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कुमारहट्टी हादसा: शैलबाला हत्याकांड के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ चलता अभियान तो बच जाते सेना के जवान

कुमारहट्टी में जिस इमारत के गिरने से सेना के जवान असमय मौत का शिकार हुए हैं, उसमें भी अवैध निर्माण हुआ था. हालांकि हादसे में भवन मालिक की पत्नी की भी मृत्यु हुई है. घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.

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Published : Jul 15, 2019, 12:28 PM IST

शिमला: सोलन जिला के कुमारहट्टी में इमारत गिरने से सेना के 7 जवानों सहित कुल 8 लोगों की अकाल मृत्यु हुई है. एक साल पहले कसौली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण ढहाने गई महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अस्सिटेंट टाउन प्लानर शैलबाला कसौली में होटल में हुए अवैध निर्माण को गिराने के लिए टीम के साथ गई थीं. वहां होटल मालिक ने गोली चला दी थी. उस हत्याकांड में शैलबाला के साथ ही लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी की भी मौत हुई थी.

ये भी पढ़ें: सोलन हादसा: CM जयराम ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, 8 लोगों ने अब तक गंवाई जान

सुप्रीम कोर्ट से उक्त मामले में हिमाचल सरकार को फटकार भी लगी थी. यदि उसी समय से राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया होता तो कुमारहट्टी हादसा न घटता.
कुमारहट्टी में जिस इमारत के गिरने से सेना के जवान असमय मौत का शिकार हुए हैं, उसमें भी अवैध निर्माण हुआ था. हालांकि हादसे में भवन मालिक की पत्नी की भी मृत्यु हुई है. घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.

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डिजाइन फोटो.
साथ ही प्रशासन ने अवैध निर्माण को लेकर भवन मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. बड़ा सवाल ये है कि पहाड़ी राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूट रही. क्या हुआ था कसौली मेंसोलन जिला के पर्यटन स्थल कसौली में कई बड़े होटल बने हैं. उनमें से कई नगर नियोजन विभाग के नियमों को दरकिनार कर बनाए गए हैं पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैध होटल गिराने के आदेश दिए। उक्त आदेशों को होटल मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं मिली.सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए. उन्हीं आदेशों की पालना के लिए नगर नियोजन विभाग में अस्स्टिेंट टाउन प्लानर शैलबाला सरकारी टीम व पुलिस कर्मियों के साथ 2 मई 2018 को कसौली गई थी.
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कुमारहट्टी हादसा की तस्वीर.

ये भी पढ़ें: CM के मास्टर प्लान से पर्यटन नगरी बनेगी जंजैहली घाटी, टूरिज्म फेस्टिवल के दौरान करोड़ों की घोषणाएं

वहां नारायणी होटल के मालिक विजय सिंह के साथ कहासुनी हो गई. विजय सिंह ने शैलबाला पर बंदूक तान दी. बाद में उसने गोली चला दी. गोली लगने से शैलबाला की मौत हो गई और लोक निर्माण विभाग का कर्मचारी गुलाब सिंह घायल हो गया. बाद में गुलाब सिंह की पीजीआई चंड़ीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई.
डिविजनल कमिश्नर (तत्कलानी) दिनेश कुमार मल्होत्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन व पुलिस को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया था. कसौली में निर्माण गिराने गई टीम में शामिल 31 पुलिस कर्मियों में से कुल 2 के पास हथियार थे.
यहां तक कि एसएचओ के पास भी कोई हथियार नहीं था. शैलबाला की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई थी, लेकिन व्यवस्था ने कोई सबक नहीं सीखा.
प्रदेश भर में अवैध निर्माण
हिमाचल में खासकर पर्यटन स्थलों पर होटलों के नाम पर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है. कसौली, कुल्लू, मनाली, डलहौजी, धर्मशाला में अवैध निर्माण की शिकायतें हैं. एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें गिराने की कवायद भी चली है, लेकिन प्रदेश सरकार अन्य स्थलों पर अवैध निर्माण को चिन्हित करने में असफल हुई है.

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कुमारहट्टी हादसा की तस्वीर.
कुमारहट्टी में भी भवन के कुछ हिस्से में अवैध निर्माण किया गया था. रविवार को असम राइफल्स के जवान खाना खाने के लिए इसी इमारत में स्थित ढाबे में पहुंचे थे. भारी बारिश के बीच भवन का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया. अब तक सेना के सात जवानों सहित भवन मालिक की पत्नी की मौत की पुष्टि हो चुकी है. राहत व बचाव कार्य अभी भी जारी है.

शिमला: सोलन जिला के कुमारहट्टी में इमारत गिरने से सेना के 7 जवानों सहित कुल 8 लोगों की अकाल मृत्यु हुई है. एक साल पहले कसौली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण ढहाने गई महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अस्सिटेंट टाउन प्लानर शैलबाला कसौली में होटल में हुए अवैध निर्माण को गिराने के लिए टीम के साथ गई थीं. वहां होटल मालिक ने गोली चला दी थी. उस हत्याकांड में शैलबाला के साथ ही लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी की भी मौत हुई थी.

ये भी पढ़ें: सोलन हादसा: CM जयराम ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, 8 लोगों ने अब तक गंवाई जान

सुप्रीम कोर्ट से उक्त मामले में हिमाचल सरकार को फटकार भी लगी थी. यदि उसी समय से राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया होता तो कुमारहट्टी हादसा न घटता.
कुमारहट्टी में जिस इमारत के गिरने से सेना के जवान असमय मौत का शिकार हुए हैं, उसमें भी अवैध निर्माण हुआ था. हालांकि हादसे में भवन मालिक की पत्नी की भी मृत्यु हुई है. घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.

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डिजाइन फोटो.
साथ ही प्रशासन ने अवैध निर्माण को लेकर भवन मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. बड़ा सवाल ये है कि पहाड़ी राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूट रही. क्या हुआ था कसौली मेंसोलन जिला के पर्यटन स्थल कसौली में कई बड़े होटल बने हैं. उनमें से कई नगर नियोजन विभाग के नियमों को दरकिनार कर बनाए गए हैं पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैध होटल गिराने के आदेश दिए। उक्त आदेशों को होटल मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं मिली.सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए. उन्हीं आदेशों की पालना के लिए नगर नियोजन विभाग में अस्स्टिेंट टाउन प्लानर शैलबाला सरकारी टीम व पुलिस कर्मियों के साथ 2 मई 2018 को कसौली गई थी.
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कुमारहट्टी हादसा की तस्वीर.

ये भी पढ़ें: CM के मास्टर प्लान से पर्यटन नगरी बनेगी जंजैहली घाटी, टूरिज्म फेस्टिवल के दौरान करोड़ों की घोषणाएं

वहां नारायणी होटल के मालिक विजय सिंह के साथ कहासुनी हो गई. विजय सिंह ने शैलबाला पर बंदूक तान दी. बाद में उसने गोली चला दी. गोली लगने से शैलबाला की मौत हो गई और लोक निर्माण विभाग का कर्मचारी गुलाब सिंह घायल हो गया. बाद में गुलाब सिंह की पीजीआई चंड़ीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई.
डिविजनल कमिश्नर (तत्कलानी) दिनेश कुमार मल्होत्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन व पुलिस को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया था. कसौली में निर्माण गिराने गई टीम में शामिल 31 पुलिस कर्मियों में से कुल 2 के पास हथियार थे.
यहां तक कि एसएचओ के पास भी कोई हथियार नहीं था. शैलबाला की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई थी, लेकिन व्यवस्था ने कोई सबक नहीं सीखा.
प्रदेश भर में अवैध निर्माण
हिमाचल में खासकर पर्यटन स्थलों पर होटलों के नाम पर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है. कसौली, कुल्लू, मनाली, डलहौजी, धर्मशाला में अवैध निर्माण की शिकायतें हैं. एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें गिराने की कवायद भी चली है, लेकिन प्रदेश सरकार अन्य स्थलों पर अवैध निर्माण को चिन्हित करने में असफल हुई है.

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कुमारहट्टी हादसा की तस्वीर.
कुमारहट्टी में भी भवन के कुछ हिस्से में अवैध निर्माण किया गया था. रविवार को असम राइफल्स के जवान खाना खाने के लिए इसी इमारत में स्थित ढाबे में पहुंचे थे. भारी बारिश के बीच भवन का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया. अब तक सेना के सात जवानों सहित भवन मालिक की पत्नी की मौत की पुष्टि हो चुकी है. राहत व बचाव कार्य अभी भी जारी है.
Intro:नाहन। एवरेस्ट विजेता हिमाचल लाल एनएसजी कमांडो विवेक ठाकुर का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के साथ लगते हिमाचली बेटे विवेक ठाकुर के पैतृक गांव अंधेरी में ग्रामीणों ने दुनिया भर में क्षेत्र का नाम रोशन करने वाले एनएसजी कमांडों का पारंपरिक वाद्य यंत्रों व ढोल नगाड़ों के साथ नागरिक अभिनंदन किया। इस दौरान विवेक ठाकुर के सहपाठियों द्वारा भी उनका स्वागत किया गया।
Body:बता दें कि विवेक ठाकुर ने साल 2012 में पैरा मिलिट्री फोर्स में सब इंस्पेक्टर पद पर सेना में सेवाओं की शुरुआत की थी। वर्ष 2015 में उन्हें एनएसजी में ब्लैक कैट कमांडों के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। उन्होंने यहां से माउंट एवरेस्ट पर चढने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे उन्होंने साकार भी किया।
इस मौके पर बातचीत में एनएसजी कमांडो विवेक ठाकुर ने अपने एवरेस्ट फतह के अनुभवों का सांझा किया। उन्होंने कहा कि इस बार एवरेस्ट पर ट्रैफिक अथवा पर्वतारोहियों की संख्या ज्यादा होने के चलते सामान्य से ज्यादा कैजुअल्टी भी हुई। एवरेस्ट के बेस कैंप से 19 मई को एनएसजी के दल के 12 सदस्यों के साथ निकले विवेक 22 मई को 8848 मीटर ऊंचे शिखर पर पहुंचे। इससे पहले विवेक 2017 में माउंटेनियरिंग ट्रेनिंग के दौरान दार्जलिंग, माउंट नान व मनाली की पहाड़ियां लांघने के बाद 2018 में देव टिब्बा व जोगिन की चोटियां भी फतह कर चुके हैं। उन्होंने पर्वतारोहियों, ट्रेकर्स व सैलानियों से अपील करते हुए कहा कि कुदरत की खूबसूरत नेमत बर्फीली पहाड़ियों पर कचरा छोड़ पर्यावरण को प्रदूषित न करें।
बाइट: विवेक ठाकुर, एवरेस्ट विजेता एवं एनएसजी कमांडोConclusion:कुल मिलाकर हिमाचली बेटे ने जहां एवरेस्ट फतेह कर दुनिया की सबसे उंची चोटी पर तिरंगा लहराने में कायमाबी हासिल की है, वहीं सिरमौर सहित हिमाचल का नाम भी रोशन किया है।
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