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स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना के तहत राज्य के 100 विद्यालयों में लाया जाएगा सुधार: सीएम जयराम - himachal news

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना शुरू की जा रही है और इस योजना के तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों का गुणात्तमक बदलाव और छात्र-शिक्षकों का उचित अनुपात सुनिश्चित कर सुधार किया जाएगा.

shimla news, शिमला न्यूज
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Published : Jul 4, 2020, 9:01 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को बजट आश्वासनों को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, ताकि इन योजनाओं का लाभ लक्षित समूहों तक पहुंचाया जा सके. मुख्यमंत्री वर्ष 2020-21 के लिए बजट प्राथमिकताओं पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना शुरू की जा रही है और इस योजना के तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों का गुणात्तमक बदलाव और छात्र-शिक्षकों का उचित अनुपात सुनिश्चित कर सुधार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 15 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम (बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स) भी शुरू किए गए हैं और इस वर्ष प्रदेश के अन्य 6 महाविद्यालयों में ऐसे पाठयक्रम आरम्भ किए जाएंगे.

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जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मेधा प्रोत्साहन योजना विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि उन्हें नीट, आईआईआईटी जैसी विभिन्न परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने के लिए एक लाख रुपये तक का अनुदान मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वर्ण जयंती सुपर 100 स्कीम के तहत दसवीं की परीक्षा में आए पहले 100 विद्यार्थियों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषकर प्री-प्राईमरी और प्राईमरी स्तर के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि गुणात्त्मक शिक्षा पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को उनके घरद्वार के निकट उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त हो सकें.

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कृषि उत्पाद संरक्षण योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत राज्य के किसानों को एन्टी हेल नेट लगाने के लिए ढांचे पर 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य में सुगन्धित पौधों की खेती और इनके प्रचार के लिए महक योजना आरम्भ की गई है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की सहायता से राज्य के किसानों की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से चल रही बागवानी विकास परियोजना के अन्तर्गत गुम्मा, जरोल-टिक्कर और रोहडू में राज्य के बागवानों और किसानों की सहायता के लिए स्थापित नियंत्रित वातावरण (सी.ए.) स्टोर्ज का स्तरोन्यन किया जा रहा है, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022 तक सभी घरों में नल से जलापूर्ति सुनिश्चित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मिशन के तहत प्रशंसनीय प्रगति की है और वर्ष 2019-20 में जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से 57 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बे-मौसमी सब्जियां और नकदी फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अधिकतर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने का प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा कि इससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि यह युवाओं को कृषि गतिविधियों में अपना सहयोग देने के लिए भी प्रेरित करेगा और युवाओं का शहरों की तरफ पलायन भी रूकेगा,

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 35 पुलिस अफसरों का ट्रांसफर, 4 को प्रमोशन

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को बजट आश्वासनों को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए, ताकि इन योजनाओं का लाभ लक्षित समूहों तक पहुंचाया जा सके. मुख्यमंत्री वर्ष 2020-21 के लिए बजट प्राथमिकताओं पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना शुरू की जा रही है और इस योजना के तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों का गुणात्तमक बदलाव और छात्र-शिक्षकों का उचित अनुपात सुनिश्चित कर सुधार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत 15 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम (बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स) भी शुरू किए गए हैं और इस वर्ष प्रदेश के अन्य 6 महाविद्यालयों में ऐसे पाठयक्रम आरम्भ किए जाएंगे.

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जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मेधा प्रोत्साहन योजना विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि उन्हें नीट, आईआईआईटी जैसी विभिन्न परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने के लिए एक लाख रुपये तक का अनुदान मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वर्ण जयंती सुपर 100 स्कीम के तहत दसवीं की परीक्षा में आए पहले 100 विद्यार्थियों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषकर प्री-प्राईमरी और प्राईमरी स्तर के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि गुणात्त्मक शिक्षा पर विशेष बल दिया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को उनके घरद्वार के निकट उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त हो सकें.

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कृषि उत्पाद संरक्षण योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत राज्य के किसानों को एन्टी हेल नेट लगाने के लिए ढांचे पर 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य में सुगन्धित पौधों की खेती और इनके प्रचार के लिए महक योजना आरम्भ की गई है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की सहायता से राज्य के किसानों की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से चल रही बागवानी विकास परियोजना के अन्तर्गत गुम्मा, जरोल-टिक्कर और रोहडू में राज्य के बागवानों और किसानों की सहायता के लिए स्थापित नियंत्रित वातावरण (सी.ए.) स्टोर्ज का स्तरोन्यन किया जा रहा है, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022 तक सभी घरों में नल से जलापूर्ति सुनिश्चित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मिशन के तहत प्रशंसनीय प्रगति की है और वर्ष 2019-20 में जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से 57 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बे-मौसमी सब्जियां और नकदी फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अधिकतर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने का प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा कि इससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि यह युवाओं को कृषि गतिविधियों में अपना सहयोग देने के लिए भी प्रेरित करेगा और युवाओं का शहरों की तरफ पलायन भी रूकेगा,

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