शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय दूरवर्ती शिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केंद्र की मान्यता पर अब कोई खतरा नहीं है. केंद्र अब आसानी से प्रवेश छात्रों को इक्डोल में चल रहे कोर्सेज में दे सकेगा. इसमें किसी भी तरह की रूकावट अब मान्यता की वजह से नहीं आएगी.
इक्डोल को यह राहत यूजीसी के नए रेगुलेशन 2020 के तहत मिली है. इस रेगुलेशन में अब दूरवर्ती शिक्षा केंद्र को नैक से 3.26 अंक प्राप्त करने की शर्त हटा कर इस क्राइटेरिया को कम कर के 3.01 कर दिया है. इस क्राइटेरिया के कम होने से अब इक्डोल को भी राहत मिली है. इक्डोल भी इस क्राइटेरिया को पूरा कर रहा है जिससे उनकी मान्यता पर अब कोई खतरा नहीं रहेगा.
इस से पहले यूजीसी ने अपने रेगुलेशन में यह तय किया था कि की दूरवर्ती शिक्षा अध्ययन केंद्रो को नए कोर्स शुरू करने और बैच बैठाने के लिए नैक से 3.26 अंक लेना अनिर्वाय है. इस शर्त की वजह से एचपीयू इक्डोल को भी अपनी मान्यता से हाथ धोना पड़ा था.
पॉइंट्स में छूट खुद यूजीसी ने ही दे दी
इक्डोल को ना तो बैच बैठाने की अनुमति मिल रही थी और ना ही जिसके बाद इस मुद्दे को एचपीयू ने यूजीसी के समक्ष रखा था. जिसके बाद उनकी मान्यता इस शर्त पर बहाल की गई थी कि वह नैक से 3.26 पॉइंट स्कोर प्राप्त कर नियमों को पूरा करेगा, लेकिन अब इन पॉइंट्स में छूट खुद यूजीसी ने ही दे दी है.
नैक से 3.26 सीजीपीए प्राप्त करने का नियम रखा था
इक्डोल के निदेशक प्रो. कुलवंत सिंह पठानिया ने कहा कि यूजीसी ने पहले यह तय किया था कि दूरवर्ती शिक्षा मुक्त अध्ययन केंद्रों को नैक से 3.26 सीजीपीए प्राप्त करने का नियम रखा था. जिसमें अब छूट देकर उसे 3.01 कर दिया है. नए रेगुलेशन में यह प्रावधान किया गया है जिससे एचपीयू इक्डोल 1 सहित अन्य कई विश्वविद्यालयों को बढ़ी राहत मिली है.
अब प्रवेश में कोई दिक्कतें इक्डोल को नहीं आए
उन्होंने बताया कि एचपीयू का नैक से प्राप्त स्कोर 3.23 सीजीपीए था. जिसकी वजह से मान्यता की दिक्कतें इक्डोल को भी आ रही थी, लेकिन अब यूजीसी ने जब यह सीजीपीए स्कोर घटाया है तो उससे इक्डोल को भी राहत मिली है. अब प्रवेश में कोई दिक्कतें इक्डोल को नहीं आएगी.
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