शिमला: हिमाचल सरकार भांग की खेती को वैध करने पर विचार कर रही है. इसको लेकर एक कमेटी बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित की गई है. कमेटी मध्य प्रदेश के दौरे पर पहुंच गई हैं. कमेटी ने यहां पर सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों के साथ बैठक कर भांग की खेती को वैध बनाने के बारे में विचार विमर्श किया और इस बारे में उनका सहयोग मांगा. जगत सिंह नेगी की अगुवाई में कमेटी ने हिमाचल में औद्योगिक और गैर मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरू करने को लेकर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें कमेटी के अध्यक्ष बागवानी जगत सिंह नेगी व अन्य सदस्य शामिल हुए.
भांग की खेती से संबंधित नीति बनाने के लिए अधिकारियों से आग्रह: इस बैठक के दौरान पर कमेटी के सदस्यों ने भांग की खेती शुरू करने को लेकर कानूनी पहलुओं पर ब्यूरो के अधिकारियों से विमर्श किया. इस दौरान अफीम और भांग की खेती में विभिन्न समानताओं पर भी चर्चा की गई. कमेटी ने भविष्य में प्रदेश में भांग की खेती से संबंधित नीति बनाने के लिए अधिकारियों से सहयोग का आग्रह भी किया. इसके बाद कमेटी ने ग्वालियर के मालनपुर स्थित साई फाईटोस्यूटिकल्स कंपनी का दौरा किया और आयुष विभाग से लाइसेंस प्राप्त कर भांग से दवाइयां तैयार करने के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की. इस अवसर पर नारकोटिक्स कमिश्नर दिनेश बोध, नारकोटिक्स संस्थान के अधीक्षक डीएस सिंह, साई फाईटोस्यूटिकल्स कंपनी के प्रतिनिधि अनिल बंसाली भी उपस्थित रहे.
भांग की खेती से जुड़े सुझावों पर किया जाएगा गौर: इससे पहले रविवार देर सायं कमेटी ने उत्तराखंड सरकार के आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों और भांग की खेती से जुड़े लोगों के साथ बैठक की. इस अवसर पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि औद्योगिक और गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती वैध करने के लिए उत्तराखंड में सरकार और किसानों के समक्ष आई समस्याओं और चुनौतियों पर विस्तार से चिंतन किया जाएगा. भांग की खेती से जुड़े लोगों के अनुभवों और सुझावों पर गहनता से गौर किया जाएगा.
कमेटी ने अधिकारियों से खेती शुरू करने के लिए लाइसेंस से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी हासिल की. इस अवसर पर खेती से जुड़े विभिन्न फर्मों ने समिति को अवगत करवाया कि भांग की खेती से किस प्रकार विभिन्न उत्पाद और गृह निर्माण से संबंधित सामग्री तैयार की जा सकती है. रोजाना इस्तेमाल में आने वाली विभिन्न वस्तुएं तैयार की जा सकती हैं. इस दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भांग की खेती से बनने वाले उत्पादों पर भी चर्चा की गई. इस दौरान उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और भांग की खेती करने वाली फर्मों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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