शिमला: सरकारी लैब पर लगातार बढ़ रहे बोझ को कम करने और टेस्ट रिपोर्ट जल्दी मरीज को मिल सके इसके लिए सरकार ने प्राइवेट लैब में भी आरटी-पीसीआर टेस्ट की अनुमति दी है. इसके लिए अधिकतम 500 रुपये फीस रखी गई है.
प्राइवेट लैब में भी होगा आरटी-पीसीआर टेस्ट
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कोविड परीक्षणों को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसके लिए निजी क्षेत्र के अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को आरटी-पीसीआर परीक्षण की अनुमति प्रदान की है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने कहा कि वर्तमान में राज्य में सरकारी क्षेत्र में 8 आरटी-पीसीआर प्रयोगशालाएं, 25 ट्रूनेट प्रयोगशालाएं और दो सीबी नेट प्रयोगशालाएं कार्य कर रही हैं, जबकि महामारी के प्रारम्भ में नमूनों को एनआईवी पुणे स्थित लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा था. उन्होंने बताया कि राज्य ने निजी क्षेत्र में रैपिड एंटीजन टेस्ट और ट्रूनेट के माध्यम से कोविड-19 परीक्षण के लिए शुल्क दरें भी निर्धारित की है.
कोरोना टेस्ट क्षमता को बढ़ाने के प्रयास
सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि सरकारी क्षेत्र में भी कोरोना टेस्ट करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से आरटी-पीसीआर टेस्ट शुरू करने का मामला उठाया है. राज्य में मौजूदा प्रयोगशालाओं में नई मशीनें लगाकर कोरोना टेस्ट क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
कीमत की गई निर्धारित
सीएम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निजी अस्पतालों व निजी प्रयोगशालाओं को भी अब आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की अनुमति दे दी गई है. इसके लिए परीक्षण शुल्क दरें भी निर्धारित की गई हैं. प्रति सैंपल 500 रुपये और घर से सैंपल एकत्रित करने के लिए 750 रुपये निर्धारित किए हैं. निजी अस्पताल और प्रयोगशालाएं इन दरों से अधिक राशि नहीं ले सकेंगे.
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