शिमला: कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश सरकार की तैयारियां जोरों पर है. जिसके तहत प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी (IGMC Hospital) को कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) से निपटने के लिए 10 नए वेंटिलेटर (New Ventilators) मिले है. यह वेंटिलेटर बच्चों के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे.
बच्चों के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे नए वेंटिलेटर
आईजीएमसी में कोरोना मरीजों (corona patients) के लिए वैसे 37 के करीब वेंटिलेटर हैं. जो नए वेंटिलेटर आए हैं ये सिर्फ कोरोना संक्रमित बच्चों के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे. आईजीएमसी में अभी 70 से ऊपर कोरोना संक्रमितों का उपचार चल रहा है. इनमें से कुछ मरीज वेंटिलेटर पर भी हैं.
कोरोना से निपटने के लिए प्रशासन अर्लट पर
बताया जा रहा है कि प्रत्येक वेंटिलेटर की कीमत 30 से 35 लाख के बीच है. आईजीएमसी अस्पताल (IGMC Hospital) में प्रशासन कोरोना से निपटने के लिए अर्लट पर है. एक ओर जहां वेंटिलेटर की कमी को दूर किया जा रहा है वहीं बच्चों के उपचार के लिए नए वार्ड तैयार करने को लेकर भी तैयारियां चल रही हैं.
तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक
तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने की अशंका है तो ऐसे में सारी सुविधाएं पहले ही उपलब्ध करवाई जा रही है, ताकि उस समय किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े. आईजीएमसी में अब तक कई मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं. प्रशासन का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) से भी आसानी से निपटा जाएगा.
322 कोरोना मरीजों का हो रहा उपचार
वहीं, शिमला जिला की अगर बात की जाए तो 24 जून तक यहां पर 25,059 लोग संक्रमित हुए हैं. 322 का अभी भी उपचार चल रहा है. जिले में कोरोना से 597 की मौत हो चुकी है और 24,136 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं.
लोगों को डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों द्वारा यही सलाह दिया जा रहा है कि लोग कोरोना के नियमों की पालन करें. लोग बिना मास्क पहनें घर से बाहर न निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का ध्यान रखें, ताकि कोरोना को पूरी तरह से मात दी जा सके.
तीसरी लहर में भी अहम भूमिका निभाएंगे चिकित्सक
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी राहुल गुप्ता ने बताया की आईजीएमसी को 10 नए वेंटिलेटर मिले हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है. जिस प्रकार से पहली व दूसरी लहर में चिकित्सकों ने मरीजों को ठीक करने में अहम भूमिका निभाई है. वैसे ही तीसरी लहर में भी किसी प्रकार की कोई दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी.
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