शिमला: प्रदेश के स्कूलों में तय निर्देशों के तहत सोमवार को 100 फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षक पहुंचे. इससे पहले 50 फीसदी स्टाफ को ही स्कूलों में आने की अनुमति थी. वहीं, सोमवार से प्रदेश सरकार की एसओपी के तहत 100 फीसदी स्टाफ स्कूलों में पहुंचा. एसओपी के तहत सभी शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों की थर्मल स्कैनिंग की गई और उसके बाद उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया गया.
करीब 6 माह के बाद स्कूलों में 100 फीसदी स्टाफ उपस्थित हुआ. स्कूल पहुंचते ही पहले दिन एसओपी में तय नियमों को पूरा करने के लिए माइक्रो प्लान तैयार करने के लिए कमेटी का गठन किया गया. अब यह गठित कमेटियां 17 अक्टूबर तक अगर छात्रों को स्कूलों में बुलाया जाता है तो किस तरह की व्यवस्था और किस तरह से संचालन होगा, उसके बारे में पूरा प्लान तैयार करेगी.
तैयार किए गए इस प्लान को सभी स्कूल जिला उपनिदेशक को सौपेंगे और उसके बाद यही प्लान शिक्षा विभाग को जाएगा. इसके साथ ही अभिभावकों के साथ भी इस प्लान को स्कूल ई-पीटीएम के माध्यम से साझा करेंगे. सरकार की ओर से जो एसओपी जारी की गई है. उसमें यह स्पष्ट किया गया है स्कूलों को अभिभावकों से ई-पीटीएम के माध्यम से संवाद करना होगा.
15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक ई-पीटीएम करवानी होगी. ईपीटीएम के माध्यम से जहां स्कूलों में कोविड-19 से छात्रों को बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के साथ ही क्या-क्या एतिहात बरती जा रही है, इसके बारे में बताना होगा. इसके साथ ही हर सप्ताह करवाए जा रहे क्विज में छात्रों की परफॉर्मेंस के साथ ही फर्स्ट टर्म की परीक्षाओं में छात्रों की परफॉर्मेंस के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को जो सिलेबस पढ़ाया जा रहा है, उसे भी शेयर करना होगा.
स्कूलों में भले ही 100 फीसदी स्टाफ की उपस्थिती होगी, लेकिन इसके बाद भी छात्रों की पढ़ाई उसी तरह से ऑनलाइन माध्यम से जारी रखी जाएगी. शिक्षक स्कूलों से ही ऑनलाइन कक्षाएं लगाएंगे. ऑनलाइन कक्षाओं की मॉनिटरिंग भी की जाएगी.
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