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सूरज लॉकअप हत्याकांड मामला: सौम्या सांबशिवन के बयान के बाद IG जहूर जैदी फिर सस्पेंड - आईपीएस कमांडेंट तीन आईआरबी

शिमला के बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म और मर्डर केस से जुड़े सूरज लॉकअप मर्डर मामले में सरकार ने आईजी जहूर एच जैदी को फिर सस्पेंड कर दिया है. जैदी को सीबीआई अदालत के आदेश के बाद फिर से प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है.

IG jahur Zaidi suspended
IG jahur Zaidi suspended
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Published : Jan 16, 2020, 12:03 PM IST

शिमला: बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म और मर्डर केस से जुड़े सूरज लॉकअप मर्डर मामले में सरकार ने आईजी जहूर एच जैदी को फिर सस्पेंड कर दिया है. जैदी को सीबीआई अदालत के आदेश के बाद फिर से प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है.

गृह विभाग ने जहूर एच जैदी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं. जैदी पर एसपी सौम्या सांबशिवन पर दवाब बनाने का आरोप है. जैदी पर ये कार्रवाई ऑल इंडिया सर्विस डिसिप्लिन एंड अपील रूल्स के तहत की गई है. अब जैदी एडीजी होमगार्ड हैडक्वार्टर में रिपोर्ट करेंगे.

जैदी पर ये कार्रवाई 8 जनवरी को चंडीगढ़ में हुई सुनवाई के बाद तय हुई है. दरअसल शिमला के बहूचर्चित गुड़िया हत्याकांड में आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई 2017 को हत्या मामले में जैदी समेत कुल नौ पुलिस कर्मी आरोपी हैं.

इस केस का ट्रायल सीबीआई कोर्ट चंडीगढ़ में चल रहा है. 8 जनवरी को मामले की सुनवाई चंडीगढ़ में हुआ था और वहां शिमला की पूर्व एसपी सौम्या ने कोर्ट में आईजी के खिलाफ दवाब बनाने का आरोप लगाते हुए बयान दर्ज करवाया था.

इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने शिमला के डीजीपी को नोटिस जारी किया और कहा था कि वह आईजी जहूर जैदी के खिलाफ कार्रवाई करें. बता दें कि अभियोजन पक्ष की गवाह सौम्या सांबशिवन मंडी के पंडोह में आईपीएस कमांडेंट तीन आईआरबी के रूप में तैनात हैं.

उन्होंने अदालत में बयान दिया था कि सुनवाई से पहले उन पर इतना दबाव डाला गया कि वह परेशान हो गईं. और कहा था कि वह इन परिस्थितियों में काम नहीं कर सकती.

क्या है मामला?
शिमला से 60 किलोमीटर दूर कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को स्कूल से लौटते समय एक छात्रा लापता हो गई थी. लापता होने के दो दिन बाद छह जुलाई को जंगल से उसकी लाश बरामद हुई थी. इसके बाद मामले में एसआईटी ने स्थानीय युवक समेत पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था.

इन आरोपियों में सूरज नाम का एक आरोपी भी शामिल था. 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने में सूरज की मौत हो गई. सूरज की मौत के आरोप लॉकअप में होने की वजह टॉर्चर बताया गया. इसके बाद मामले में सीबीआई जांच बैठी जिसमें ये सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी.

सीबीआई ने सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में आईजी जहूर एच जैदी, शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद, हेड कॉन्स्टेबल्स सूरत सिंह, मोहन लाल, रफिक अली और कॉन्स्टेबल रंजीत को आरोपी बनाया था.

इन आरोपियों के खिलाफ शिमला की सीबीआई कोर्ट में केस चल रहा था, लेकिन वहां इनकी तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ, जिस कारण सुप्रीम कोर्ट ने केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. अब ये केस चंडीगढ़ में चल रहा है. 8 जनवरी को इस मामले में हालिया सुनवाई हुई है, अब अदालत ने इसमें जहूर जैदी पर कार्रवाई के आदेश दिए थे. इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी को होगी.

ये भी पढ़ेंः सूरज लॉकअप हत्याकांड मामला: जैदी की बढ़ी मुश्किलें, सौम्या के बयान की कॉपी के इंतजार में सरकार

शिमला: बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म और मर्डर केस से जुड़े सूरज लॉकअप मर्डर मामले में सरकार ने आईजी जहूर एच जैदी को फिर सस्पेंड कर दिया है. जैदी को सीबीआई अदालत के आदेश के बाद फिर से प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है.

गृह विभाग ने जहूर एच जैदी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं. जैदी पर एसपी सौम्या सांबशिवन पर दवाब बनाने का आरोप है. जैदी पर ये कार्रवाई ऑल इंडिया सर्विस डिसिप्लिन एंड अपील रूल्स के तहत की गई है. अब जैदी एडीजी होमगार्ड हैडक्वार्टर में रिपोर्ट करेंगे.

जैदी पर ये कार्रवाई 8 जनवरी को चंडीगढ़ में हुई सुनवाई के बाद तय हुई है. दरअसल शिमला के बहूचर्चित गुड़िया हत्याकांड में आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई 2017 को हत्या मामले में जैदी समेत कुल नौ पुलिस कर्मी आरोपी हैं.

इस केस का ट्रायल सीबीआई कोर्ट चंडीगढ़ में चल रहा है. 8 जनवरी को मामले की सुनवाई चंडीगढ़ में हुआ था और वहां शिमला की पूर्व एसपी सौम्या ने कोर्ट में आईजी के खिलाफ दवाब बनाने का आरोप लगाते हुए बयान दर्ज करवाया था.

इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने शिमला के डीजीपी को नोटिस जारी किया और कहा था कि वह आईजी जहूर जैदी के खिलाफ कार्रवाई करें. बता दें कि अभियोजन पक्ष की गवाह सौम्या सांबशिवन मंडी के पंडोह में आईपीएस कमांडेंट तीन आईआरबी के रूप में तैनात हैं.

उन्होंने अदालत में बयान दिया था कि सुनवाई से पहले उन पर इतना दबाव डाला गया कि वह परेशान हो गईं. और कहा था कि वह इन परिस्थितियों में काम नहीं कर सकती.

क्या है मामला?
शिमला से 60 किलोमीटर दूर कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को स्कूल से लौटते समय एक छात्रा लापता हो गई थी. लापता होने के दो दिन बाद छह जुलाई को जंगल से उसकी लाश बरामद हुई थी. इसके बाद मामले में एसआईटी ने स्थानीय युवक समेत पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था.

इन आरोपियों में सूरज नाम का एक आरोपी भी शामिल था. 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने में सूरज की मौत हो गई. सूरज की मौत के आरोप लॉकअप में होने की वजह टॉर्चर बताया गया. इसके बाद मामले में सीबीआई जांच बैठी जिसमें ये सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी.

सीबीआई ने सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में आईजी जहूर एच जैदी, शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद, हेड कॉन्स्टेबल्स सूरत सिंह, मोहन लाल, रफिक अली और कॉन्स्टेबल रंजीत को आरोपी बनाया था.

इन आरोपियों के खिलाफ शिमला की सीबीआई कोर्ट में केस चल रहा था, लेकिन वहां इनकी तरफ से कोई वकील पेश नहीं हुआ, जिस कारण सुप्रीम कोर्ट ने केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. अब ये केस चंडीगढ़ में चल रहा है. 8 जनवरी को इस मामले में हालिया सुनवाई हुई है, अब अदालत ने इसमें जहूर जैदी पर कार्रवाई के आदेश दिए थे. इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी को होगी.

ये भी पढ़ेंः सूरज लॉकअप हत्याकांड मामला: जैदी की बढ़ी मुश्किलें, सौम्या के बयान की कॉपी के इंतजार में सरकार

Intro:शिमला। सूरज लॉकअप हत्याकांड में सस्पेंड रहे आईजी जहूर एच जैदी को सीबीआई अदालत के आदेश के बाद फिर से प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है. गृह विभाग ने निलंबन के आदेश जारी किए हैं. जैदी पर एसपी सौम्या पर दबाव बनाने का आरोप है. ऑल इंडिया सर्विस डिसिप्लीन एंड अपील रूल्स के तहत यह कार्रवाई की गई है. अब जैदी एडीजी होमगार्ड हैडक्वार्टर में रिपोर्ट करेंगे.


Body:दरअसल गुड़िया रेप और हत्याकांड में नेपाली युवक सूरज की पुलिस कस्टडी मौत मामले की सुनवाई प्रदेश के बाहर चंडीगढ़ में सीबीआई की विशेष अदालत में जारी है. सुनाई के दौरान बुधवार को कोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी किया था. नोटिस के जरिये मामले को देखने और आईजी जहूर जैदी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आईजी के खिलाफ यह निर्देश गवाह सौम्या सांबशिवन पर सुनवाई से पहले दबाव डालने की शिकायत पर दिए गए हैं. वर्तमान में सौम्या सांबशिवन पंडोह में आईपीएस कमांडेंट तीन आईआरबी तैनात हैं. उन्होंने अदालत में बयान दिया था कि सुनवाई से पहले उन पर इतना दबाव डाला गया कि वह परेशान हो गईं. और कहा था कि वह इन परिस्थितियों में काम नहीं कर सकती.

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