शिमला: राजधानी शिमला में दर्जनों होटल कई सालों से जल निगम को चूना लगा रहे हैं. शहर में ऐसे कई होटल हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से पानी के मीटर लगाए हैं और सालों से मुफ्त में पानी का प्रयोग कर रहे हैं. यही नहीं ऐसे भी दर्जनों होटल हैं जो व्यवसायिक दरों पर नहीं बल्कि डोमेस्टिक दरों पर बिलों का भुगतान कर रहे हैं.
बता दें कि जल निगम द्वारा मीटरों के जांच में ये खुलासा हुआ है. जल निगम के पास शहर में 605 के करीब होटलों को पानी के कनेक्शन दिए हैं, लेकिन जल निगम ने जब जांच की तो 685 होटलों में पानी के मीटर मिले. ऐसे में अब जल निगम इसकी जांच करने में जुट गया है कि इन होटलों को कैसे कनेक्शन दिए गए और इनको बिल जारी क्यों नहीं किए गए हैं.
4150 पेयजल मीटरों की तलाश की जा रही है
शहर की बात करें तो 32 हजार के करीब उपभोक्ता हैं. जिसमें से 19 हजार पानी के मीटर ही जल निगम को मिल पाए थे, लेकिन जब निगम की ओर से जेई को फील्ड में उतारा तो 7 हजार और मीटर जल निगम ने खोज निकाले और अभी भी 4150 पेयजल मीटरों की तलाश की जा रही है.
जल निगम के एजीएम गोपाल कृष्ण ने कहा कि शहर में काफी मीटर नहीं मिल रहे थे तो इसकी जांच के लिए जेई को फील्ड में उतारा गया है और अधिकतर मीटर मिल गए हैं और चार हजार के करीब मीटरों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि काफी व्यवसायिक कनेक्शन ऐसे भी मिले हैं जिनका जल निगम के पास रिकॉर्ड ही नहीं है. ये कनेक्शन कैसे लगे हैं इसकी जांच की जाएगी.
जल निगम को लाखों का चूना
बता दें कि शिमला शहर में जल निगम होटलों को व्यवसाहिक दरों पर पानी के बिल जारी करता है और एक होटल का बिल लाखों में आता है. वहीं, शहर में कई होटलों द्वारा फर्जी तरीके से लगाए गए मीटरों से जल निगम को लाखों का चूना लगाया है. हैरानी की बात है इतने सालों से न तो नगर निगम और न ही जल निगम को इसकी भनक तक नहीं लगी है.
ये भी पढ़ें- कुल्लू में फागली उत्सव का शुभारंभ, देवताओं ने की अच्छी फसल की भविष्यवाणी