शिमला: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन और प्रदेश में कर्फ्यू लगा हुआ है. ऐसे में लोगों को घरों से बाहर जाने पर पाबंदी लगी हुई है. राजधानी की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कश्मीरी खान भी रोजी-रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं. इनके पास ना तो अब पैसे बचे हैं और ना ही राशन है, ऐसे में अब ये घर जाने की राह ताक रहे हैं.
कर्फ्यू के बाद ये कश्मीरी खान कमाने के लिए बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. शिमला की जामा मस्जिद में ही दो सौ खान एक ही हॉल में रह रहे हैं. ये दिहाड़ी मजूदरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं, लेकिन कर्फ्यू लगने के बाद से ये अंदर कैद हो गए हैं.
बता दें कि एक सप्ताह से ये सभी काम के लिए बाहर नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में इन लोगों के पास पैसे भी नहीं है. इन लोगों की मदद के लिए कोई आगे तक नहीं आ रहा है. अब ये सभी प्रदेश सरकार से अपने घरों को जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.
कश्मीरी खान का कहना है कि उनके पास अब खाने के लिए कुछ नहीं बचा है, जितने पैसे थे वो सभी खत्म हो गए हैं, ऐसे में अब वे अपने घर जाना चाहते हैं इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन एक गाड़ी में चार लोगों को जाने की अनुमति दे रहा है और गाड़ी वाले भी 40 हजार मांग रहे है, जबकि उनके पास इतने पैसे नहीं है.
हैरानी की बात तो ये है कि प्रशासन जहां सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रहा है वहीं, एक ही हाल में दो सौ लोग रह रहे हैं और इनके पास न तो पुलिस न कोई स्वास्थ्य अधिकारी और ना ही जिला प्रशासन का कोई अधिकारी सुध लेने पहुंचा है, ऐसे में कोई भी कोरोना से संक्रमित होता है तो ये वहां रह रहे लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है.