शिमला: प्रदेश में बरसात के दौरान उगाए जाने वाली मटर की फसल के लिए कृषि विभाग ने किसानों को निर्देश जारी किए हैं. विभाग ने लोगों को बिजाई से पहले मिट्टी की जांच करने की सलाह दी है, ताकि किसी तरह की खामी पाए जाने पर उसका समाधान किया जा सके.
मिट्टी की जांच के लिए कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं और ब्लॉक अधिकारी से मिट्टी जांच की जानकारी किसानों को आसानी से मिल सकती है. प्रदेश में सब्जियों की बिजाई ऊंचाई, मध्यम ऊंचाई और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर की जाती है. ऐसे में खेत खाली होने के बाद किसानों को मिट्टी की जांच करवा लेनी चाहिए और अगर मिट्टी में किसी प्रकार का कीट पाया जाता है तो उसका इलाज भी करवा लेना चाहिए. फसल या सब्जियों की बुआई से पहले मिट्टी को तैयार करना बहुत जरूरी है. ऐसे में खेत की सफाई के बाद गोबर डाल लें और रासायनों का कम से कम प्रयोग करें.
किसानों को कृषि विभाग समय-समय सस्ते दामों पर सब्जियों के बीमारी रहित बीज उपलब्ध करवाता है. विभाग द्वारा दिए जाने वाले बीजों पर सरकार द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. ऐसे में यह बीज बाजार भाव से आधे से कम दामों पर उपलब्ध होते हैं.
मटर के बीज के लिए अभी इंतजार
बरसाती मटर की बिजाई के लिए बीज के लिए करीब 15 दिन तक का इंतजार करना पड़ सकता है. कृषि विभाग को जैसे ही लेबोरेटरी से मटर के सैंपल की सही रिपोर्ट आती हैं तो ब्लॉक स्तर पर बीज पहुंचाना शुरू हो जाएगा, लेकिन अगर सैंपल फेल होते हैं तो किसानों को और इंतजार करना पड़ सकता है.
विभाग के अधिकारियों के अनुसार मटर की खेती करने से पहले किसानों को मिट्टी की जांच करवानी चाहिए. खेत में किसी भी प्रकर के रसायन का प्रयोग नहीं करना चाहिए. गोबर खेतों में प्रयाप्त मात्रा में डालें.
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