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एचआरटीसी बीओडी की बैठक: कर्मचारियों की मांगों को किया गया अनसुना, जानें किसने लगाया आरोप

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Published : Mar 23, 2022, 4:59 PM IST

हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति का आरोप है कि बीओडी की बैठक में कर्मचारियाें की मांगाें काे (HRTC BOD meeting in Shimla)अनसुना किया गया. समिति के अध्यक्ष समर चौहान और सचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि एचआरटीसी निदेशक मंड की बैठक मंगलावर को हुई, इसमें निगम कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी.

HRTC BOD meeting in Shimla
एचआरटीसी बीओडी की बैठक

शिमला: हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति का आरोप है कि बीओडी की बैठक में कर्मचारियाें की मांगाें काे (HRTC BOD meeting in Shimla)अनसुना किया गया. समिति के अध्यक्ष समर चौहान और सचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि एचआरटीसी निदेशक मंड की बैठक मंगलावर को हुई, इसमें निगम कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी. कर्मचारी लंबें समय से अपने देय वित्तीय भुगतानों की अदायगी की आस लगाए बैठे थे, लेकिन इससे संबंधित एक मामला बैठक में नहीं उठाया गया. बैठक केवल लोन लेकर मात्र नई बसें खरीदने के लिए बुलाई गई थी.

निगम में पहले ही बसों का भारी भरकम बेड़ा उपलब्ध है, जिनमें से सैकड़ों बसें अभी भी बिना प्रयोग के खड़ी हुई है. पहले इन खड़ी बसों को संपूर्ण उपयोग में लाने की योजना पर कार्य किया जाना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के वित्तीय लाभों में अभी भी चालकों-परिचालकों के 36 महीनों के नाइट ओवरटाइम की अदायगी, वर्ष 2018 से लंबित कर्मचारियों के डीए का एरियर, अनुबंध पर कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित करना, चालकों को 9880 का वेतनमान बहाल करना, पेंशन के लिए प्रदेश सरकार के बजट में प्रावधान करना आदि मांगों को लंबित रखा हुआ है.

शिमला: हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति का आरोप है कि बीओडी की बैठक में कर्मचारियाें की मांगाें काे (HRTC BOD meeting in Shimla)अनसुना किया गया. समिति के अध्यक्ष समर चौहान और सचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि एचआरटीसी निदेशक मंड की बैठक मंगलावर को हुई, इसमें निगम कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी. कर्मचारी लंबें समय से अपने देय वित्तीय भुगतानों की अदायगी की आस लगाए बैठे थे, लेकिन इससे संबंधित एक मामला बैठक में नहीं उठाया गया. बैठक केवल लोन लेकर मात्र नई बसें खरीदने के लिए बुलाई गई थी.

निगम में पहले ही बसों का भारी भरकम बेड़ा उपलब्ध है, जिनमें से सैकड़ों बसें अभी भी बिना प्रयोग के खड़ी हुई है. पहले इन खड़ी बसों को संपूर्ण उपयोग में लाने की योजना पर कार्य किया जाना चाहिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के वित्तीय लाभों में अभी भी चालकों-परिचालकों के 36 महीनों के नाइट ओवरटाइम की अदायगी, वर्ष 2018 से लंबित कर्मचारियों के डीए का एरियर, अनुबंध पर कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित करना, चालकों को 9880 का वेतनमान बहाल करना, पेंशन के लिए प्रदेश सरकार के बजट में प्रावधान करना आदि मांगों को लंबित रखा हुआ है.

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