शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इन दिनों किसी ना किसी कारनामे की वजह से सुर्खियों में है. ऐसा ही एक ओर कारनामा एचपीयू का अब सामने आया है. जिसने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सबसे बड़ा सवाल उठाया है. अभी कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से बीएड काउसलिंग का शेड्यूल जारी किया गया था.
विश्वविद्यालय की ओर से यह अधिसूचना छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लैटर पैड पर जारी कर दी गई थी. यही नोटिफिकेशन विश्वविद्यालय ने एचपीयू की वेबसाइट पर भी अपलोड कर सभी छात्रों को उपलब्ध करवा दी थी, लेकिन जैसे ही विवि प्रशासन को इसकी भनक लगी तो आनन-फानन में इस नोटिफिकेशन में बदलाव किया गया.
विश्वविद्यालय का भगवाकरण करने के आरोप
अब इस मामले को उठाते हुए छात्र संगठन एनएसयूआई ने विवि का भगवाकरण करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बीएड की काउंसलिंग के लिए 1 जनवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी वेबसाइट पर बीएड काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया था. विश्वविद्यालय की ओर से जिस लेटर पैड का इस्तेमाल इस अधिसूचना को जारी करने के लिए किया गया था उस पर एबीवीपी का लोगो बना हुआ था. जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लिखा गया है. शुक्रवार रात करीब 11:00 बजे इस अधिसूचना को एचपीयू प्रशासन ने बदला.
NSUI ने मंशा पर उठाए सवाल
एनएसयूआई छात्र इकाई के अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास का कहना है कि विश्वविद्यालय में लगातार इस तरह के काम हो रहे हैं. विश्वविद्यालय का भगवाकरण किया जा रहा है. विवि में जहां संघ की विचारधारा से जुड़े लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं. वहीं, आधिकारिक अधिसूचनाओं के लिए भी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का लैटर पैड का इस्तेमाल एचपीयू कर रहा है. इससे एचपीयू की कार्यप्रणाली के साथ ही उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं. इस तरह की बड़ी चूक किस तरह से प्रशासन की ओर से की जा सकती है. इस पर एनएसयूआई ने जवाब मांगा है.
मामले में अपना स्पष्टीकरण दे विश्वविद्यालय प्रशासन
वहीं, एनएसयूआई ने साफ किया है कि विश्वविद्यालय इस मामले में स्थिति को स्पष्ट नहीं किया तो एनएसयूआई की ओर से उग्र आंदोलन विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ शुरू किया जाएगा.