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सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुई JEE MAIN की परीक्षा, 62 छात्रों ने दिया एग्जाम

शिमला के पंथाघाटी स्थित एक इंस्टीट्यूट में मंगलवार को जेईई मेंस की परीक्षा का आयोजन किया गया है. हालांकि केंद्र में कोविड से बचाव को लेकर पूरे इंतेजाम किए गए थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ये परीक्षा करवाई गई.

JEE Main exam held in shimla
परीक्षा देकर निकलते छात्र
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Published : Sep 1, 2020, 4:09 PM IST

शिमला: जिला के पंथाघाटी स्थित एक इंस्टीट्यूट में मंगलवार को जेईई मेंस की परीक्षा का आयोजन किया गया है. केंद्र में कोविड से बचाव को लेकर पूरे इंतेजाम किए गए थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ये परीक्षा करवाई गई. केंद्र में परीक्षार्थियों को प्रवेश देने से पहले उनकी थर्मल स्केनिंग की गई और उनका तापमान सामान्य होने पर ही केंद्र में जाने की अनुमति दी गई. पहले सत्र में सुबह 9 से 12 बजे तक 120 परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में परीक्षा देनी थी, लेकिन मात्र 62 परीक्षार्थी इस परीक्षा में बैठे हैं.

1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाली इस परीक्षा के लिए प्रदेश में 11 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. ये परीक्षा शिमला, सोलन, मंडी, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और कुल्लू में बनाए गए परीक्षा केंद्रों में करवाई जा रही है. परीक्षा सुबह और शाम के दो सत्रों में करवाई जा रही है, जिससे कोविड के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. केंद्र में प्रवेश करने से पहले परीक्षार्थियों के हाथ सेनिटाइज करवाए गए और परीक्षा समाप्त होने के बाद भी परीक्षार्थियों को सेनिटाइज करवाकर केंद्र से बाहर भेजा गया.

वीडियो.

संस्थान प्रबंधन के अनुसार परीक्षा करवाने के लिए पूरी एसओपी का पालन किया गया है. परीक्षा केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग से परीक्षा करवाने के लिए छात्रों के बीच डेढ़ मीटर का डिस्टेंस रखा गया था. सुबह के सत्र में ऑड रोल नंबर वाले परीक्षार्थियों की परीक्षा करवाई गई, जबकि परीक्षा के बाद दूसरे सत्र की परीक्षा के लिए भी सेंटर को सेनिटाइज किया गया था.

परीक्षार्थियों ने कहा कि परीक्षा केंद्र पर कोरोना से बचाव को लेकर सभी तरह के इंतजाम किए गए थे. हाथ सेनिटाइज करवाने के साथ ही उन्हें थ्री लेयर मास्क भी परीक्षा केंद्र में उपलब्ध करवाया गया था, जिसे पहनकर छात्रों ने अपनी परीक्षा दी. उन्होंने कहा कि बार-बार सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को भी केंद्र में पूरा किया जा रहा था, ताकि कोरोना के फैलने का खतरा ना रहे.

परीक्षार्थियों ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही मानते हैं, क्योंकि एग्जाम होना जरूरी था. वहीं, उन्होंने माना कि अगर कोर्ट समय रहते फैसला लेता, तो उनकी तैयारी बेहतर हो सकती. उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय तक स्थिति असमंजस भरी बनी हुई थी, जिससे उतनी अच्छी तैयारी परीक्षा के लिए नहीं हो पाई है.

ये भी पढ़ें: ओपन मार्केट में उतरेगा खाद्य आपूर्ति निगम, दुकानदारों को थोक भाव पर मिलेगा सामान

शिमला: जिला के पंथाघाटी स्थित एक इंस्टीट्यूट में मंगलवार को जेईई मेंस की परीक्षा का आयोजन किया गया है. केंद्र में कोविड से बचाव को लेकर पूरे इंतेजाम किए गए थे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ये परीक्षा करवाई गई. केंद्र में परीक्षार्थियों को प्रवेश देने से पहले उनकी थर्मल स्केनिंग की गई और उनका तापमान सामान्य होने पर ही केंद्र में जाने की अनुमति दी गई. पहले सत्र में सुबह 9 से 12 बजे तक 120 परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में परीक्षा देनी थी, लेकिन मात्र 62 परीक्षार्थी इस परीक्षा में बैठे हैं.

1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाली इस परीक्षा के लिए प्रदेश में 11 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. ये परीक्षा शिमला, सोलन, मंडी, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और कुल्लू में बनाए गए परीक्षा केंद्रों में करवाई जा रही है. परीक्षा सुबह और शाम के दो सत्रों में करवाई जा रही है, जिससे कोविड के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. केंद्र में प्रवेश करने से पहले परीक्षार्थियों के हाथ सेनिटाइज करवाए गए और परीक्षा समाप्त होने के बाद भी परीक्षार्थियों को सेनिटाइज करवाकर केंद्र से बाहर भेजा गया.

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संस्थान प्रबंधन के अनुसार परीक्षा करवाने के लिए पूरी एसओपी का पालन किया गया है. परीक्षा केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग से परीक्षा करवाने के लिए छात्रों के बीच डेढ़ मीटर का डिस्टेंस रखा गया था. सुबह के सत्र में ऑड रोल नंबर वाले परीक्षार्थियों की परीक्षा करवाई गई, जबकि परीक्षा के बाद दूसरे सत्र की परीक्षा के लिए भी सेंटर को सेनिटाइज किया गया था.

परीक्षार्थियों ने कहा कि परीक्षा केंद्र पर कोरोना से बचाव को लेकर सभी तरह के इंतजाम किए गए थे. हाथ सेनिटाइज करवाने के साथ ही उन्हें थ्री लेयर मास्क भी परीक्षा केंद्र में उपलब्ध करवाया गया था, जिसे पहनकर छात्रों ने अपनी परीक्षा दी. उन्होंने कहा कि बार-बार सेनिटाइजेशन की प्रक्रिया को भी केंद्र में पूरा किया जा रहा था, ताकि कोरोना के फैलने का खतरा ना रहे.

परीक्षार्थियों ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही मानते हैं, क्योंकि एग्जाम होना जरूरी था. वहीं, उन्होंने माना कि अगर कोर्ट समय रहते फैसला लेता, तो उनकी तैयारी बेहतर हो सकती. उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय तक स्थिति असमंजस भरी बनी हुई थी, जिससे उतनी अच्छी तैयारी परीक्षा के लिए नहीं हो पाई है.

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