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सेब और अन्य फलों के कार्टन पर GST कम करे केंद्र सरकार, उद्योग मंत्री ने जीएसटी काउंसिल बैठक में उठाया मुद्दा - himachal pradesh news

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने बैठक में सेब और अन्य फलों के कार्टन पर लगने वाले जीएसटी का मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि कार्टन पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए. (49th GST Council meeting in New Delhi) (GST on fruit cartons in Himachal)

49th GST Council meeting in New Delhi
49th GST Council meeting in New Delhi
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Published : Feb 18, 2023, 8:18 PM IST

शिमला: हिमाचल ने केंद्र सरकार से सेब और अन्य फलों के कार्टन पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग की है. केंद्र सरकार ने कार्टन पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया है, इससे कार्टन हिमाचल के बागवानों को मंहगा खरीदना पड़ रहा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में यह मुद्दा उठाया. इसके अलावा हिमाचल से संबंधित कई अन्य मुद्दे भी उद्योग मंत्री ने इस बैठक में उठाए.

हर्षवर्धन चौहान ने जीएसटी काउंसिल में सेब और अन्य फलों के कार्टन पर लगने वाले जीएसटी का मुद्दा उठाया. केंद्र सरकार मौजूदा समय में फलों के कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी लगा रही है. इससे सेब की इनपुट लागत बढ़ रही है जबकि इसके अनुरूप मार्केट में सेब के दाम नहीं मिल रहे. उद्योग मंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कि सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी दर को वर्तमान 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए. उन्होंने कहा कि सेब उत्पादकों को सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी का बोझ वहन करना पड़ रहा है. अगर इन पर जीएसटी कम करती है तो इससे उनकी इनपुट लागत में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन का राज्य की आर्थिकी में अहम योगदान है और ऐसे में बागवानों के हितों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में हिस्सा लिया
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में हिस्सा लिया

जीएसटी नुकसान का मामला भी उठाया: हर्षवर्धन चौहान ने वाहनों की खरीद पर हो रहे जीएसटी के नुकसान का मुद्दा भी इस बैठक में उठाया. हिमाचल के कई लोग चंडीगढ़ या आसपास की जगहों से वाहन खरीदकर इनका हिमाचल में रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं, लेकिन इसका जीएसटी हिमाचल को नहीं मिलता. उद्योग मंत्री ने कहा कि जब राज्य के लोग आसपास के राज्यों में वाहन खरीदते हैं, तो इससे राज्य को जीएसटी का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि ऐसी खरीद पर जीएसटी हिमाचल को मिलना चाहिए क्योंकि राज्य से बाहर खरीद करने के बाद लोग इनकी रजिस्ट्रेशन हिमाचल में ही करवाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी खरीद से संबंधित कर, जीएसटी के मूल सिद्धांत के अनुसार उपभोग करने वाले राज्य को स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना न होने से करदाताओं को परेशानी: जीएसटी काउंसिल में उद्योग मंत्री ने कई अन्य मुद्दे भी रखे. जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना से संबंधित मामले पर भी काउंसिल की बैठक में विचार-विमर्श किया गया. उद्योग मंत्री ने कहा कि जीएसटी ट्रिब्यूनलों की स्थापना न होने से करदाताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें जीएसटी ट्रिब्यूनलों न होने से अपीलीय प्राधिकारी के फैसले के खिलाफ लोगों को कोर्ट में जाना पड़ रहा है. इस बैठक में उद्योग मंत्री द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर के बाद निकट भविष्य में शिमला में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस और अतिरिक्त आयुक्त (जीएसटी) राकेश शर्मा ने भी हिस्सा लिया.

ये भी पढ़ें: सुरेश कश्यप बोले- सुक्खू सरकार महिलाओं और युवाओं के साथ कर रही धोखा, सरकार की व्यवस्था पूरी तरह से फेल

शिमला: हिमाचल ने केंद्र सरकार से सेब और अन्य फलों के कार्टन पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग की है. केंद्र सरकार ने कार्टन पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया है, इससे कार्टन हिमाचल के बागवानों को मंहगा खरीदना पड़ रहा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में यह मुद्दा उठाया. इसके अलावा हिमाचल से संबंधित कई अन्य मुद्दे भी उद्योग मंत्री ने इस बैठक में उठाए.

हर्षवर्धन चौहान ने जीएसटी काउंसिल में सेब और अन्य फलों के कार्टन पर लगने वाले जीएसटी का मुद्दा उठाया. केंद्र सरकार मौजूदा समय में फलों के कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी लगा रही है. इससे सेब की इनपुट लागत बढ़ रही है जबकि इसके अनुरूप मार्केट में सेब के दाम नहीं मिल रहे. उद्योग मंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि कि सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी दर को वर्तमान 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए. उन्होंने कहा कि सेब उत्पादकों को सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी का बोझ वहन करना पड़ रहा है. अगर इन पर जीएसटी कम करती है तो इससे उनकी इनपुट लागत में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन का राज्य की आर्थिकी में अहम योगदान है और ऐसे में बागवानों के हितों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में हिस्सा लिया
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल 49वीं बैठक में हिस्सा लिया

जीएसटी नुकसान का मामला भी उठाया: हर्षवर्धन चौहान ने वाहनों की खरीद पर हो रहे जीएसटी के नुकसान का मुद्दा भी इस बैठक में उठाया. हिमाचल के कई लोग चंडीगढ़ या आसपास की जगहों से वाहन खरीदकर इनका हिमाचल में रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं, लेकिन इसका जीएसटी हिमाचल को नहीं मिलता. उद्योग मंत्री ने कहा कि जब राज्य के लोग आसपास के राज्यों में वाहन खरीदते हैं, तो इससे राज्य को जीएसटी का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि ऐसी खरीद पर जीएसटी हिमाचल को मिलना चाहिए क्योंकि राज्य से बाहर खरीद करने के बाद लोग इनकी रजिस्ट्रेशन हिमाचल में ही करवाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी खरीद से संबंधित कर, जीएसटी के मूल सिद्धांत के अनुसार उपभोग करने वाले राज्य को स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना न होने से करदाताओं को परेशानी: जीएसटी काउंसिल में उद्योग मंत्री ने कई अन्य मुद्दे भी रखे. जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना से संबंधित मामले पर भी काउंसिल की बैठक में विचार-विमर्श किया गया. उद्योग मंत्री ने कहा कि जीएसटी ट्रिब्यूनलों की स्थापना न होने से करदाताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें जीएसटी ट्रिब्यूनलों न होने से अपीलीय प्राधिकारी के फैसले के खिलाफ लोगों को कोर्ट में जाना पड़ रहा है. इस बैठक में उद्योग मंत्री द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर के बाद निकट भविष्य में शिमला में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस और अतिरिक्त आयुक्त (जीएसटी) राकेश शर्मा ने भी हिस्सा लिया.

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