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हिमाचल में जल विद्युत परियोजनाएं जल्द पकड़ेगी रफ्तार, सीएम ने एफसीए-एफआरए मामलों के जल्द निस्तारण के दिए निर्देश - हिमाचल ऊर्जा विभाग बैठक

अब हिमाचल में बिना स्वीकृति की रुकी हुईं जल विद्युत परियोजनाएं जल्द पकड़ेगी रफ्तार पकड़ेगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको लेकर ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को एफसीए-एफआरए मामलों के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 9:59 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्वीकृति संबंधी मामलों की वजह से करीब 11 हजार मेगावाट क्षमता की रुकी हुई जल विद्युत परियोजनाएं अब जल्द गति पकड़ सकती है. इसके लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम सुक्खू ने जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित एफसीए और एफआरए मामलों के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए.

सीएम सुक्खू ने कहा विभिन्न स्वीकृतियों संबंधी मामलों की वजह से करीब 11 हजार मेगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजनाएं रुकी हुई हैं. इसके लिए सीएम ने एफसीए और एफआरए प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए वन और ऊर्जा विभाग को समिति गठित करने के भी निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त जिलों में आवश्यक वनीकरण के लिए उपायुक्तों और वन मंडल अधिकारियों को भूमि चिन्हित करने को कहा गया है.

जल विद्युत परियोजनाओं को 2024 तक पूरा करने के निर्देश: सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए जल विद्युत क्षमता का समुचित दोहन सबसे महत्वपूर्ण है. ऐसे में सभी संबंधित विभाग इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने और लोगों को इसका समय पर लाभ उपलब्ध करवाने के लिए कार्य करें. उन्होंने 800 मेगावाट क्षमता की पार्वती और 100 मेगावाट की ऊहल तृतीय चरण जल विद्युत परियोजनाओं को वर्ष 2024 तक पूरा करने के भी निर्देश दिए.

सीएम सुक्खू ने कहा सरकार लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है. विद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाने का मामला इसी के लिए उठाया गया है. इस पर चर्चा के लिए जल्द ही केन्द्रीय विद्युत मंत्री के साथ बैठक करेंगे, ताकि प्रदेश के लिए और अधिक राजस्व सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा राज्य सरकार की नीति के अनुसार विद्युत परियोजनाओं को पहले 12 वर्षों में 20 फीसदी, अगले 18 वर्षों में 30 फीसदी व शेष 10 वर्षों में 40 फीसदी रॉयल्टी राज्य को देने का प्रावधान किया गया है. सीएम ने पांच मेगावाट से कम क्षमता की विद्युत परियोजनाओं के लिए हरसंभव मदद का भी आश्वासन दिया है.

स्टार्टअप योजना के चरण-2 की समीक्षा: मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के चरण-2 की भी समीक्षा की. इसके तहत राज्य सरकार 100 किलोवाट से 500 किलोवाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं के लिए युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही द्वितीय चरण की यह योजना शुरू करेगी. जिससे युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के समुचित अवसर प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना आरम्भ कर इसके प्रथम चरण में ई-टैक्सी की खरीद पर युवाओं को 50 फीसदी उपदान का प्रावधान किया है.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू के निर्देश, नए साल में पहली जनवरी से सरकारी विभाग नहीं खरीदेंगे डीजल-पेट्रोल वाहन, राज्य में हुए 2918 ई-व्हीकल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्वीकृति संबंधी मामलों की वजह से करीब 11 हजार मेगावाट क्षमता की रुकी हुई जल विद्युत परियोजनाएं अब जल्द गति पकड़ सकती है. इसके लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम सुक्खू ने जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित एफसीए और एफआरए मामलों के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए.

सीएम सुक्खू ने कहा विभिन्न स्वीकृतियों संबंधी मामलों की वजह से करीब 11 हजार मेगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजनाएं रुकी हुई हैं. इसके लिए सीएम ने एफसीए और एफआरए प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए वन और ऊर्जा विभाग को समिति गठित करने के भी निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त जिलों में आवश्यक वनीकरण के लिए उपायुक्तों और वन मंडल अधिकारियों को भूमि चिन्हित करने को कहा गया है.

जल विद्युत परियोजनाओं को 2024 तक पूरा करने के निर्देश: सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए जल विद्युत क्षमता का समुचित दोहन सबसे महत्वपूर्ण है. ऐसे में सभी संबंधित विभाग इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने और लोगों को इसका समय पर लाभ उपलब्ध करवाने के लिए कार्य करें. उन्होंने 800 मेगावाट क्षमता की पार्वती और 100 मेगावाट की ऊहल तृतीय चरण जल विद्युत परियोजनाओं को वर्ष 2024 तक पूरा करने के भी निर्देश दिए.

सीएम सुक्खू ने कहा सरकार लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है. विद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाने का मामला इसी के लिए उठाया गया है. इस पर चर्चा के लिए जल्द ही केन्द्रीय विद्युत मंत्री के साथ बैठक करेंगे, ताकि प्रदेश के लिए और अधिक राजस्व सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा राज्य सरकार की नीति के अनुसार विद्युत परियोजनाओं को पहले 12 वर्षों में 20 फीसदी, अगले 18 वर्षों में 30 फीसदी व शेष 10 वर्षों में 40 फीसदी रॉयल्टी राज्य को देने का प्रावधान किया गया है. सीएम ने पांच मेगावाट से कम क्षमता की विद्युत परियोजनाओं के लिए हरसंभव मदद का भी आश्वासन दिया है.

स्टार्टअप योजना के चरण-2 की समीक्षा: मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के चरण-2 की भी समीक्षा की. इसके तहत राज्य सरकार 100 किलोवाट से 500 किलोवाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं के लिए युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही द्वितीय चरण की यह योजना शुरू करेगी. जिससे युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के समुचित अवसर प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना आरम्भ कर इसके प्रथम चरण में ई-टैक्सी की खरीद पर युवाओं को 50 फीसदी उपदान का प्रावधान किया है.

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