोल खुल रही है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार जो बोल रही थी कि रोजगार देंगे. रोजगार देना तो दूर यह सरकार और सोच पर लगे कर्मियों का रोजगार छीनने का काम करने में लग गई है. वहीं, राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द करने को लेकर किए जा रहे कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन पर जयराम ठाकुर ने कहा कि कानूनी तौर पर सारी प्रक्रिया हुई है. राहुल गांधी को सब कुछ बोलने की आजादी नहीं है. उन्हें लोकतंत्र में अपनी मर्यादा में रहकर बोलना पड़ेगा व किसी को चोर कहना सही नहीं है, लेकिन उनकी आदत बन गई है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि देश के अंदर और देश के बाहर जाकर राहुल गांधी देश के खिलाफ बोलते हैं. ऐसा ही एक मामला कोर्ट में गया और कोर्ट ने पाया मानहानि मामला बनता है. जिसमें 2 साल की सजा हुई. हालांकि उन्हें जमानत दे दी गई और लोकसभा में कानून के मुताबिक उनकी सदस्यता रद्द की गई है. कांग्रेस बेवजह इस को राजनीतिक रंग देकर प्रदर्शन करने में जुटी है.
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