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कालका-शिमला फोरलेन निर्माण कार्य से वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक को खतरा, प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जाएगा मामला

कालका से शिमला तक चल रहा फोरलेन निर्माण कार्य विश्व धरोहर कालका-शिमला ट्रैक के लिए खतरा बन रहा है. फोरलेन निर्माण कार्य के चलते ट्रैक पर में बनी सुरंगों को खतरा बढ़ रहा है. कालका-शिमला ट्रैक की सुरंगों पर निर्माण कार्य को लेकर अब रेलवे को चिंता सता रही है.

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Published : Dec 1, 2019, 8:00 AM IST

Kalka-shimla heritage track
शिमला-कालका हेरिटेज ट्रैक.

शिमला: वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक की सुरंगों को बढ़ते खतरे को लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार से बात की जाएगी. शनिवार को कालका-शिमला ट्रैक के निरीक्षण के लिए शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे उत्तर रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने कहा कि हेरिटेज ट्रैक के अस्तित्व को बचाने के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार से भी बात की जाएगी.

वीडियो.

टीपी सिंह ने कहा कि फोरलेन निर्माण कार्य के चलते कालका-शिमला ट्रैक पर सनावर, बड़ोग और कंडाघाट टनल को खतरा पैदा हो गया है. ट्रैक की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर जल्द ही सरकार से बात की जाएगी. शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचने पर टीपी सिंह ने स्टेशन पर शौचालय में सफाई व्यवस्था की जांच भी की. इसके बाद उन्होंने शिमला रेलवे स्टेशन से हेरिटेज स्टीम इंजन में बाबा भलखू रेलवे स्टेशन तक का सफर किया और यहां पहुंचकर बाबा भलखू संग्रहालय का भी निरीक्षण किया.

शिमला हेरिटेज लाइन पर चलने वाले स्टीम इंजन को टीपी सिंह ने हेरिटेज ट्रैक की शान बताया. उन्होंने कहा कि स्टीम इंजन को ज्यादा दूरी तक चलाने पर विचार किया जा सकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्री स्टीम इंजन के रोमांच को अनुभव कर सकें. वहीं, ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने को लेकर टीपी सिंह ने कहा कि इस बाबत 15 दिन के भीतर ट्रायल किया जाएगा और यह ट्रायल मॉडिफाइड कोचेस के साथ किया जाएगा. यह कोच कालका वर्कशॉप में तैयार किए गए हैं.

जीएम टीपी सिंह ने इस बात को माना कि ट्रैक पर बेहद तीखे मोड़ हैं, जिसके चलते स्पीड बढ़ाना संभव नहीं है. मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वहीं बढ़ाई जा सकती है, जहां पर ट्रैक सीधा है. उन्होंने कहा कि मॉडिफाइड कोच तैयार कर दिए गए हैं और अब अगर ट्रायल सफल रहता है तो स्पीड बढ़ाने को लेकर संभावनाएं तलाशी जाएंगी.

शिमला: वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक की सुरंगों को बढ़ते खतरे को लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार से बात की जाएगी. शनिवार को कालका-शिमला ट्रैक के निरीक्षण के लिए शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे उत्तर रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने कहा कि हेरिटेज ट्रैक के अस्तित्व को बचाने के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार से भी बात की जाएगी.

वीडियो.

टीपी सिंह ने कहा कि फोरलेन निर्माण कार्य के चलते कालका-शिमला ट्रैक पर सनावर, बड़ोग और कंडाघाट टनल को खतरा पैदा हो गया है. ट्रैक की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर जल्द ही सरकार से बात की जाएगी. शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचने पर टीपी सिंह ने स्टेशन पर शौचालय में सफाई व्यवस्था की जांच भी की. इसके बाद उन्होंने शिमला रेलवे स्टेशन से हेरिटेज स्टीम इंजन में बाबा भलखू रेलवे स्टेशन तक का सफर किया और यहां पहुंचकर बाबा भलखू संग्रहालय का भी निरीक्षण किया.

शिमला हेरिटेज लाइन पर चलने वाले स्टीम इंजन को टीपी सिंह ने हेरिटेज ट्रैक की शान बताया. उन्होंने कहा कि स्टीम इंजन को ज्यादा दूरी तक चलाने पर विचार किया जा सकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्री स्टीम इंजन के रोमांच को अनुभव कर सकें. वहीं, ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने को लेकर टीपी सिंह ने कहा कि इस बाबत 15 दिन के भीतर ट्रायल किया जाएगा और यह ट्रायल मॉडिफाइड कोचेस के साथ किया जाएगा. यह कोच कालका वर्कशॉप में तैयार किए गए हैं.

जीएम टीपी सिंह ने इस बात को माना कि ट्रैक पर बेहद तीखे मोड़ हैं, जिसके चलते स्पीड बढ़ाना संभव नहीं है. मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वहीं बढ़ाई जा सकती है, जहां पर ट्रैक सीधा है. उन्होंने कहा कि मॉडिफाइड कोच तैयार कर दिए गए हैं और अब अगर ट्रायल सफल रहता है तो स्पीड बढ़ाने को लेकर संभावनाएं तलाशी जाएंगी.

Intro:कालका शिमला फोरलेन निर्माण कार्य विश्व धरोहर कालका शिमला ट्रैक के लिए खतरा बन रहा है। फोरलेन के निर्माण कार्य के चलते ट्रैक पर जो सुरंगे हैं उन्हें लेकर खतरा बढ़ रहा है। वहीं इन सुरंगों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसे लेकर चिंता अब रेलवे को सता रही है। यही वजह है कि इस मामले को लेकर जल्द ही प्रदेश सरकार से भी बात की जाएगी कि किस तरह से वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक के अस्तित्व को बचाकर रखा जा सकता है। यह बात कालका-शिमला ट्रैक के निरीक्षण के लिए शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे नॉर्दन रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने कही। टी.पी सिंह ने सबसे पहले कालका वर्कशॉप जो कि एक हेरिटेज वर्कशॉप है उसका निरीक्षण किया। इसके बाद वह कालका से कैथलीघाट तक ट्रेन का सफर कर ट्रैक का निरीक्षण करते हुए आए और यहां से सड़क मार्ग से शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां पहुंचकर उन्होंने स्टेशन का औचक निरीक्षण किया।



Body:उन्होंने कहा कि फोरलेन निर्माण कार्य के चलते कालका- शिमला ट्रैक पर सनावर, बड़ोग और कंडाघाट के पास जो टनल्स है उन्हें खतरा पैदा हो गया है। ट्रैक की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर जल्दी सरकार से बात की जाएगी बड़ोग में रियल विंडो इंस्पेक्शन के दौरान उन्हें यह समस्या दिखी जिस पर उन्होंने संज्ञान लिया है। शिमला रेलवे स्टेशन पहुंचने पर जहां उन्होंने स्टेशन पर निरीक्षण किया तो वहीं स्टेशन के शौचालय में भी सफाई व्यवस्था जांचा। इसके बाद उन्होंने शिमला रेलवे स्टेशन से हेरिटेज स्टीम इंजन में बाबा भलखू रेलवे स्टेशन तक का सफर किया। यहां पहुंचकर बाबा भलखू संग्रहालय का भी निरीक्षण किया और यहां की व्यवस्था को जांचा।


Conclusion:उन्होंने कहा कि शिमला हेरिटेज लाइन पर चलने वाले स्टीम इंजन को जो कि इस ट्रैक की शान है उसे ज्यादा दूरी तक चलाने पर विचार किया जा सकता है ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्री स्टीम इंजन के रोमांच को अनुभव कर सकें। वहीं ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाने को लेकर भी उन्होंने कहा कि इस बाबत 15 दिन के भीतर ट्रायल किया जाएगा और यह ट्रायल मॉडिफाइड कोचेस के साथ किया जाएगा। यह कोच कालका वर्कशॉप में तैयार किए गए है। हालांकि उन्होंने इस बात को माना की ट्रैक पर बहुत ही ज्यादा तीखे मोड़ है जिसके चलते स्पीड बढ़ाना संभव नहीं है। मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वहीं बढ़ाई जा सकती है जहां पर ट्रैक सीधा है। उन्होंने कहा कि मॉडिफाइड कोच तैयार कर दिए गए हैं अब अगर ट्रायल सफल रहता है तो स्पीड बढ़ाने को लेकर संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

बॉक्स:
स्टीम इंजन के सफर को लेकर दिखे उत्साहित

कालका-शिमला रेलवे ट्रैक के निरीक्षण के लिए पहुंचे जी एम टी. पी सिंह स्टीम इंजन में सफर को लेकर खासे उत्साहित दिखे. निरीक्षण से पहले ही स्टीम इंजन को शिमला स्टेशन के प्लेटफार्म पर तैयार रखा गया था. स्टीम इंजन पूरी तरह से तैयार था और जी एम इस ऐतिहासिक स्टीम इंजन में सफर को लेकर बेहद उत्साहित थे। इस दौरान स्टीम इंजन को शिमला रेलवे स्टेशन से ओल्ड बस स्टैंड के पास स्थित बाबा भलखू संग्रहालय तक चलाया गया जिसमें जीएम सहित अन्य अधिकारियों ने भी सफर किया।


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