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जयराम कैबिनेट के बड़े फैसले: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी - जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक

कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी (jairam cabinet big decision) दी है. यह वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक है. इससे स्टेट एक्साइज रेवेन्यू में 14 प्रतिशत वृद्धि होगी. कैबिनेट बैठक में बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई है.

jairam cabinet big decision
जयराम कैबिनेट के बड़े फैसले
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Published : Mar 20, 2022, 7:13 PM IST

Updated : Mar 20, 2022, 8:53 PM IST

शिमला: सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक (jairam cabinet big decision) आयोजित की गई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी (Himachal cabinet approves new excise policy) दी है, यह वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक है. इससे स्टेट एक्साइज रेवेन्यू में 14 प्रतिशत वृद्धि होगी.

इसके अलावा अब शराब की प्रत्येक बोतल पर 2.50 रुपये काऊ सेस लगेगा. पहले यह 1.50 रुपये प्रति बोतल था. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में इस वित्त वर्ष के लिए 2131 करोड़ रेवेन्यू जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि कैबिनेट बैठक में वन मंत्री राकेश पठानिया, तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजेल मौजूद नहीं थे.

जयराम कैबिनेट के बड़े फैसले

मंत्रिमण्डल की बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है. यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है. इसके अलावा कैबिनेट ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की.

jairam cabinet big decision
जयराम कैबिनेट की बैठक.

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है. लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी. इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी.

नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है. इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा.

इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है. राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है. लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है. अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे.

जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है. शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है.

विभाग द्वारा हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है. राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाइन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉड्यूल शामिल होंगे.

मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है, जिसमें राज्य में सभी पथकर बैरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं. वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने और वाहन दुर्घटना में होने वाली मृत्यु के मामलों को राहत नियमावली के अन्तर्गत शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें: सीएम जयराम ने दून विधानसभा क्षेत्र को दी करोड़ों की सौगात, विपक्ष पर भी बोला हमला

शिमला: सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक (jairam cabinet big decision) आयोजित की गई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी (Himachal cabinet approves new excise policy) दी है, यह वित्त वर्ष 2021-22 से 264 करोड़ रुपये अधिक है. इससे स्टेट एक्साइज रेवेन्यू में 14 प्रतिशत वृद्धि होगी.

इसके अलावा अब शराब की प्रत्येक बोतल पर 2.50 रुपये काऊ सेस लगेगा. पहले यह 1.50 रुपये प्रति बोतल था. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में इस वित्त वर्ष के लिए 2131 करोड़ रेवेन्यू जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि कैबिनेट बैठक में वन मंत्री राकेश पठानिया, तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजेल मौजूद नहीं थे.

जयराम कैबिनेट के बड़े फैसले

मंत्रिमण्डल की बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें वर्ष के दौरान 2,131 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति की परिकल्पना की गई है. यह राज्य आबकारी राजस्व में 14 प्रतिशत की कुल वृद्धि को दर्शाता है. इसके अलावा कैबिनेट ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से राजस्व विभाग में नियमित आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से तहसीलदार श्रेणी-1 के 11 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की.

jairam cabinet big decision
जयराम कैबिनेट की बैठक.

बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 राज्य में प्रति इकाई चार प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त बढ़ोतरी प्राप्त करना और पड़ोसी राज्यों में दाम कम करके होने वाली देसी शराब की तस्करी पर रोक लगाना है. लाइसेंस फीस कम होने के कारण देसी शराब ब्रांड सस्ती होगी. इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध होगी और उन्हें अवैध शराब खरीदने के प्रलोभन से भी बचाया जा सकेगा और शुल्क चोरी पर भी निगरानी रखी जा सकेगी.

नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के निर्माताओं और बॉटलर्ज के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत कोटा समाप्त कर दिया गया है. इस निर्णय से खुदरा लाइसेंसधारी अपना कोटा अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ता से उठा सकेंगे और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता की देसी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. देसी शराब का अधिकतम खरीद मूल्य मौजूदा मूल्य से 16 प्रतिशत सस्ता हो जाएगा.

इस वर्ष की नीति में गौवंश के कल्याण के लिए अधिक निधि प्रदान करने के दृष्टिगत गौधन विकास निधि में एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे मौजूदा 1.50 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये किया गया है. राज्य में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड उपकर में मौजूदा से 50 प्रतिशत की कमी की गई है. लाइसेंस शुल्क के क्षेत्र विशिष्ट स्लैब को समाप्त करके बार के निश्चित वार्षिक लाइसेंस शुल्क को युक्तिसंगत बनाया गया है. अब पूरे राज्य में होटलों में कमरों की क्षमता के आधार पर एक समान लाइसेंस स्लैब होंगे.

जनजातीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है. शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए इन सभी हितधारकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है.

विभाग द्वारा हाल ही में शराब बॉटलिंग प्लांटों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं में पाई गई अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम, 2011 को और सख्त किया गया है. राज्य में एक प्रभावी एंड-टू-एंड ऑनलाइन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिसमें शराब की बोतलों की ट्रैक एंड टेक्स की सुविधा के अलावा निगरानी के लिए अन्य मॉड्यूल शामिल होंगे.

मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य पथकर नीति को अपनी मंजूरी प्रदान की है, जिसमें राज्य में सभी पथकर बैरियर की नीलामी व निविदा शामिल हैं. वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में गत वर्ष के राजस्व के मुकाबले 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की जिसमें मधुमक्खी, हॉरनेट और वैस्प के काटने से होने वाली मृत्यु, दुर्घटनाग्रस्त डूबने और वाहन दुर्घटना में होने वाली मृत्यु के मामलों को राहत नियमावली के अन्तर्गत शामिल किया गया है.

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Last Updated : Mar 20, 2022, 8:53 PM IST
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