शिमलाः कोरोना की दूसरी लहर के आंकड़े कम होते ही हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की भारी आमद देखने को मिल रही है. प्रदेश की प्रमुख पर्यटन नगरी शिमला, मनाली, कुल्लू और डलहौजी में पर्यटक बड़ी संख्या में पहाड़ों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बीच कोरोना का खतरा भी लगातार बना हुआ है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने तीसरी लहर के मद्देनजर आने वाले 100 दिन भारत के लिए बेहद संवेदनशील बताए हैं. तीसरी लहर के खतरे के बीच बैठक बेपरवाह होकर घूम रहे हैं. भीड़ ज्यादा होने के कारण स्वाभाविक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है.
इसके अलावा कुछ पर्यटक बार-बार समझाए जाने के बावजूद मास्क नहीं लगा रहे हैं. पर्यटन कारोबार पटरी पर लौटने से जहां कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है. तो वहीं दूसरी ओर इससे कोरोना का खतरा भी बढ़ा है.
ऑल हिमाचल टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने बताया कि प्रदेश के की प्रमुख पर्यटन नगरी में अच्छी खासी ऑक्यूपेंसी देखने को मिल रही है. राजधानी शिमला में भी वीकेंड पर 80 से 90 फीसदी जबकि आम दिनों में 40 से 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी दर्ज की जा रही है.
उन्होंने कहा कि सभी होटल कारोबारी कोरोना का सही तरह पालन कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने हिमाचल प्रदेश आने वाले सभी पर्यटकों से भी कोरोना से बचाव के नियमों का सही तरह पालन करने की अपील की है.
शिमला पुलिस (Shimla Police) के डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिमला शहर के मुख्य इंटर डिस्ट्रिक्ट बैरियर शोघी से रोजाना करीब साढ़े पांच हजार वाहन गुजर रहे हैं. हफ्ते भर में 35 हजार से ज्यादा वाहनों की आवाजाही दर्ज की जा रही है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश शहर में ट्रैफिक को सुचारु रुप से चलाने और बाजार में पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों से नियमों का पालन कराने के लिए अतिरिक्त जवानों की भी तैनाती की गई है. उन्होंने सभी लोगों से पुलिस को सहयोग करने की भी बात कही है.
ये भी पढ़ें- किन्नौर: अनियंत्रित होकर सतलुज में गिरा वाहन, जांच में जुटी पुलिस