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अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में आकर्षण का केंद्र बना किन्नौरी मफलर, कीमत 25 हजार - शिमला लवी मेला

अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में कन्नौरी मफलर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. किन्नौर के एक व्यापारी ने बताया कि इस मफलर को तैयार करने में लगभग 25 दिन का समय लगता है.

Kinnauri muffler
अंतरराष्ट्रीय लवी मेले
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Published : Nov 29, 2022, 9:20 PM IST

रामपुर: अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में यूं तो ऊन से बने कई प्रकार के कपड़े मौजूद हैं लेकिन कन्नौरी मफलर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. किन्नौर के एक व्यापारी ने बताया कि इस मफलर को तैयार करने में लगभग 25 दिन का समय लगता है. यह मफलर पांच भेड़ों की ऊन से तैयार किया गया है. इस किन्नौरी मफलर की अधिक डिमांड रहती है. (Kinnauri muffler)

व्यापारी ने बताया कि ऊन को पहले डाई (रंग) किया जाता है. पहले लवी मेले में ऊन का व्यापार किया जाता था लेकिन अब ऊन से बने कपड़ों का व्यापार किया जाता है, उन्हीं में से मफलर भी एक है, जिसकी कीमत 25 हजार रूपये है. व्यापारी ने बताया 20 हजार के करीब भी यहां पर मफलर मौजूद है. उन्होंने बताया जैसे-जैसे मफलर को तैयार करने में अधिक ऊन का प्रयोग किया जाता है, वैसे ही इसकी कीमत बढ़ती जाती है. (International Lavi fair)

वीडियो.

पढ़ें- तीसरे बौद्ध गुरु लामा का पुनर्जन्म! 4 साल के नवांग ताशी राप्टेन बने चौथे धर्मगुरु

लवी मेले में महिलाओं के शॉल भी मौजूद है, जिनकी कीमत करीब ₹20 हजार रुपये तक है, जिन्हें बेहतरीन कलाकृतियों से तैयार किया गया है. व्यापारी ने बताया कि समय के साथ काफी बदलाव हो चुका है. अब यहां पर स्वदेशी के स्थान पर बाहरी राज्यों का समान ज्यादा मिलता है.

रामपुर: अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में यूं तो ऊन से बने कई प्रकार के कपड़े मौजूद हैं लेकिन कन्नौरी मफलर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. किन्नौर के एक व्यापारी ने बताया कि इस मफलर को तैयार करने में लगभग 25 दिन का समय लगता है. यह मफलर पांच भेड़ों की ऊन से तैयार किया गया है. इस किन्नौरी मफलर की अधिक डिमांड रहती है. (Kinnauri muffler)

व्यापारी ने बताया कि ऊन को पहले डाई (रंग) किया जाता है. पहले लवी मेले में ऊन का व्यापार किया जाता था लेकिन अब ऊन से बने कपड़ों का व्यापार किया जाता है, उन्हीं में से मफलर भी एक है, जिसकी कीमत 25 हजार रूपये है. व्यापारी ने बताया 20 हजार के करीब भी यहां पर मफलर मौजूद है. उन्होंने बताया जैसे-जैसे मफलर को तैयार करने में अधिक ऊन का प्रयोग किया जाता है, वैसे ही इसकी कीमत बढ़ती जाती है. (International Lavi fair)

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लवी मेले में महिलाओं के शॉल भी मौजूद है, जिनकी कीमत करीब ₹20 हजार रुपये तक है, जिन्हें बेहतरीन कलाकृतियों से तैयार किया गया है. व्यापारी ने बताया कि समय के साथ काफी बदलाव हो चुका है. अब यहां पर स्वदेशी के स्थान पर बाहरी राज्यों का समान ज्यादा मिलता है.

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