शिमला: सोलन जिला के कुमारहट्टी में इमारत गिरने से सेना के 7 जवानों सहित कुल 8 लोगों की अकाल मृत्यु हुई है. एक साल पहले कसौली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण ढहाने गई महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अस्सिटेंट टाउन प्लानर शैलबाला कसौली में होटल में हुए अवैध निर्माण को गिराने के लिए टीम के साथ गई थीं. वहां होटल मालिक ने गोली चला दी थी. उस हत्याकांड में शैलबाला के साथ ही लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी की भी मौत हुई थी.
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सुप्रीम कोर्ट से उक्त मामले में हिमाचल सरकार को फटकार भी लगी थी. यदि उसी समय से राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया होता तो कुमारहट्टी हादसा न घटता.
कुमारहट्टी में जिस इमारत के गिरने से सेना के जवान असमय मौत का शिकार हुए हैं, उसमें भी अवैध निर्माण हुआ था. हालांकि हादसे में भवन मालिक की पत्नी की भी मृत्यु हुई है. घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं.
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वहां नारायणी होटल के मालिक विजय सिंह के साथ कहासुनी हो गई. विजय सिंह ने शैलबाला पर बंदूक तान दी. बाद में उसने गोली चला दी. गोली लगने से शैलबाला की मौत हो गई और लोक निर्माण विभाग का कर्मचारी गुलाब सिंह घायल हो गया. बाद में गुलाब सिंह की पीजीआई चंड़ीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई.
डिविजनल कमिश्नर (तत्कलानी) दिनेश कुमार मल्होत्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन व पुलिस को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया था. कसौली में निर्माण गिराने गई टीम में शामिल 31 पुलिस कर्मियों में से कुल 2 के पास हथियार थे.
यहां तक कि एसएचओ के पास भी कोई हथियार नहीं था. शैलबाला की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को फटकार भी लगाई थी, लेकिन व्यवस्था ने कोई सबक नहीं सीखा.
प्रदेश भर में अवैध निर्माण
हिमाचल में खासकर पर्यटन स्थलों पर होटलों के नाम पर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ है. कसौली, कुल्लू, मनाली, डलहौजी, धर्मशाला में अवैध निर्माण की शिकायतें हैं. एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें गिराने की कवायद भी चली है, लेकिन प्रदेश सरकार अन्य स्थलों पर अवैध निर्माण को चिन्हित करने में असफल हुई है.