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दो सौ बेड वाले खनेरी अस्पताल का हाल बेहाल, टार्च की रोशनी में होता है मरीजों का इलाज

रामपुर के खनेरी अस्पताल में बिजली कट लगने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना पड़ रहा है. शुक्रवार को करीब 4 घंटे बिजली कट लगने की वजह से पूरे अस्पताल में अंधेरा छाया रहा.

lack of electricity facilities in khaneri hospital rampur
खनेरी अस्पताल में असुविधा.
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Published : Nov 28, 2020, 12:26 PM IST

रामपुर: कोरोना महामारी और सर्दी के मौसम में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. मामला रामपुर के खनेरी अस्पताल का है, जहां टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज होता है. बिजली जाते ही अस्पताल के वार्डों और स्टाफ के कमरों में अंधेरा पसर जाता है. इतने बड़े अस्पताल में जनरेटर तक की सुविधा नहीं है.

टार्च की रोशनी में मरीजों की जांच

शुक्रवार को भी सुबह 11 बजे बिजली चली गई. 2 बजे आपूर्ति बहाल हुई. करीब 4 घंटे बिजली कट लगने की वजह से नर्सों के अलावा दूसरे स्टाफ को भी अंधेरे या फिर टॉर्च की रोशनी में काम निपटाना पड़ा. खनेरी अस्पताल में शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिले से लोग उपचार करवाने के लिए पहुंचते हैं. अस्पताल में रोजाना एक हजार से अधिक की ओपीडी रहती है.

अस्पताल में जनरेटर की सुविधा नहीं

दो सौ बेडों की व्यवस्था वाले इस अस्पताल में दर्जनों मरीज हर दिन भर्ती किए जाते हैं. हैरानी है कि यहां जनरेटर तक नहीं है. कुछ समय पहले ही अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था की गई थी, लेकिन इसकी बैटरी फट गई है. इसे अब तक ठीक नहीं किया गया. अस्पताल में इलाज के लिए आए लोगों का कहना है कि अस्पताल में बिजली कट के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को आए दिन परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.

हफ्ते भर में दूर की जाएगी समस्या

आए दिन लग रहे बिजली कट से अस्पताल में अंधेरा पसर जाता है. खनेरी अस्पताल के एमएस नरेंद्र मेहता ने बताया कि समस्या उनके ध्यान में है. कुछ दिन पहले जेनरेटर की बैटरी फट गई थी. नई बैटरी खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. हफ्ते भर में समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.

रामपुर: कोरोना महामारी और सर्दी के मौसम में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. मामला रामपुर के खनेरी अस्पताल का है, जहां टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज होता है. बिजली जाते ही अस्पताल के वार्डों और स्टाफ के कमरों में अंधेरा पसर जाता है. इतने बड़े अस्पताल में जनरेटर तक की सुविधा नहीं है.

टार्च की रोशनी में मरीजों की जांच

शुक्रवार को भी सुबह 11 बजे बिजली चली गई. 2 बजे आपूर्ति बहाल हुई. करीब 4 घंटे बिजली कट लगने की वजह से नर्सों के अलावा दूसरे स्टाफ को भी अंधेरे या फिर टॉर्च की रोशनी में काम निपटाना पड़ा. खनेरी अस्पताल में शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिले से लोग उपचार करवाने के लिए पहुंचते हैं. अस्पताल में रोजाना एक हजार से अधिक की ओपीडी रहती है.

अस्पताल में जनरेटर की सुविधा नहीं

दो सौ बेडों की व्यवस्था वाले इस अस्पताल में दर्जनों मरीज हर दिन भर्ती किए जाते हैं. हैरानी है कि यहां जनरेटर तक नहीं है. कुछ समय पहले ही अस्पताल में जेनरेटर की व्यवस्था की गई थी, लेकिन इसकी बैटरी फट गई है. इसे अब तक ठीक नहीं किया गया. अस्पताल में इलाज के लिए आए लोगों का कहना है कि अस्पताल में बिजली कट के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को आए दिन परेशानियां झेलनी पड़ती हैं.

हफ्ते भर में दूर की जाएगी समस्या

आए दिन लग रहे बिजली कट से अस्पताल में अंधेरा पसर जाता है. खनेरी अस्पताल के एमएस नरेंद्र मेहता ने बताया कि समस्या उनके ध्यान में है. कुछ दिन पहले जेनरेटर की बैटरी फट गई थी. नई बैटरी खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. हफ्ते भर में समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.

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