शिमलाः राजधानी शिमला में रीजनल मैनेजर (सिटी) देवासन नेगी के ट्रांसफर मामला तूल पकड़ते जा रहा है. रीजनल मैनेजर (regional manager) देवासन नेगी का ट्रांसफर शिमला सिटी से चौपाल के नेरवा में कर दिया गया है. इसके खिलाफ एचआरटीसी के ड्राइवर-कंडक्टर (HRTC Driver and conductor ) शिमला में धरने पर बैठ गए हैं. इसके बाद एचआरटीसी के कर्मचारियों ने शिमला के पुराना बस अड्डे पर चक्का जाम भी कर दिया. करीब 15 मिनट तक ट्रैफिक बाधित रहा. कर्मचारी आरएम देवासन नेगी की ट्रांसफर रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद थाना सदर के एसएचओ संदीप चौधरी से बातचीत के बाद एचआरटीसी के कर्मचारी चक्का जाम खोलने के लिए राजी हुए.
शिमला शहर में एचआरटीसी सेवा पूरी तरह ठप हो गई. ऐसे में आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बारे में एचआरटीसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव खेमेंदर गुप्ता ने कहा कि अगर ट्रांसफर ऑर्डर रद्द नहीं किए गए, तो शनिवार को प्रदेश भर में एचआरटीसी के पहिए थम जाएंगे. प्रदेश भर के कर्मचारी विरोध में बस संचालन नहीं करेंगे. यूनियन ने प्रशासन को शनिवार सुबह 10 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. यदि शनिवार सुबह 10 बजे तक ट्रांसफर ऑर्डर रद्द नहीं होते हैं, तो प्रदेश भर में एचआरटीसी के पहिए पूरी तरह थम जाएंगे.
वहीं, इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि यह तबादला रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है. अब ऐसे में एचआरटीसी कर्मचारी यह सवाल भी खड़ा कर रहे हैं कि यदि यह रूटीन तबादला है, तो केवल एक ही अधिकारी का तबादला क्यों किया गया.
बात दें कि बीते दिनों आरएम देवासन नेगी और एक निजी बस संचालक के बीच ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें दोनों बहस करते सुनाई दे रहे हैं. माना जा रहा है कि वायरल ऑडियो मामले की वजह से देवासन नेगी का ट्रांसफर कर दिया गया है.
वहीं, इस मामले में एचआरटीसी ड्राइवर-कंडक्टर का कहना है कि आरएम देवासेन नेगी (RM Devasen Negi) एचआरटीसी के हित के लिए काम करते आ रहे हैं और इस तरह के अधिकारी का ट्रांसफर करना सरासर गलत है. उन्होंने कहा जब तक आरएम के ट्रांसफर ऑर्डर रद्द नहीं किए जाते, तब तक वह बस संचालन नहीं करेंगे.
बता दें कि आरएम के ट्रांसफर ऑर्डर ईएम की ओर से जारी किए गए हैं. वहीं, इस मामले पर अब तक अधिकारी स्तर पर कोई बात नहीं हो पाई है. फिलहाल इस मामले को लेकर शिमला बस अड्डे से दोपहर 3 बजे से बस संचालन है. बस संचालन बंद होने की वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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