शिमला: अंबुजा और एसीसी के बंद सीमेंट प्लांटों को खुलवाने को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान आज शिमला में एक बैठक करेंगे. बैठक में सीमेंट कंपनी के प्रतिधियों के साथ-साथ ट्रक ऑपरेटर और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद हर्षवर्धन चौहान यह अहम बैठक कर रहे हैं. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सीमेंट कंपनियों के विवाद को लेकर कंपनी के प्रबंधन और माल ढुलाई करने वाली ट्रक सोसाइटियों के प्रतिनिधियों के साथ आज एक बैठक करेंगे.
यह बैठक राज्य सचिवालय में होगी. यह पहली मर्तबा है कि मंत्री स्तर पर यह बैठक हो रही है. अभी तक अधिकारियों के स्तर पर बैठकें होती रही हैं जो कि बेनतीजा रही हैं. दरअसल सीमेंट विवाद हिमाचल की सुखविंदर सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. हिमाचल के दो बड़े सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं, जिससे हजारों लोगों का रोजगार तो चला गया है साथ में ही हिमाचल में सीमेंट की कमी भी हो गई है. यही वजह है कि सरकार लगातार इसको लेकर दोनों पक्षों की बातचीत करवा रही है. मगर नतीजा अभी तक शून्य रहा है, लेकिन अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस विवाद का हल करने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को जिम्मेदारी दी है. इसके चलते उद्योग मंत्री कल बैठक करने जा रहे हैं. इस बैठक में हिमकॉन की रिपोर्ट को लेकर भी विचार विर्मश किया जाएगा और इस पर दोनों पक्षों की आपत्तियों को भी सुना जाएगा. इसके बाद इसको लेकर कोई हल निकालने की कोशिश की जाएगी.
कई दौर की बातचीत कर चुके हैं अधिकारी: सीमेंट प्लांट के विवाद को लेकर अधिकारियों की अध्यक्षता में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. बीते 12 जनवरी को एक बैठक खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक केसी चमन की अध्यक्षता में शिमला में एक बैठक हुई थी जिसमें दोनों पक्ष शामिल हुए थे, लेकिन इस बैठक में कंपनी प्रबंधन ने हिमकॉन के तय भाड़े को लेकर असहमति जताई थी. वहीं, ट्रक ऑपरेटर भी इस रिपोर्ट में की कैलकुलेशन से सहमत नहीं थे. ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि तेल का खर्च व टायर की घिसाई, बीमा सहित कुछ बिंदुओं के किराए निर्धारण सही नहीं किया गया है. वहीं, कंपनी प्रबंधन इस भाड़े को भी ज्यादा मान रहा है.
एक माह से भी अधिक समय से बंद हैं सीमेंट प्लांट: सीमेंट मालभाड़े के विवाद को लेकर अडाणी ग्रुप ने बरमाणा और अंबुजा के अपने दोनों प्लांट बंद 15 दिसंबर से बंद कर रखे हैं. अडाणी ग्रुप ने 14 दिसंबर को अपने कर्मचारियों को एक सर्कुलर जारी कर अगले दिन से काम पर न आने के आदेश जारी किए. कंपनी की ओर से प्लांट बंद करने का कारण इनके घाटे में होना बताया था. अडाणी ग्रुप के इस एक तरफा फैसले से हजारों ट्रक ऑपरेटरों की कमाई का जरिया खत्म हो गया है. यही नहीं इससे अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हजारों लोगों का काम धंधा भी चौपट हो गया है. ऐसे में अब सभी की नजरें आज होने वाली बैठक पर टिकी हुई है.
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