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KNH कर्मचारी खुद ही पड़ने लगे बीमार, दो से तीन शिफ्टों में कर रहे हैं काम

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Published : Mar 17, 2020, 7:29 PM IST

कर्मचारी लगातार दो से तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. 12-12 घंटे तक ड्यूटी देने के बाद भी कर्मचारियों को आराम नहीं मिल रहा है, जिससे अब कर्मचारी मानसिक तौर पर परेशान हो चुके हैं.

KNH employees doing double shifts
केएनएच कर्मचारी से तीन शिफ्टों में करे हैं काम

शिमला: प्रदेश के एकमात्र कमला नेहरू अस्पताल के कर्मचारी दूसरों के इलाज करने के चक्कर में खुद ही बीमार पड़ने लगे हैं. इसका कारण है कि कर्मचारी लगातार दो से तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. 12-12 घंटे तक ड्यूटी देने के बाद भी कर्मचारियों को आराम नहीं मिल रहा है, जिससे अब कर्मचारी मानसिक तौर पर परेशान हो चुके हैं.

स्टाफ किल्लत का असर भी सभी कर्मचारियों पर होने लगा है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि तीन माह पहले उन्होंने प्रशासन को इस बारे में एक डिमांड चार्ट दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनका आरोप है कि प्रशासन की नाकामी के कारण ही स्टाफ मिलने में देरी हो रही है. वहीं, प्रशासन के सरकार को उनकी समस्या से अवगत करवाने पर यहां पर स्टाफ बढ़ सकता है.

वीडियो

एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार केएनएच अस्पताल में स्टाफ नर्सों के 50 पद कम है. इसके अलावा क्लास फोर के भी 60 से 70 पदों की कमी चल रही है. वार्ड आया जो कि बच्चा पैदा होने के बाद डिलीवरी रूम की पूरी सफाई करती है उसके भी 15 से 20 पद कम है. इसके अलावा मैस में भी कर्मचारियों की कमी है. उनका कहना है कि स्टाफ ना होने के कारण अभी तक अस्पताल की नई बिल्डिंग पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

सफाई कर्मियों से लिया जा रहा है फोर्थ क्लास का काम

आरोप है कि केएनएच अस्पताल में सफाई कर्मियों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का काम लिया जा रहा है. यह सभी आउटसोर्स पर लगे हैं और ठेकेदार के तहत कार्य कर रहे हैं. वहीं यहां पर स्टाफ कर्मी अगर 12-12 घंटे ड्यूटी करने के बाद थोड़ी देर भी ऑफिस आने में लगा दे तो उनकी सैलरी काट दी जाती है.

केएनएच इंप्लॉइज एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार नरवाल ने कहा कि केएनएच अस्पताल कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. स्टाफ नर्स, चतुर्थ श्रेणी कर्मी, वार्ड आया समेत अन्य सभी प्रकार के स्टाफ कि किल्लत है. इस मुद्दे को कई बार प्रशासन के समक्ष उठाया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कर्मचारी लगातार दो से तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. उन्हें छुट्टियां भी नहीं दी जा रही है. उन्होंने प्रशासन और सरकार से मांग उठाई है कि स्टाफ की समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए, ताकि कर्मचारियों को परेशानी ना आए.

ये भी पढ़ें: CM ने अधिकारियों को परियोजनाओं की नियमित समीक्षा के दिए निर्देश, नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त

शिमला: प्रदेश के एकमात्र कमला नेहरू अस्पताल के कर्मचारी दूसरों के इलाज करने के चक्कर में खुद ही बीमार पड़ने लगे हैं. इसका कारण है कि कर्मचारी लगातार दो से तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. 12-12 घंटे तक ड्यूटी देने के बाद भी कर्मचारियों को आराम नहीं मिल रहा है, जिससे अब कर्मचारी मानसिक तौर पर परेशान हो चुके हैं.

स्टाफ किल्लत का असर भी सभी कर्मचारियों पर होने लगा है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि तीन माह पहले उन्होंने प्रशासन को इस बारे में एक डिमांड चार्ट दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनका आरोप है कि प्रशासन की नाकामी के कारण ही स्टाफ मिलने में देरी हो रही है. वहीं, प्रशासन के सरकार को उनकी समस्या से अवगत करवाने पर यहां पर स्टाफ बढ़ सकता है.

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एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार केएनएच अस्पताल में स्टाफ नर्सों के 50 पद कम है. इसके अलावा क्लास फोर के भी 60 से 70 पदों की कमी चल रही है. वार्ड आया जो कि बच्चा पैदा होने के बाद डिलीवरी रूम की पूरी सफाई करती है उसके भी 15 से 20 पद कम है. इसके अलावा मैस में भी कर्मचारियों की कमी है. उनका कहना है कि स्टाफ ना होने के कारण अभी तक अस्पताल की नई बिल्डिंग पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

सफाई कर्मियों से लिया जा रहा है फोर्थ क्लास का काम

आरोप है कि केएनएच अस्पताल में सफाई कर्मियों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का काम लिया जा रहा है. यह सभी आउटसोर्स पर लगे हैं और ठेकेदार के तहत कार्य कर रहे हैं. वहीं यहां पर स्टाफ कर्मी अगर 12-12 घंटे ड्यूटी करने के बाद थोड़ी देर भी ऑफिस आने में लगा दे तो उनकी सैलरी काट दी जाती है.

केएनएच इंप्लॉइज एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार नरवाल ने कहा कि केएनएच अस्पताल कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. स्टाफ नर्स, चतुर्थ श्रेणी कर्मी, वार्ड आया समेत अन्य सभी प्रकार के स्टाफ कि किल्लत है. इस मुद्दे को कई बार प्रशासन के समक्ष उठाया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि कर्मचारी लगातार दो से तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं. उन्हें छुट्टियां भी नहीं दी जा रही है. उन्होंने प्रशासन और सरकार से मांग उठाई है कि स्टाफ की समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए, ताकि कर्मचारियों को परेशानी ना आए.

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