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लवी मेले में नहीं बिक रहे हाथ से बनाए औजार, व्यापारी परेशान, ढुलाई का किराया निकालना तक हुआ मुश्किल - लवी मेले में हस्तनिर्मित कृषि उपकरणों का व्यापार

Traditional Handmade Farming Tools Trade in Lavi Mela: अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में हर साल की तरह इस साल मंडी से व्यापारी हाथ से बनाए औजार लेकर पहुंचे हैं, लेकिन इस बार व्यापार ज्यादा अच्छा नहीं हो रहा है. जिससे व्यापारियों में निराशा है. बहुत कम लोग ही इन हस्तनिर्मित औजारों की खरीदारी कर रहे हैं.

Traditional Handmade Farming Tools Trade in Lavi Mela
अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में सामान के साथ बैठा व्यापारी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 1:03 PM IST

रामपुर: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में हर साल की तरह इस बार भी दूर-दूर से व्यापारी रामपुर बुशहर में अपना बेचने के लिए पहुंचे हुए हैं. मंडी जिले के विभिन्न स्थानों से व्यपारी हर साल लवी मेले में हाछ से बनाए गए कृषि व बागवानी उपकराण बेचने के लिए आते हैं. इसमें रसोई से संबंधित सामान भी इनके द्वारा बनाया जाता है, लेकिन इस बार इन व्यापारियों के पास लोगों की भीड़ देखने को नहीं मिल रही है. कुछ इक्का-दुक्का लोग ही इन व्यापारियों के पास खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं. मजबूरन व्यापारी पूरा दिन खाली बैठकर अपना समय गुजार रहे हैं.

हाथ से बनाए कृषि उपकरण बेचने के लिए बैठे एक व्यापारी ने बताया कि उनके द्वारा कस्सी, चीकड़ू, दराट, दराट, आंगशु, कुल्हाड़ी के साथ-साथ अन्य भी सामान भी बेचने के लिए लाए गए हैं. जो कि लोहे और कोयले से तैयार किए गए हैं. जिनकी कीमत 100 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक है. व्यापारियों का कहना है कि वह हर साल लवी मेले में अपना सामान बेचने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार व्यापार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. बहुत कम ग्राहक ही खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुश्किल से पूरे दिन में एक या दो हजार की कमाई हो रही है, जिससे उनका सामान ढुलाई का किराया भी पूरा नहीं हो पा रहा है.

Traditional Handmade Farming Tools Trade in Lavi Mela
लवी मेला में पारंपरिक कृषि उपकरणों का व्यापार

व्यापारियों ने बताया कि वह लोग सारा साल किसानी व बागवानी के उपकरणों को तैयार करते हैं. उसके बाद इन्हें बेचने के लिए अंतरराष्ट्रीय लवी मेले और अन्य मेलों में जाते हैं, लेकिन इस बार लवी मेले में लोग इन उपकरणों को खरीद ही नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार उन्हें इतना घाटे का व्यापार हुआ है. व्यापारियों का कहना है कि आधुनिक उपकरण बनने के बाद अब हाथ से तैयार किए गए उपकरणों का व्यापार लगभग 25 प्रतिशत तक रह गया है. ऐसे में पारंपरिक उपकरण बनाने वाले लोगों के रोजी-रोटी पर संकट के बादल छाने लगे हैं. लोग कम से कम रेट लगाने पर भी पारंपरिक उपकरण नहीं खरीद रहे हैं.

Traditional Handmade Farming Tools Trade in Lavi Mela
लवी मेले में कम हो रहा हाथ से बनाए औजारों का व्यपाार

व्यापारियों ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश में भारी आपदा आने से लोगों के घर व खेत तबाह हो गए हैं. जिसका असर भी मेले के दौरान देखने को मिल रहा है. इसके अलावा सेब की पैदावार भी इस बार काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में आर्थिक स्थिती सही न होने के चलते लोग बहुत कम खरीदारी कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर खरीदारी करने आए लोगों का कहना है कि इस बार जो सामान व्यापारियों द्वारा लाया गया है, वह महंगे दामों पर उपलब्ध हो रहा है. जिस कारण लोग खरीदारी नहीं कर रहे हैं.

रामपुर के पूर्व बीडीसी चैयरमेन आत्माराम केदारटा ने बताया कि इन व्यापारियों को नेशनल हाईवे- 5 के किनारे निशुल्क बैठने के लिए रामपुर प्रशासन द्वारा जगह मुहैया करवाई जाती है. अब काफी तादाद में यह व्यापारी मंडी से यहां लवी मेले के दौरान व्यापार करने के लिए पहुंच रहे हैं. जिस कारण भी व्यापार में कमी आई है. उन्होंने बताया कि इसके साथ अधुनिकता का दौर भी चल रहा है ऐसे में पांरपरिक उपकरणों के व्यापार में कमी आना सभाविक है.

ये भी पढ़ें: Lavi Fair 2023: लवी मेले में इस बार आकर्षण का केंद्र बनी वूलन साड़ी, महिलाओं ने जमकर की खरीदारी

ये भी पढ़ें: लवी मेले में छाए किन्नौरी ड्राई फ्रूट्स, सूखे मेवों की कीमतों में भारी उछाल, चिलगोजे ने तोड़े रिकॉर्ड

रामपुर: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में हर साल की तरह इस बार भी दूर-दूर से व्यापारी रामपुर बुशहर में अपना बेचने के लिए पहुंचे हुए हैं. मंडी जिले के विभिन्न स्थानों से व्यपारी हर साल लवी मेले में हाछ से बनाए गए कृषि व बागवानी उपकराण बेचने के लिए आते हैं. इसमें रसोई से संबंधित सामान भी इनके द्वारा बनाया जाता है, लेकिन इस बार इन व्यापारियों के पास लोगों की भीड़ देखने को नहीं मिल रही है. कुछ इक्का-दुक्का लोग ही इन व्यापारियों के पास खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं. मजबूरन व्यापारी पूरा दिन खाली बैठकर अपना समय गुजार रहे हैं.

हाथ से बनाए कृषि उपकरण बेचने के लिए बैठे एक व्यापारी ने बताया कि उनके द्वारा कस्सी, चीकड़ू, दराट, दराट, आंगशु, कुल्हाड़ी के साथ-साथ अन्य भी सामान भी बेचने के लिए लाए गए हैं. जो कि लोहे और कोयले से तैयार किए गए हैं. जिनकी कीमत 100 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक है. व्यापारियों का कहना है कि वह हर साल लवी मेले में अपना सामान बेचने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार व्यापार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. बहुत कम ग्राहक ही खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुश्किल से पूरे दिन में एक या दो हजार की कमाई हो रही है, जिससे उनका सामान ढुलाई का किराया भी पूरा नहीं हो पा रहा है.

Traditional Handmade Farming Tools Trade in Lavi Mela
लवी मेला में पारंपरिक कृषि उपकरणों का व्यापार

व्यापारियों ने बताया कि वह लोग सारा साल किसानी व बागवानी के उपकरणों को तैयार करते हैं. उसके बाद इन्हें बेचने के लिए अंतरराष्ट्रीय लवी मेले और अन्य मेलों में जाते हैं, लेकिन इस बार लवी मेले में लोग इन उपकरणों को खरीद ही नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार उन्हें इतना घाटे का व्यापार हुआ है. व्यापारियों का कहना है कि आधुनिक उपकरण बनने के बाद अब हाथ से तैयार किए गए उपकरणों का व्यापार लगभग 25 प्रतिशत तक रह गया है. ऐसे में पारंपरिक उपकरण बनाने वाले लोगों के रोजी-रोटी पर संकट के बादल छाने लगे हैं. लोग कम से कम रेट लगाने पर भी पारंपरिक उपकरण नहीं खरीद रहे हैं.

Traditional Handmade Farming Tools Trade in Lavi Mela
लवी मेले में कम हो रहा हाथ से बनाए औजारों का व्यपाार

व्यापारियों ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश में भारी आपदा आने से लोगों के घर व खेत तबाह हो गए हैं. जिसका असर भी मेले के दौरान देखने को मिल रहा है. इसके अलावा सेब की पैदावार भी इस बार काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में आर्थिक स्थिती सही न होने के चलते लोग बहुत कम खरीदारी कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर खरीदारी करने आए लोगों का कहना है कि इस बार जो सामान व्यापारियों द्वारा लाया गया है, वह महंगे दामों पर उपलब्ध हो रहा है. जिस कारण लोग खरीदारी नहीं कर रहे हैं.

रामपुर के पूर्व बीडीसी चैयरमेन आत्माराम केदारटा ने बताया कि इन व्यापारियों को नेशनल हाईवे- 5 के किनारे निशुल्क बैठने के लिए रामपुर प्रशासन द्वारा जगह मुहैया करवाई जाती है. अब काफी तादाद में यह व्यापारी मंडी से यहां लवी मेले के दौरान व्यापार करने के लिए पहुंच रहे हैं. जिस कारण भी व्यापार में कमी आई है. उन्होंने बताया कि इसके साथ अधुनिकता का दौर भी चल रहा है ऐसे में पांरपरिक उपकरणों के व्यापार में कमी आना सभाविक है.

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