शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने बिलासपुर के खेल छात्रावास जहां वॉलीबॉल खेल का प्रशिक्षण दिया जाता था को यहां से जम्मू बदलने के फैसले पर हैरानी जताई है. कांग्रेस ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये फैसला प्रदेश के साथ एक बड़ा धोखा है.
पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने कहा कि प्रदेश के साथ इस प्रकार का अन्याय कभी सहन नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस फैसले पर चिंता जताते हुए कहा है कि बिलासपुर स्थित इस खेल छात्रावास में प्रदेश के ग्रामीण एवं प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को अपनी स्पर्धा निखारने का पूरा अवसर प्रदेश में ही मिलता था.
अगर इस छात्रावास को यहां से किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित किया जाता हैं तो यह प्रदेश के वॉलीबॉल प्रेमियों के साथ एक बड़ा अन्याय होगा. यहां पर वॉलीबॉल के साथ-साथ कबड्डी और ऐथ्लेटिक्स का भी प्रषिक्षण दिया जाता रहा है.
राठौर ने कहा कि हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों से 1986-87 में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने इस तरह का पहला खेल छात्रावास बनाया था और पिछले छह महिनों से हिमाचल सरकार की लापरवाही से यहां पर कोई कोच की भी व्यवस्था भी नहीं हो पाई थी जो प्रदेश सरकार की खेल के विषय में उदासीनता को दर्शाता है.
राठौर ने कहा कि इस गंभीर विषय पर उन्होंने हिमाचल प्रदेष के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्र सरकार के खेल मंत्री और भारतीय खेल प्राधिकरण को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज किया है. खेल परिसर को यहां से स्थानांतिरत करने पर खेल प्रेमियों को तो घाटा होगा ही अपितु इन खेलों से जुड़े रोजगार पर भी असर पडे़गा.
राठौर ने कहा है कि केंद्र के इस प्रस्तावित फैसले पर प्रदेश सरकार को भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि केंद्र के इस प्रकार के फरमान को पूरी तरह नकारते हुए प्रदेश के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न होने दें. अगर फिर भी ऐसा होता है तो कांग्रेस चुप बैठने वाली नहीं. कांग्रेस हर स्तर पर प्रदेश सरकार के या केद्र सरकार के प्रदेश व जनविरोधी फैसलों का विरोध करेगी.