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हिमाचल में बढ़ते जमीनी विवाद! गरीब लोगों को सरकार की राहत, निशुल्क लड़ सकते हैं कानूनी लड़ाई - ढली थानां के एसएचओ

हिमाचल प्रदेश में जमीन विवाद के मामलों को कोर्ट में लड़ने के लिए गरीब लोगों को सरकार की ओर से राहत दी गई है. यदि किसी की सालाना आय 2 लाख से कम की है तो उसका कानूनी खर्चा माफ कर दिया जाता है. इसके अलावा महिलाओं को भी इसमें राहत दी गई है. कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए महिलाओं से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.

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Published : Mar 12, 2021, 7:58 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 5:12 PM IST

शिमला: हिमाचल में जमीनी विवाद के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर मामले तकसीम से संबंधित होते हैं. ऐसे मामलों को प्रशासन पहले अपने स्तर पर घर पर ही सुलझाने का प्रयास करता है. मामला न सुलझे तो कोर्ट का रास्ता अपनाया जाता है.

गरीबों के लिए कानूनी लड़ाई निशुल्क

हिमाचल में जमीन विवाद के मामलों में गरीब लोगों को सरकार ने एक राहत दे रखी है. सरकार ने गरीबों के लिए कानूनी लड़ाई निशुल्क कर दी है. ढली थाना के एसएचओ ने बताया कि जमीनी विवाद के मामले जब भी पुलिस के पास आता है तो पुलिस मौके पर जा कर सुलझाने का प्रयास करती है. अगर मामला नही सुलझता तो रेवन्यू विभाग से पत्राचार किया जाता है.

वीडियो रिपोर्ट

महिलाओं से भी नहीं लिया जाता शुल्क

इस सम्बंध में हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील ने बताया कि जमीनी विवाद के जो मामले कोर्ट में आते हैं उसमें ज्यादातर तकसीम से जुड़े होते हैं. इसके अलावा, डिमार्केशन, अतिक्रमण, लैंड रिफॉर्म एक्ट के मामले आते हैं. उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की आय सालाना 2 लाख से कम है उसके लिए निशुल्क वकील का प्रावधान है. वहीं महिलाओं के लिए सारा खर्चा निशुल्क है चाहे कागज का खर्चा हो या वकील का.

घर पर सुलझा लिए जाते हैं ज्यादातर मामले

नायब तहसीलदार ने बताया कि प्रतिदिन 5-6 मामले सामने आते हैं. ज्यादातर तकसीम के ही विवाद होते हैं. प्रशासन पहले घर पर मामला सुलझाने का काम करता है और अधिकतर मामले सुलझा भी हो जाते हैं. कुछ मामलों का निपटारा नहीं हो पाता जिन्हें कोर्ट में भेजा जाता है.

ये भी पढ़ें: जयराम राज में कर्ज के घी से मौज! घाटे में निगम-बोर्ड...चेयरमैन-वाइस चेयरमैन पर खर्चे डेढ़ करोड़

शिमला: हिमाचल में जमीनी विवाद के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर मामले तकसीम से संबंधित होते हैं. ऐसे मामलों को प्रशासन पहले अपने स्तर पर घर पर ही सुलझाने का प्रयास करता है. मामला न सुलझे तो कोर्ट का रास्ता अपनाया जाता है.

गरीबों के लिए कानूनी लड़ाई निशुल्क

हिमाचल में जमीन विवाद के मामलों में गरीब लोगों को सरकार ने एक राहत दे रखी है. सरकार ने गरीबों के लिए कानूनी लड़ाई निशुल्क कर दी है. ढली थाना के एसएचओ ने बताया कि जमीनी विवाद के मामले जब भी पुलिस के पास आता है तो पुलिस मौके पर जा कर सुलझाने का प्रयास करती है. अगर मामला नही सुलझता तो रेवन्यू विभाग से पत्राचार किया जाता है.

वीडियो रिपोर्ट

महिलाओं से भी नहीं लिया जाता शुल्क

इस सम्बंध में हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील ने बताया कि जमीनी विवाद के जो मामले कोर्ट में आते हैं उसमें ज्यादातर तकसीम से जुड़े होते हैं. इसके अलावा, डिमार्केशन, अतिक्रमण, लैंड रिफॉर्म एक्ट के मामले आते हैं. उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की आय सालाना 2 लाख से कम है उसके लिए निशुल्क वकील का प्रावधान है. वहीं महिलाओं के लिए सारा खर्चा निशुल्क है चाहे कागज का खर्चा हो या वकील का.

घर पर सुलझा लिए जाते हैं ज्यादातर मामले

नायब तहसीलदार ने बताया कि प्रतिदिन 5-6 मामले सामने आते हैं. ज्यादातर तकसीम के ही विवाद होते हैं. प्रशासन पहले घर पर मामला सुलझाने का काम करता है और अधिकतर मामले सुलझा भी हो जाते हैं. कुछ मामलों का निपटारा नहीं हो पाता जिन्हें कोर्ट में भेजा जाता है.

ये भी पढ़ें: जयराम राज में कर्ज के घी से मौज! घाटे में निगम-बोर्ड...चेयरमैन-वाइस चेयरमैन पर खर्चे डेढ़ करोड़

Last Updated : Mar 13, 2021, 5:12 PM IST
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