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बाबा भलखू रेल म्यूजियम में उकेरा गया हैरिटेज ट्रैक, पर्यटकों के लिए होगा आकर्षण का केंद्र

विश्व धरोहर कालका शिमला रेलवे ट्रैक का इतिहास अब पर्यटक चित्रों के माध्यम से जान पाएंगे. यह इतिहास रेलवे के बाबा भलखू संग्रहालय के बाहर की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से उकेरा गया है. यह चित्र लोगों के सामने शिमला की सुंदरता और इस ट्रैक की ऐतिहासिकता को प्रस्तुत कर रहे है.

kalka shimla rail track
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Published : Oct 26, 2020, 2:32 PM IST

शिमला: विश्व धरोहर कालका शिमला रेलवे ट्रैक का इतिहास अब पर्यटक चित्रों के माध्यम से जान पाएंगे. यह इतिहास रेलवे के बाबा भलखू संग्रहालय के बाहर की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से उकेरा गया है. इस संग्रहालय को देखने के लिए आने वाले पर्यटक अब चित्रों के माध्यम से भी ट्रैक के पुराने इतिहास से रूबरू होंगे.

संग्रहालय के बाहर और अंदर की दीवारों पर चित्र बनाये गए है. ट्रैक के इतिहास के साथ ही शिमला शहर की प्राकृतिक सुंदरता को भी दर्शाया गया है. यह चित्र लोगों के सामने शिमला की सुंदरता और इस ट्रैक की ऐतिहासिकता को प्रस्तुत कर रहे हैं.

रेलवे की ओर से बाबा भलखू रेल संग्रहालय को एक अलग लुक देने के लिए इसका स्वरूप बदलने को लेकर काम शुरू किया गया था. इसके तहत सबसे पहले म्यूजियम के प्रवेश गेट को स्टीम इंजन की लुक दी गईं. अब म्यूजिम में प्रवेश स्टीम इंजन के मॉडल से मिल रहा है.

म्यूजियम की दीवारों पर चित्र बनाए गए है, जिसमें ट्रैक पर आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल रेलवे की धरोहर स्टीम इंजन केसी 520 को चित्रों पर उकेरा गया है. इसके साथ ही शिमला शहर की सुंदरता को दर्शाने के लिए रिज मैदान, बर्फ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ बनाए गए हैं, जिससे पर्यटक यहां की सुंदरता से रूबरू हो सके.

म्यूजियम की इस ब्यूटी फिकेशन का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसके बाद यहां सारा काम किया गया है. बता दें कि कालका शिमला रेलवे ट्रैक का सफर करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में सैलानी शिमला पहुंचते है. पर्यटक रेलवे के इतिहास से रूबरू होने के लिए शिमला ओल्ड बस स्टैंड स्थित बाबा भलखू रेल संग्रहालय को देखने के लिए पहुंचते है.

रेलवे की ऐतिहासिक वस्तुओं को म्यूजियम में सहेज कर रखा गया है, जो वर्षों पुरानी है. ऐसे में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए म्यूजियम के बाहर के ओपन एयर दीवारों पर आकर्षक चित्रकारी की गई है.

शिमला: विश्व धरोहर कालका शिमला रेलवे ट्रैक का इतिहास अब पर्यटक चित्रों के माध्यम से जान पाएंगे. यह इतिहास रेलवे के बाबा भलखू संग्रहालय के बाहर की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से उकेरा गया है. इस संग्रहालय को देखने के लिए आने वाले पर्यटक अब चित्रों के माध्यम से भी ट्रैक के पुराने इतिहास से रूबरू होंगे.

संग्रहालय के बाहर और अंदर की दीवारों पर चित्र बनाये गए है. ट्रैक के इतिहास के साथ ही शिमला शहर की प्राकृतिक सुंदरता को भी दर्शाया गया है. यह चित्र लोगों के सामने शिमला की सुंदरता और इस ट्रैक की ऐतिहासिकता को प्रस्तुत कर रहे हैं.

रेलवे की ओर से बाबा भलखू रेल संग्रहालय को एक अलग लुक देने के लिए इसका स्वरूप बदलने को लेकर काम शुरू किया गया था. इसके तहत सबसे पहले म्यूजियम के प्रवेश गेट को स्टीम इंजन की लुक दी गईं. अब म्यूजिम में प्रवेश स्टीम इंजन के मॉडल से मिल रहा है.

म्यूजियम की दीवारों पर चित्र बनाए गए है, जिसमें ट्रैक पर आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल रेलवे की धरोहर स्टीम इंजन केसी 520 को चित्रों पर उकेरा गया है. इसके साथ ही शिमला शहर की सुंदरता को दर्शाने के लिए रिज मैदान, बर्फ से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ बनाए गए हैं, जिससे पर्यटक यहां की सुंदरता से रूबरू हो सके.

म्यूजियम की इस ब्यूटी फिकेशन का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसके बाद यहां सारा काम किया गया है. बता दें कि कालका शिमला रेलवे ट्रैक का सफर करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में सैलानी शिमला पहुंचते है. पर्यटक रेलवे के इतिहास से रूबरू होने के लिए शिमला ओल्ड बस स्टैंड स्थित बाबा भलखू रेल संग्रहालय को देखने के लिए पहुंचते है.

रेलवे की ऐतिहासिक वस्तुओं को म्यूजियम में सहेज कर रखा गया है, जो वर्षों पुरानी है. ऐसे में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए म्यूजियम के बाहर के ओपन एयर दीवारों पर आकर्षक चित्रकारी की गई है.

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