रामपुर: शरनाल गांव की जमीन दरकने के बाद भू -संरक्षण अधिकारी रामपुर ने एसडीएम के माध्यम से उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट दी है. जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 5 सालों से शरनाल गांव के आसपास की जमीन दरक रही है. ऐसे में यहां के लोगों को भय के माहौल में जीवन बिताना पड़ रहा है.
25 बीघा भूमि दरक रही: शरनाल गांव के लोगों ने सरकार और शासन से मांग की थी कि क्षेत्र का अधिकारियों से यहां का निरीक्षण किया जाए. उसके बाद भू-सरक्षण की टीम मौके पर पहुंची और एसडीएम को रिपोर्ट सौंपी गई. जानकारी देते हुए भू-सरक्षण अधिकारी रामपुर अशोक कुमार ने बताया कि निरिक्षण की अंतरीम रिपोर्ट एसडीएम रामपुर सुरेन्द्र मोहन को सौंप दी गई है. उन्होंने बताया कि यहां पर लगभग 25 बीघा भूमि दरक रही, जिसकी रिपोर्ट तैयार की गई है.
भूमि दरकने के कारण: रिपोर्ट में बताया गया है कि भूमि दरकने के कई कारण हैं, इनमें नाले का होना ,रेतीली जमीन, पानी की सही निकासी नहीं होना बताया गया है. इसे बचाने के लिए चेक डैम, पौधे लगाना, ड्रेनेज बनाना, बरसात में पानी आने पर निकासी को लेकर काम करना होगा.
उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद निरीक्षण: जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन दरकने और धंसने से काफी नुकसान हुआ. कई लोगों के मकान दरक गए और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, उतराखंड के जोशीमठ के बाद रामपुर का शरनाल गांव भी चर्चा में आया, जिसके बाद इस पर लोगों ने मांग की और उसके बाद यहां पर टीम ने पहुंचकर निरीक्षण किया.
काफी सालों से दरक रही जमीन: वहीं, शरनाल गांव के लोगों का कहना है कि काफी समय से जमीन दरक रही है. अब प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए, ताकि उत्तराखंड के जोशीमठ जैसे हालात यहां शरनाल गांव में नहीं बन सके. अब देखना है कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है.
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