शिमला: दिल्ली में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनावों में हराकर ढाई दशकों के बाद सत्ता में वापसी की है. शनिवार को जारी दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. इन नतीजों में बीजेपी को 70 में 48 सीटें मिलीं. वहीं, आम आदमी पार्टी अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई और इस बार 22 सीटों पर सिमट गई.
सुक्खू ने कालका जी में किया चुनाव प्रचार
वहीं, कांग्रेस 2015 से ही दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपना खाता नहीं खोल पाई है. 2015, 2020, अब 2025 में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है. दिल्ली विधानसभा चुनावों में हिमाचल के नेताओं ने भी चुनाव प्रचार किया था. जयराम ठाकुर, अनुराग ठाकुर, सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे. बीजेपी नेताओं ने आम आदमी पार्टी को घेरने के साथ हिमाचल की कांग्रेस सरकार को भी खूब घेरा था. हिमाचल बीजेपी नेताओं ने जिन सीटों पर प्रचार किया वहां लगभग भाजपा प्रत्याशियों का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कालका जी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अल्का लांबा के लिए प्रचार किया, लेकिन यहां कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत ही जब्त हो गई.
कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत हो गई जब्त
कालका जी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी आतिशी ने जीत हासिल की है. दूसरे स्थान पर बीजेपी के रमेश बिधूड़ी और तीसरे पर अल्का लांबा रही जिन्हें मात्र 4,392 वोट ही पड़े और उनकी जमानत जब्त हो गई.
जयराम ठाकुर ने ली चुटकी
जयराम ने चुटकी लेते हुए कहा उनपर तो दया आ रही है. अल्का लंबा जी कहती थी कि सरकार बनते ही 1500-1500 रुपये खाते में आएंगे. अब उनके खाते में कोई 1500 रुपये डाल कर आए. सुक्खू जी का धन्यावाद है कि उन्होंने प्रचार एक ही सीट पर और तसल्ली से किया जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई.
कब होती है किसी प्रत्याशी की जमानत जब्त ?
किसी भी चुनाव में प्रत्याशियों की जमानत जब्त न हो इसके लिए उसे इलेक्शन में डाले गए कुल वैलिड वोटों की संख्या में से कम से कम 1/6 वोट से अधिक हासिल करने होते हैं. अगर कोई प्रत्याशी कुल वोटों की संख्या में से 1/6 से कम वोट हासिल करता है तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है और उसके द्वारा जमा की जमानत राशि को चुनाव आयोग जब्त कर लेता है. उदाहरण के तौर पर अगर चुनाव में एक लोकसभा सीट पर कुल एक लाख वोट पड़े हों. एक लाख वोट का 1/6 हिस्सा मतलब 16,666 वोट. यानी जो प्रत्याशी इस संख्या से कम प्राप्त करता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी और जो 25 हजार रुपये उसने जमानत के रूप में चुनाव आयोग को जमा करवाई थी वो उसे वापस नहीं मिलेंगे.