शिमला: हिमाचल में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए मेगा प्लान शुरू किए हैं. यह मेगा प्लान हर ब्लॉक स्तर पर आयोजित किये जायेंगे. अभी तक 1700 किसानों को 6-6 दिन की ट्रेनिंग दी गयी है.
विभाग का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2019-20 में 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती और इसके लाभ के बारे में बताया जाएगा, जिससे किसान अपनी खेती उन्नत कर सकेंगे.
बता दें कि 2018-19 में 5000 किसानों को प्राकृतिक खेती और इसके लाभ के प्रति जागरुक करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 2669 किसान ही नेचुरल फार्मिंग से जुड़ पाए थे.
राज्य की बात करें तो हिमाचल में कुल 9,40,597 हेक्टयर कृषि भूमि है और 9.61लाख किसान हैं, जो केवल अपनी खेती पर ही निर्भर हैं. अभी तक 4000 किसान नेचुरल फार्मिंग से जुड़ चुके हैं. 2022 तक 3 लाख किसानों को नेचुरल फार्मिंग से जोड़ने का लक्ष्य रखा है.
वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य के कांगड़ा में 12000, मंडी में 8000, शिमला में 6000, सोलन में 2700, हमीरपुर में 4000, कुल्लु में 4000 और ऊना में 3000 किसानों को प्राकृतिक खेती में जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.
कृषि विभाग के एक्सक्यूटिव निदेशक डॉ. आरएस चंदेल ने बताया कि हिमाचल में कृषि संबंधि क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10 फीसदी योगदान करते हैं. राज्य के 69 फीसद आबादी को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं. डॉ. चंदेल के अनुसार प्राकृतिक खेती से प्रदेश के 3226 पंचायतों के 9.61 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
हिमाचल में प्राकृतिक खेती के लिए मैगा प्लान तैयार, इस साल 50 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य
वित्त वर्ष 2019-20 में 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य,अभी तक 4000 किसान नेचुरल फार्मिंग से जुड़ चुके हैं.
शिमला: हिमाचल में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए मेगा प्लान शुरू किए हैं. यह मेगा प्लान हर ब्लॉक स्तर पर आयोजित किये जायेंगे. अभी तक 1700 किसानों को 6-6 दिन की ट्रेनिंग दी गयी है.
विभाग का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2019-20 में 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती और इसके लाभ के बारे में बताया जाएगा, जिससे किसान अपनी खेती उन्नत कर सकेंगे.
बता दें कि 2018-19 में 5000 किसानों को प्राकृतिक खेती और इसके लाभ के प्रति जागरुक करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 2669 किसान ही नेचुरल फार्मिंग से जुड़ पाए थे.
राज्य की बात करें तो हिमाचल में कुल 9,40,597 हेक्टयर कृषि भूमि है और 9.61लाख किसान हैं, जो केवल अपनी खेती पर ही निर्भर हैं. अभी तक 4000 किसान नेचुरल फार्मिंग से जुड़ चुके हैं. 2022 तक 3 लाख किसानों को नेचुरल फार्मिंग से जोड़ने का लक्ष्य रखा है.
वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य के कांगड़ा में 12000, मंडी में 8000, शिमला में 6000, सोलन में 2700, हमीरपुर में 4000, कुल्लु में 4000 और ऊना में 3000 किसानों को प्राकृतिक खेती में जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.
कृषि विभाग के एक्सक्यूटिव निदेशक डॉ. आरएस चंदेल ने बताया कि हिमाचल में कृषि संबंधि क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10 फीसदी योगदान करते हैं. राज्य के 69 फीसद आबादी को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं. डॉ. चंदेल के अनुसार प्राकृतिक खेती से प्रदेश के 3226 पंचायतों के 9.61 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
शिमला।
हिमाचल में प्रकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने के लिए मेगा प्लान शूरु किये है जो हर ब्लॉक स्तर पर आयोजित किये जायेंगे। अभी तक 1700 किसानों को 6-6 दिन की ट्रेनिग दी गयी है। बिभाग का लक्ष्य है कि 2019-20में 50,000 किसानों को प्रकतिक खेती के तहत जोड़े ओर उन्हें इसके लाभ के बारे में बताए जिससे किसान अपनी खेती उन्नत कर सके
Body:20,18-19 में यह लक्ष्य 500 रखा गया था जबकि 2669 किसान नेचुरल फार्मिंग से जुड़े थे।
गौरतलब है कि हिमाचल में 9.40.597 हेक्टयर कृषि भूमि है ।ओर 9.61लाख किसान है जो खेती बाड़ी पर ही निर्भर है। अभी तक 4000 किसान नेचुरल फार्मिंग से जुड़ चुके है।। 2022 तक 3 लाख किसनो को इसके तहत जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
कृषि विभाग के एक्सक्यूटिव निदेशक डॉ आरएस चंदेल ने बताया कि कृषि सम्बन्ध क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में 10फीसदी योगदान करते है और राज्य के 69फीसदी आबादी को प्रत्यक्षं रोजगार प्रदान करते है।
Conclusion:डॉ चंदेल के अनुसार प्रकृतिक खेती से प्रदेश के 3226 पंचायतों के 9.61लाख किसानों को लाभ पहुंचना है।
प्रदेश में सबसे 2019-20 के कांगड़ा में 12000 किसनो को मंडी में 8000 किसनो को शिमला में 6000 किसनो को सोलन में 2700 ,हमीरपुर में 4000,कुल्लु 4000,ऊना 3000 किसानों को प्रकृतिक खेती में जोड़ने का उद्देश्य है।