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ठियोग के धर्मपुर में जमीन घोटाला! ऊंची पहुंच रखने वाले शख्स के नाम कर दिया 84 बीघा जंगल - 84 Bigha 18 Viswa dense forest

84 बीघा 18 विस्वा घना जंगल एक व्यक्ति के नाम किए जाने पर धर्मपुर की पूर्व प्रधान वनीता वर्मा ने इसे बड़ा घोटाला बताया है. प्रदेश सरकार के समक्ष पूरे दस्तावेजों सहित मामला रखने के बाद अब उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगाएगी.

ठियोग के धर्मपुर में जमीन घोटाला
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Published : Oct 22, 2019, 11:04 PM IST

शिमला: ठियोग तहसील के धर्मपुर गांव में सरकार की मिलीभगत से 84 बीघा 18 विस्वा घना जंगल एक व्यक्ति के नाम कर दिया गया. ये आरोप धर्मपुर की पूर्व प्रधान वनीता वर्मा ने लगाए हैं. उन्होंने हैरानी जताते हुए, इसे एक बड़ा घोटाला बताया है.

उनका कहना है कि धर्मपुर पंचायत में वर्ष 1929-30 में डीपीएफडी 29 शालीटीर का घना जंगल और बिग लेंड सीलिंग 1953 में वेस्ट लेंड एक व्यक्ति के नाम कैसे हो गई, जबकि पंचायत के लोगों का भी जंगल में हक है.

पूर्व प्रधान ने ठियोग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह पूरा जंगल हथियाने का मामला वर्ष 1994, 95 सेटलमेंट अधिकारी के समक्ष आया था. सेटलमेंट अधिकारी ने इस मामले को दो बार खारिज भी किया, लेकिन बाद में वित्त आयुक्त ने भी इसे खारिज किया.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में एका-एक सेटलमेंट अधिकारी ने योगीन्द्र चंद्र और दिग्गविजय सिंह के नाम घासनी बता कर दी गई है, जबकि न तो यह इनके नाम थी और न ही इस पर इनका किसी प्रकार का कोई कब्जा था.

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वनीता वर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले को प्रदेश सरकार के समक्ष पूरे दस्तावेजों सहित रखे एक वर्ष से अधिक हो गया है, लेकिन जांच के नाम पर फाइल ही कही ठंडे बस्ते में पड़ी है. पूर्व प्रधान ने कहा कि अब वह इस मामले को उच्च न्यायालय के समक्ष रखने जा रही हैं.

पूर्व प्रधान ने आरोप लगाया है कि यह सब राजनैतिक प्रभाव के चलते दबाया जा रहा है और प्रभाव शाली लोगों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. उनका कहना है कि पहले जो दो बार सेटलमेंट से खारिज हो चुका हो बाद में फिर सेटलमेंट अधिकारी द्वारा पारित किया जाना किसी बड़े संदहे को पैदा करता है. इसलिए प्रेस के माध्यम से वह पूरे मसले की जांच की मांग कर रही है.

पूर्व प्रधान ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगी. बता दें कि इस मामले को लेकर वनीता वर्मा ने मुख्यमंत्री के पास भी जमीन के दस्तावेज देकर जांच की मांग की है ओर इस मामले में वन विभाग और राजस्व विभाग पर कानून की उलनघना करने के आरोप लगाए हैं. अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है.

शिमला: ठियोग तहसील के धर्मपुर गांव में सरकार की मिलीभगत से 84 बीघा 18 विस्वा घना जंगल एक व्यक्ति के नाम कर दिया गया. ये आरोप धर्मपुर की पूर्व प्रधान वनीता वर्मा ने लगाए हैं. उन्होंने हैरानी जताते हुए, इसे एक बड़ा घोटाला बताया है.

उनका कहना है कि धर्मपुर पंचायत में वर्ष 1929-30 में डीपीएफडी 29 शालीटीर का घना जंगल और बिग लेंड सीलिंग 1953 में वेस्ट लेंड एक व्यक्ति के नाम कैसे हो गई, जबकि पंचायत के लोगों का भी जंगल में हक है.

पूर्व प्रधान ने ठियोग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह पूरा जंगल हथियाने का मामला वर्ष 1994, 95 सेटलमेंट अधिकारी के समक्ष आया था. सेटलमेंट अधिकारी ने इस मामले को दो बार खारिज भी किया, लेकिन बाद में वित्त आयुक्त ने भी इसे खारिज किया.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में एका-एक सेटलमेंट अधिकारी ने योगीन्द्र चंद्र और दिग्गविजय सिंह के नाम घासनी बता कर दी गई है, जबकि न तो यह इनके नाम थी और न ही इस पर इनका किसी प्रकार का कोई कब्जा था.

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वनीता वर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले को प्रदेश सरकार के समक्ष पूरे दस्तावेजों सहित रखे एक वर्ष से अधिक हो गया है, लेकिन जांच के नाम पर फाइल ही कही ठंडे बस्ते में पड़ी है. पूर्व प्रधान ने कहा कि अब वह इस मामले को उच्च न्यायालय के समक्ष रखने जा रही हैं.

पूर्व प्रधान ने आरोप लगाया है कि यह सब राजनैतिक प्रभाव के चलते दबाया जा रहा है और प्रभाव शाली लोगों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. उनका कहना है कि पहले जो दो बार सेटलमेंट से खारिज हो चुका हो बाद में फिर सेटलमेंट अधिकारी द्वारा पारित किया जाना किसी बड़े संदहे को पैदा करता है. इसलिए प्रेस के माध्यम से वह पूरे मसले की जांच की मांग कर रही है.

पूर्व प्रधान ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगी. बता दें कि इस मामले को लेकर वनीता वर्मा ने मुख्यमंत्री के पास भी जमीन के दस्तावेज देकर जांच की मांग की है ओर इस मामले में वन विभाग और राजस्व विभाग पर कानून की उलनघना करने के आरोप लगाए हैं. अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है.

Intro:ठियोग की धर्मपुर में पूर्व प्रधान ने लगाए 84 बीघा जमीन देने के आरोप।सरकार पर लगाया निजी व्यक्ति को लाभ देने का आरोप। जंगल की जमीन को निजी व्यक्ति के नाम करने पर जताई आपत्ति सरकार से उठाई जांच की मांग।
Body:ठियोग तहसील के गांव धर्मपुर में सरकार की मिलीभगत से 84 बीघा 18 विस्वा घना जंगल एक व्यक्ति के नाम किये जाने पर धर्मपुर की पूर्व प्रधान वनीता वर्मा ने हैरानी जताते हुए इसे एक बड़ा घोटाला बताया है।उनका कहना है कि धर्मपुर पँचायत में वर्ष 1929,30में डी पी एफ डी 29शालीटीर का घना जंगल और बिग लेंड सीलिंग अक तब1953 में वेस्ट लेंड कैसे एक व्यक्ति के नाम हो गई,जबकि इस पंचायत के लोगों का इस जंगल मे घास पत्ती के हकहुकब है।

वनीता वर्मा ने ठियोग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह पूरा जंगल हथियाने का मामला वर्ष 1994 ,95 सेटलमेंट अधिकारी के समक्ष आया था।सेटलमेंट अधिकारी ने इस मामले को दो बार खारिज भी किया।बाद में वित्त आयुक्त ने भी इसे खारिज किया।
वनीता वर्मा ने बताया कि वर्ष 2017 में एकाएक सेटलमेंट अधिकारी ने योगीन्द्र चंद्र ,दिग्गविजय सिंह के नाम घासनी बता कर कर दी गई है,जबकि न तो यह इनके नाम थी और न ही किसी प्रकार का इनका इस पर कोई कब्जा था।
वनीता वर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले के पूरे दस्तावेजों सहित प्रदेश सरकार के समक्ष रखे एक वर्ष से अधिक हो गया है,पर जांच के नाम पर पूरी फ़ायल ही कही ठंडे बस्ते में पड़ी है।उन्होंने कहा कि अब वह इस पूरे मसले को उच्च न्यायालय के समक्ष रखने जा रही है।उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सब राजनैतिक प्रभाव के चलते दबाया जा रहा है।इसमें प्रभाव शाली लोगों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता।उनका कहना है कि पहले जो दो बार सेटलमेंट से खारिज हो चुका हो बाद में फिर सेटलमेंट अधिकारी द्वारा पारित किया जाना किसी बड़े संदहे को पैदा करता है।इसलिए इस पूरे मसले की जल्द जांच की मांग वह प्रेस के माध्यम से वह कर रही है।अगर ऐसा नही हुआ तो वह प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नही हटेगी।

बाईट,,, बनीता वर्मा
पूर्व प्रधान धर्मपुर पँचायत
Conclusion:
आपको बता दे कि इस मामले को लेकर बनीता वर्मा ने मुख्यमंत्री के पास भी जमीन के दस्तावेज देकर जांच की मांग की है।ओर इस मामले में वन विभाग और राजस्व विभाग पर कानून की उलनघना करने के आरोप लगाए हैं।अब देखना यर है कि सरकार इस पर क्या करवाई करती है।
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