शिमला: आस्था के पर्व नवरात्रि पर हिमाचल सरकार ने प्रदेश की जनता को एक बड़ी सौगात दी है. हिमाचल पथ परिवहन निगम और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से मिलकर प्रदेश के अंदर श्रद्धालुओं के लिए एक नई पहल शुरू की गई है. इसके तहत प्रदेश में सीधी बस सुविधा से श्रद्धालुओं को शक्तिपीठों के दर्शन करवाए जाएंगे. शुरू-शुरू में इस बस की शुरुआत धर्मशाला से होगी, जिसके बाद चिंतपूर्णी के साथ-साथ लोगों को ज्वालामुखी के दर्शन भी कराए जाएंगे. इसके बाद योजना का विस्तार होगा और अन्य मंदिरों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा. इसकी हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी. साथ ही उन्होंने ऐतिहासिक मंदिरों की दुर्दशा के लिए पुरातत्व विभाग को भी खूब लताड़ा.
योजना में जोड़े जाएंगे करीब 24 मंदिर: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल देवभूमि है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के मंदिरों के लिए एक नई "दर्शन" योजना की शुरुआत की गई है. जिसमें मंदिरों के लिए एचआरटीसी बस के जरिए दर्शन यात्रा करवाई जाएगी. शुरुआती दौर में केवल एक दिन में दर्शन करवाने की योजना है. इसमें धर्मशाला से चिंतपूर्णी और फिर ज्वालामुखी के दर्शन करवा कर श्रद्धालुओं को वापस धर्मशाला छोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना का अभी और विस्तार होगा. जिसके तहत प्रदेश के बड़े धार्मिक स्थलों के अलावा बाहरी राज्यों के धार्मिक स्थलों के लिए भी सीधी बसें शुरू की जाएगी. दो दर्जन मंदिरों को इस योजना से जोड़ने का प्लान है और इसके लिए नंबर भी जल्द जारी कर दिए जाएंगे.
पुरातत्व विभाग को लगाई डांट: वहीं, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस दौरान प्रदेश के पुरातन मंदिरों की बिगड़ती स्थिति को लेकर पुरातत्व विभाग को सचेत रहने बात कही. डिप्टी सीएम ने लाहौल स्पीति जिले में स्थित मृकुला माता मंदिर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह प्राचीन मंदिर बहुत भव्य है और पूरे देश के धार्मिक इतिहास इसकी दीवारों पर उकेरे गए हैं, लेकिन आज उसकी दशा बेदह खराब है. ऐसे पुरातन मंदिरों के जीर्णोद्धार के जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग की है, लेकिन विभाग में केवल मंदिरों को दर्ज करने से हल नहीं होगा. प्रदेश में ऐसे और भी मंदिर है जिसको लेकर वह विभाग को जल्द चिट्ठी भी लिखेंगे.