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'पूर्व मंत्री के बीजेपी में जाने से नहीं पड़ेगा फर्क, कांग्रेस के सदस्य ही नहीं थे सिंघी राम'

कांग्रेस सिंघी राम के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस को कोई नुकसान न होने की बात कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि विधानसभा चुनाव में सिंघी राम को काफी कम वोट पड़े थे. अब वे बीजेपी में शामिल हुए हैं तो इसका कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. सिंघी राम को कांग्रेस उम्मीदवार ने काफी मतों से हराया है.

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Published : Apr 27, 2019, 6:20 PM IST

शिमला: कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री सिंघी राम बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस सिंघी राम के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस को कोई नुकसान न होने की बात कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सिंघी राम ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाकर बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ा था, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था और अब वे पार्टी के सदस्य भी नहीं रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सिंघी राम कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं. सिंघी राम के जाने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सिंघी राम को काफी कम वोट पड़े थे. अब वे बीजेपी में शामिल हुए हैं तो इसका कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. सिंघी राम को कांग्रेस उम्मीदवार ने काफी मतों से हराया है.

kuldeep rathore's statement on ex cabinet minister singhi ram joining bjp
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बता दें कि सिंघी राम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे चुके हैं. वर्ष 2006 में सिंघी राम के खिलाफ एक मामला चला था. उस वक्त उनकी बेटी की फर्जी डिग्री वाला मामला सामने आया था. 2007 में सिंघी राम रामपुर से विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग करते रहे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में सिंघी राम ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया.

पूर्व में सिंघी राम वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हैं. पिछले कई वर्षों से कांग्रेस में शामिल होने के लिए सिंघी राम ने लाख कोशिश की, लेकिन वीरभद्र सिंह रहते उनकी घर वापसी नहीं हो सकी. उल्लेखनीय है कि वे मंडी संसदीय क्षेत्र से भी संबंध रखते हैं. सिंघी राम 1982, 1985, 1990, 1993, 1998 और 2003 में रामपुर से विधायक रह चुके हैं.

पूर्व बागवानी मंत्री और रामपुर से छह बार विधायक रहे सिंघी राम ने शनिवार को समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया. सिंघी राम को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पार्टी की सदस्यता दी. इस दौरान मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद एवं भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा और आनी के विधायक किशोरी लाल भी मौजूद रहे. इससे पहले शुक्रवार देर शाम पूर्व मंत्री ने अपने समर्थकों के साथ रामपुर में एक बैठक की और भाजपा में जाने का निर्णय लिया.

जानकारी देते कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर

आपको बता दें कि लोकसभ चुनाव के दौरान हिमाचल में दलबदल का दौर जारी है. कई निष्कासित नेताओं की घर वापसी हो रही है तो कई नेता दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं.

हाल ही में भाजपा ने दिग्गज नेता और तीन बार के सांसद सुरेश चंदेल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इससे पहले सुखराम परिवार आश्रय शर्मा को टिकट दिलाने के लिए कांग्रेस में वापस आ गया है. पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफ्त ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. पालमपुर से पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा और फतेहपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले बलदेव ठाकुर समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थकों में शुमार हरीश जनार्था की कांग्रेस में घर वापसी हो गई. अब 6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री सिंघी राम भाजपा में शामिल हुए हैं.

शिमला: कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री सिंघी राम बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस सिंघी राम के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस को कोई नुकसान न होने की बात कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सिंघी राम ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाकर बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ा था, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था और अब वे पार्टी के सदस्य भी नहीं रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सिंघी राम कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं. सिंघी राम के जाने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सिंघी राम को काफी कम वोट पड़े थे. अब वे बीजेपी में शामिल हुए हैं तो इसका कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. सिंघी राम को कांग्रेस उम्मीदवार ने काफी मतों से हराया है.

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बता दें कि सिंघी राम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे चुके हैं. वर्ष 2006 में सिंघी राम के खिलाफ एक मामला चला था. उस वक्त उनकी बेटी की फर्जी डिग्री वाला मामला सामने आया था. 2007 में सिंघी राम रामपुर से विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग करते रहे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया. 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में सिंघी राम ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया.

पूर्व में सिंघी राम वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हैं. पिछले कई वर्षों से कांग्रेस में शामिल होने के लिए सिंघी राम ने लाख कोशिश की, लेकिन वीरभद्र सिंह रहते उनकी घर वापसी नहीं हो सकी. उल्लेखनीय है कि वे मंडी संसदीय क्षेत्र से भी संबंध रखते हैं. सिंघी राम 1982, 1985, 1990, 1993, 1998 और 2003 में रामपुर से विधायक रह चुके हैं.

पूर्व बागवानी मंत्री और रामपुर से छह बार विधायक रहे सिंघी राम ने शनिवार को समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया. सिंघी राम को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पार्टी की सदस्यता दी. इस दौरान मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद एवं भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा और आनी के विधायक किशोरी लाल भी मौजूद रहे. इससे पहले शुक्रवार देर शाम पूर्व मंत्री ने अपने समर्थकों के साथ रामपुर में एक बैठक की और भाजपा में जाने का निर्णय लिया.

जानकारी देते कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर

आपको बता दें कि लोकसभ चुनाव के दौरान हिमाचल में दलबदल का दौर जारी है. कई निष्कासित नेताओं की घर वापसी हो रही है तो कई नेता दूसरी पार्टियों में शामिल हो रहे हैं.

हाल ही में भाजपा ने दिग्गज नेता और तीन बार के सांसद सुरेश चंदेल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इससे पहले सुखराम परिवार आश्रय शर्मा को टिकट दिलाने के लिए कांग्रेस में वापस आ गया है. पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफ्त ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. पालमपुर से पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा और फतेहपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले बलदेव ठाकुर समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कट्टर समर्थकों में शुमार हरीश जनार्था की कांग्रेस में घर वापसी हो गई. अब 6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री सिंघी राम भाजपा में शामिल हुए हैं.

Intro:कांग्रेस के पूर्व केबिनेट मंत्री संघी राम के बीजेपी शामिल हो गए है। कांग्रेस उनके बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस को कोई नुकसान न होने की बात कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सिंघी राम कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे है। लेकिन उन्होंने विधानसभा चुनावों में पार्टी के खिलाफ जा कर आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ा था जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था और अब वे पार्टी के सदस्य भी नही रहे है।


Body:राठौर ने कहा सिंघी राम के जाने से कांग्रेस को कोई नुकसान नही होने वाला है। विधानसभा चुनावों में सिंघी राम को काफी कम वोट पड़े थे ओर अब वे बीजेपी में शामिल हुए है तो इसका कांग्रेस को कोई नुकसान नही होने वाला है। सिंघी राम को कांग्रेस उम्मीदवार ने काफी मतो से हराया है।


Conclusion:बता दे सिंघी राम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओर पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे हैं । सिंघी राम रामपुर से विधानसभा चुनावों में टिकट की मांग भी करते रहे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नही दी जिसके चलते उन्होंने आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ा ओर कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया था जिसके चलते अब उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है। सिंघी राम को मुख्यमंत्री जयराम ने पार्टी की सदस्यता दी ।
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