शिमला: कोरोना के इस संकट की घड़ी में राजधानी शिमला में ठेकेदार ने सिरमौर के मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. मजदूरों को रहने की जगह नहीं दी गई और न ही खाने-पीने की कोई व्यस्वथा की गई हैं. संजौली के चलोटी में यह सिरमौर के 7 मजूदर हेलीपैड का काम कर रहे थे, लेकिन अब ठेकेदार ने उन्हें इनके हाल पर छोड़ दिया है.
यह मजदूर एक महीने से तंबू लगा कर रह रहे थे, लेकिन अब बारिश के चलते मजदूरों का रहना मुश्किल हो रहा है. वहीं, ठेकेदार की ओर से मजदूरों को रहने की जगह न दिलाने पर यह मजदूर शनिवार को घर जाने के लिए अपना सामान लेकर उपायुक्त कार्यालय शिमला में कर्फ्यू पास बनवाने के लिए पहुंचे.
मजदूरों का कहना है कि वह ठेकेदार से बार-बार रहने के लिए जगह देने का आग्रह कर रहे है, लेकिन उन्हें जगह नहीं दी जा रही है और वह एक महीने से तंबू में रह रहे हैं. पिछले दो दिन से बारिश होने से रहने में दिक्कत आ रही है. उनका कहना है कि अब वह घर जाना चाहते है और उपायुक्त शिमला से कर्फ्यू पास बनवाने आये है, जिससे वह अपने घर जा सके. जिला प्रशासन की ओर से ठेकेदारों को मजदूरों के रहने व खाने-पीने की पूरी व्यवस्था करने के सख्त निर्देश भी दिए है और किसी भी मजदूर को न निकालने की हिदायत भी दी गई थी, लेकिन ठेकेदार प्रशासन के आदेशों को दरकिनार कर मजदूरों को भटकने के लिए मजबूर कर रहे हैं. बता दें कि कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद राजधानी में प्रदेश के कई हिस्सों के लोग फंसे हुए है. वहीं, कई ठेकेदार भी मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं.