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मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना: हिमाचल में 2447 लोगों को जॉब कार्ड जारी

मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में 2447 लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. योजना के तहत राज्य में सभी शहरी स्थानीय निकायों में कुल 3545 लोगों ने पंजीकरण करवाया है.

Guarantee Scheme
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Published : Oct 1, 2020, 9:24 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत 2447 लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. योजना के तहत राज्य में सभी शहरी स्थानीय निकायों में कुल 3545 लोगों ने पंजीकरण करवाया है.

गुरुवार को शिमला में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस योजना की समीक्षा की. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने 'मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना' के साथ ही 'दीन दयाल अन्तयोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन' की समीक्षा भी की. ये दोनों योजनाएं रोजगार से संबंधित हैं. हिमाचल सरकार ने इस वर्ष मई माह में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना शुरू की थी.

इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गारंटी रोजगार देना है. शहरी स्थानीय निकायों के निवासियों को जॉब कार्ड जारी करने के 15 दिनों के भीतर 120 दिनों का गारंटी रोजगार प्रदान किया जाएगा. यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो उन्हें बेरोजगार भत्ता के रूप में प्रतिदिन 75 रुपये दिए जाएंगे.

शहरी विकास मंत्री ने बताया कि इस योजना में सभी शहरी स्थानीय निकायों के कुल 3545 लोगों ने पंजीकरण करवाया है. इसमें से 2447 लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. साथ ही 2099 लोगों को कार्य प्रदान किए गए थे, जिनमें से 1808 लोगों ने कार्य मंजूर किए.

इस योजना में शहरी स्थानीय निकायों में 1009 लोगों ने अधोसंरचना से जुड़े और 799 लोगों ने स्वच्छता से जुड़े कार्य स्वीकार किए. दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को इस योजना को कोविड-19 के दौरान सफल बनाने के उपाय तलाशने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस योजना के तहत लक्ष्य हासिल करता आया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना के तहत 1.54 करोड़ रुपये खर्च किए गए है, जबकि 3.64 करोड़ रुपये अभी खर्च किए जाने हैं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 200 के निर्धारित लक्ष्य से भी ज्यादा 324 स्वयं सहायता समूह स्थापित किए गए.

यह योजना शहरी रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए सहायक प्रणाली के रूप में भी कार्य कर रही है. कुल 4054 रेहड़ी-फड़ी वालों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं. इसके अलावा 3798 प्रमाण पत्र भी जारी किए गए हैं. एक सर्वेक्षण के अनुसार 54 शहरी स्थानीय निकायों में 5790 रेहड़ी-फड़ी वालों को चिन्हित किया गया है.

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि 30 कस्बों में 5000 रेहड़ी-फड़ी वालों को ठोस कचरा प्रबंधन नियमों, स्वास्थ्य तथा स्वच्छता पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 'मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना' तथा 'दीन दयाल अन्तोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन' की प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी. बैठक में सचिव शहरी विकास रजनीश, आयुक्त नगर निगम शिमला पंकज राय तथा अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना के तहत 2447 लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. योजना के तहत राज्य में सभी शहरी स्थानीय निकायों में कुल 3545 लोगों ने पंजीकरण करवाया है.

गुरुवार को शिमला में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस योजना की समीक्षा की. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने 'मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना' के साथ ही 'दीन दयाल अन्तयोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन' की समीक्षा भी की. ये दोनों योजनाएं रोजगार से संबंधित हैं. हिमाचल सरकार ने इस वर्ष मई माह में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना शुरू की थी.

इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गारंटी रोजगार देना है. शहरी स्थानीय निकायों के निवासियों को जॉब कार्ड जारी करने के 15 दिनों के भीतर 120 दिनों का गारंटी रोजगार प्रदान किया जाएगा. यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो उन्हें बेरोजगार भत्ता के रूप में प्रतिदिन 75 रुपये दिए जाएंगे.

शहरी विकास मंत्री ने बताया कि इस योजना में सभी शहरी स्थानीय निकायों के कुल 3545 लोगों ने पंजीकरण करवाया है. इसमें से 2447 लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. साथ ही 2099 लोगों को कार्य प्रदान किए गए थे, जिनमें से 1808 लोगों ने कार्य मंजूर किए.

इस योजना में शहरी स्थानीय निकायों में 1009 लोगों ने अधोसंरचना से जुड़े और 799 लोगों ने स्वच्छता से जुड़े कार्य स्वीकार किए. दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को इस योजना को कोविड-19 के दौरान सफल बनाने के उपाय तलाशने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस योजना के तहत लक्ष्य हासिल करता आया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना के तहत 1.54 करोड़ रुपये खर्च किए गए है, जबकि 3.64 करोड़ रुपये अभी खर्च किए जाने हैं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 200 के निर्धारित लक्ष्य से भी ज्यादा 324 स्वयं सहायता समूह स्थापित किए गए.

यह योजना शहरी रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए सहायक प्रणाली के रूप में भी कार्य कर रही है. कुल 4054 रेहड़ी-फड़ी वालों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं. इसके अलावा 3798 प्रमाण पत्र भी जारी किए गए हैं. एक सर्वेक्षण के अनुसार 54 शहरी स्थानीय निकायों में 5790 रेहड़ी-फड़ी वालों को चिन्हित किया गया है.

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि 30 कस्बों में 5000 रेहड़ी-फड़ी वालों को ठोस कचरा प्रबंधन नियमों, स्वास्थ्य तथा स्वच्छता पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 'मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना' तथा 'दीन दयाल अन्तोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन' की प्रतिमाह समीक्षा की जाएगी. बैठक में सचिव शहरी विकास रजनीश, आयुक्त नगर निगम शिमला पंकज राय तथा अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

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