ETV Bharat / state

HPU प्रशासन की बड़ी लापरवाही, बिना NOC वाले भवनों में रह रहे छात्र - HPU प्रशासन

एचपीयू के पास सालों से करोड़ों की लागत से तैयार किए गए भवनों में की एनओसी नहीं है . हैरत की बात यह है कि विश्वविद्यालय में कई भवन 10 से 12 साल पहले तैयार कर दिए गए थे, लेकिन विवि प्रशासन अभी तक इन भवनों की एनओसी ही नहीं ले पाया है. अब जब यह मामला सामने आया है तो विश्वविद्यालय के कुलपति इस प्रक्रिया को पूरा करने में लग गए हैं.

पुस्तकालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय.
author img

By

Published : Jul 11, 2019, 11:08 PM IST

शिमला: विश्वविद्यालय प्रशासन के पास बहुत से ऐसे भवन है, जिन्हें बनाकर तैयार कर दिया गया है और बिना एनओसी के इन भवनों में छात्रों सहित शिक्षकों को भी ठहराया जा रहा है. विश्वविद्यालय के पास वर्षों पहले बने गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल के साथ ही अकादमी स्टाफ कॉलेज, ट्राईबल हॉस्टल के अलावा अन्य कई भवनों की एनओसी ही नहीं है.

एनओसी ना होने की वजह से अब अब विश्वविद्यालय प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन इन भवनों में कोई भी कार्य प्रशासन नहीं कर पा रहा है. यही वजह है कि अब आनन-फानन में इस प्रक्रिया को विश्वविद्यालय कुलपति के आदेशों पर पूरा किया जा रहा है. एचपीयू में एक ट्राइबल हॉस्टल का भवन वर्षों पहले बनाकर तैयार कर दिया गया है. इस भवन में करोड़ों का खर्च हुआ है, लेकिन भवन की एनओसी एचपीयू के पास न होने के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन इस भवन में न तो पानी और बिजली का कनेक्शन नहीं ले पा रहा है. इसके अलावा कई भवन ऐसे भी है जो बनकर पूरी तरह से तैयार हो गए हैं और भवनों में छात्रों सहित शिक्षक भी इन भवनों में रह रहे हैं, लेकिन सरकार और लोकनिर्माण विभाग का इस ओर कोई ध्यान गया.

ये मामला एचपीयू के संज्ञान में तब आया जब कई भवनों पर खर्च किए गए बजट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट ही एचपीयू नहीं दे पाया. ऐसे में पता चला कि बजट खर्च कर भवन तो करोड़ों की लागत से खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन उनकी एनओसी एचपीयू के पास है ही नहीं.

इस पूरे मामले पर एचपीयू कुलपति प्रो सिंकदर कुमार का कहना है कि बहुत से भवन ऐसे हैं, जिनकी एनओसी एचपीयू के पास नहीं है और न ही लेने का प्रयास किया गया है. अब प्राथमिकता के तौर पर कॉर्पोरेशन और सरकार के विभाग से बात कर एनओसी लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है.

शिमला: विश्वविद्यालय प्रशासन के पास बहुत से ऐसे भवन है, जिन्हें बनाकर तैयार कर दिया गया है और बिना एनओसी के इन भवनों में छात्रों सहित शिक्षकों को भी ठहराया जा रहा है. विश्वविद्यालय के पास वर्षों पहले बने गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल के साथ ही अकादमी स्टाफ कॉलेज, ट्राईबल हॉस्टल के अलावा अन्य कई भवनों की एनओसी ही नहीं है.

एनओसी ना होने की वजह से अब अब विश्वविद्यालय प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन इन भवनों में कोई भी कार्य प्रशासन नहीं कर पा रहा है. यही वजह है कि अब आनन-फानन में इस प्रक्रिया को विश्वविद्यालय कुलपति के आदेशों पर पूरा किया जा रहा है. एचपीयू में एक ट्राइबल हॉस्टल का भवन वर्षों पहले बनाकर तैयार कर दिया गया है. इस भवन में करोड़ों का खर्च हुआ है, लेकिन भवन की एनओसी एचपीयू के पास न होने के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन इस भवन में न तो पानी और बिजली का कनेक्शन नहीं ले पा रहा है. इसके अलावा कई भवन ऐसे भी है जो बनकर पूरी तरह से तैयार हो गए हैं और भवनों में छात्रों सहित शिक्षक भी इन भवनों में रह रहे हैं, लेकिन सरकार और लोकनिर्माण विभाग का इस ओर कोई ध्यान गया.

ये मामला एचपीयू के संज्ञान में तब आया जब कई भवनों पर खर्च किए गए बजट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट ही एचपीयू नहीं दे पाया. ऐसे में पता चला कि बजट खर्च कर भवन तो करोड़ों की लागत से खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन उनकी एनओसी एचपीयू के पास है ही नहीं.

इस पूरे मामले पर एचपीयू कुलपति प्रो सिंकदर कुमार का कहना है कि बहुत से भवन ऐसे हैं, जिनकी एनओसी एचपीयू के पास नहीं है और न ही लेने का प्रयास किया गया है. अब प्राथमिकता के तौर पर कॉर्पोरेशन और सरकार के विभाग से बात कर एनओसी लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है.

Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वर्षों से करोड़ों की लागत से तैयार किए गए भवनों में की एनओसी की विश्वविद्यालय के पास नहीं है । हैरत की बात यह है कि विश्वविद्यालय में कई भवन आज से 10 से 12 साल पहले तैयार कर दिए गए थे लेकिन अभी तक इन भवनों की एनओसी यानी कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट ही विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं ले पाया है। अब जब यह मामला सामने आया है तो विश्वविद्यालय के कुलपति इस प्रक्रिया को पूरा करने में लग गए हैं । विश्वविद्यालय प्रशासन के पास बहुत से ऐसे भवन है जिन्हें बनाकर तैयार कर दिया गया है और उन्हें छात्रों सहित शिक्षकों को भी ठहराया जा रहा है पर उन भवनों की एनओसी अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं ले पाया है।


Body:विश्वविद्यालय के पास वर्षों पहले बने गर्ल्स ओर बॉयज हॉस्टल के साथ ही अकादमी स्टाफ कॉलेज, ट्राईबल हॉस्टल के अलावा अन्य कई भवनों की एनओसी ही नहीं है। एनओसी ना होने की वजह से अब दिक्कतों का सामना विश्वविद्यालय प्रशासन को करना पड़ रहा है। इन भवनों में कोई भी कार्य प्रशासन नहीं कर पा रहा है। यही वजह है कि अब आनन-फानन में इस प्रक्रिया को विश्वविद्यालय कुलपति के आदेशों पर पूरा किया जा रहा है।एचपीयू में एक ट्राइबल हॉस्टल जिसे वर्षों पहले बना कर तैयार कर दिया गया है ओर उसमें करोड़ो का खर्च हुआ है लेकिन उसकी एनओसी एचपीयू के पास ना होने के चलते उस भवन में ना तो पानी का कनेक्शन ओर ना ही बिजली का कनेक्शन एचपीयू ले पा रहा है। इस वजह से इस हॉस्टल के पूरा तैयार होने के बाद भी इसमें छात्रों को ठहरने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। बड़ी बात यह भी है कि भवन बन कर तैयार हो गए और छात्रों सहित शिक्षक इन भवनों में रहने भी लग गए लेकिन ना तो सरकार और ना ही लोकनिर्माण विभाग का इस ओर कोई ध्यान गया। अब बड़ी बात यह भी है कि जब भवनों की एनओसी ही एचपीयू के पास नहीं है तो किस तरह से सुविधाएं इन भवनों में एचपीयू ने मुहैया करवाई है।


Conclusion:एचपीयू के संज्ञान में भी मामला तब आया जब क़ई भवनों पर ख़र्च किए गए बजट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट ही एचपीयू नहीं दे पाया। ऐसे में पता चला कि बजट खर्च कर भवन तो करोड़ो की लागत से खड़े कर दिए गए है लेकिन उनकी एनओसी एचपीयू के पास है ही नहीं। एचपीयू कुलपति प्रो.सिंकदर कुमार का इस पूरे मामले पर कहना है कि बहुत से भवन ऐसे है जिनकी एनओसी एचपीयू के पास नहीं है और ना ही लेने का प्रयास किया गया है। अभी जब हाल ही में एक दो भवनों में कुछ कार्य करवाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाही तो उस समय यह ज्ञात हुआ कि उन भवनों की एनओसी ही एचपीयू के पास नहीं है। ऐसे में अब खुद प्राथमिकता के तौर पर कॉर्पोरेशन ओर सरकार के विभाग से बात कर एनओसी लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.